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अलवर में चलेगा 14 दिवसीय नेत्रदान जागरूकता अभियान - नेत्रदान जागरूकता अभियान खबर

अलवर में नेत्रदान के प्रति जागरूक करने के लिए 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाएगा. इसके तहत लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित किया जएगा.

अलवर नेत्रदान जागरूकता अभियान, Alwar eyedonation awareness campaign
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Published : Aug 26, 2019, 2:17 AM IST

अलवरः शहर के स्वरूप विलास होटल में प्रेस वार्ता के दौरान ए बी एस आर के समन्वय डॉ हर्ष कुमार शर्मा ने बताया 25 अगस्त से 8 सितंबर तक अलवर सहित देशभर में नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाएगा. जिसके तहत लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक किया जाएगा और नेत्रदान से होने वाले फायदों के बारे में बताया जाएगा.

राजस्थान में अलवर के अलावा अजमेर, कोटा, भीलवाड़ा, जोधपुर, उदयपुर और पाली जिलों में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा. बता दें कि अलवर में अब तक 19 लोग अपने नेत्र दान कर चुके हैं. तो वहीं लगातार नेत्रदान करने के लिए लोग आगे आ रहे हैं और आवेदन भी कर रहे हैं.

पढ़ेंः उदयपुरः जन्माष्टमी पर पुरुषों को टक्कर देंगी नन्हीं बालिकाएं, शनिवार शाम होगा महा मुकाबला

डॉ हर्ष कुमार ने बताया इस पखवाड़े के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में लोगों को जाकर जागरूक किया जाएगा. इस दौरान इच्छुक लोग नेत्र ज्योति मित्र बन सकते हैं. तो वहीं शहर में घर-घर जाकर लोगों को नेत्रदान करने के लिए संकल्प पत्र भरवाएं जाएंगे. नेत्र ज्योति मित्र किसी व्यक्ति की मौत होने पर उन लोगों को नेत्रदान करने के लिए जागरूक करेंगे.

बता दें कि जिले के प्रमुख नेत्र विशेषज्ञों के साथ निदान के संबंध में वार्ता करते हुए 27 अगस्त को सामान्य अस्पताल से होप सर्कस सुबह 8 बजे एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी. इसके अलावा अलवर आकाशवाणी पर नेत्रदान के संबंध में लोगों को जानकारी दी जाएगी और शहर के महाविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन होगा.

पढ़ेंः उदयपुर: स्टेट हाईवे-53 पर बने बड़े-बड़े गड्ढें...हादसों को दे रहे न्यौता

डॉ हर्ष कुमार ने कहा कि नेत्रदान दिव्यांग और वृद्ध जन सेवा समिति की तरफ से भी अलवर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान के तहत इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन होगा.

हर्ष कुमार ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान के बाद नेत्रों को जयपुर के नेत्र बैंक में रख दिया जाता है उसके बाद वहां जरूरत के हिसाब से लोगों को नेत्र लगाए जाते हैं. नेत्रदान के दौरान कोर्निया लिया जाता है.

पढ़ेंः छात्र संघ चुनाव जीतने के बाद भी छात्रों के लिए 365 दिन संघर्ष करूंगा: NSUI प्रत्याशी

बता दें कि अलवर में लोगों का रुझान रहा तो जल्द ही नेत्रदान बैंक खोलने की योजना चल रही है. इससे अलवर में नेत्रदान के बाद लोगों को ही वहीं आंखे भी लग सकेंगी.

अलवरः शहर के स्वरूप विलास होटल में प्रेस वार्ता के दौरान ए बी एस आर के समन्वय डॉ हर्ष कुमार शर्मा ने बताया 25 अगस्त से 8 सितंबर तक अलवर सहित देशभर में नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाएगा. जिसके तहत लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक किया जाएगा और नेत्रदान से होने वाले फायदों के बारे में बताया जाएगा.

राजस्थान में अलवर के अलावा अजमेर, कोटा, भीलवाड़ा, जोधपुर, उदयपुर और पाली जिलों में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा. बता दें कि अलवर में अब तक 19 लोग अपने नेत्र दान कर चुके हैं. तो वहीं लगातार नेत्रदान करने के लिए लोग आगे आ रहे हैं और आवेदन भी कर रहे हैं.

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डॉ हर्ष कुमार ने बताया इस पखवाड़े के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में लोगों को जाकर जागरूक किया जाएगा. इस दौरान इच्छुक लोग नेत्र ज्योति मित्र बन सकते हैं. तो वहीं शहर में घर-घर जाकर लोगों को नेत्रदान करने के लिए संकल्प पत्र भरवाएं जाएंगे. नेत्र ज्योति मित्र किसी व्यक्ति की मौत होने पर उन लोगों को नेत्रदान करने के लिए जागरूक करेंगे.

बता दें कि जिले के प्रमुख नेत्र विशेषज्ञों के साथ निदान के संबंध में वार्ता करते हुए 27 अगस्त को सामान्य अस्पताल से होप सर्कस सुबह 8 बजे एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी. इसके अलावा अलवर आकाशवाणी पर नेत्रदान के संबंध में लोगों को जानकारी दी जाएगी और शहर के महाविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन होगा.

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डॉ हर्ष कुमार ने कहा कि नेत्रदान दिव्यांग और वृद्ध जन सेवा समिति की तरफ से भी अलवर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान के तहत इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन होगा.

हर्ष कुमार ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान के बाद नेत्रों को जयपुर के नेत्र बैंक में रख दिया जाता है उसके बाद वहां जरूरत के हिसाब से लोगों को नेत्र लगाए जाते हैं. नेत्रदान के दौरान कोर्निया लिया जाता है.

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बता दें कि अलवर में लोगों का रुझान रहा तो जल्द ही नेत्रदान बैंक खोलने की योजना चल रही है. इससे अलवर में नेत्रदान के बाद लोगों को ही वहीं आंखे भी लग सकेंगी.

Intro:
अलवर।
लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक करने के लिए 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके तहत लोगों को नेत्रदान से होने वाले फायदे व नेत्रदान करने के लिए जागरूक किया जाएगा। अलवर में अब तक 19 लोग अपने नेत्र दान कर चुके हैं। तो वहीं लगातार नेत्रदान करने के लिए लोग आगे आ रहे हैं व आवेदन कर रहे हैं।


Body:अलवर के स्वरूप विलास होटल में प्रेस वार्ता के दौरान ए बी एस आर के समन्वय डॉ हर्ष कुमार शर्मा ने बताया 25 अगस्त से 8 सितंबर तक अलवर सहित देशभर में नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके तहत लोगों को नेत्रदान के लिए जागरूक किया जाएगा व नेत्रदान से होने वाले फायदों के बारे में बताया जाएगा। राजस्थान में अलवर के अलावा अजमेर कोटा भीलवाड़ा जोधपुर उदयपुर पाली जिलों में यह कार्यक्रम चलेगा। डॉ हर्ष कुमार ने बताया कि पखवाड़े के तहत सरकारी व निजी अस्पतालों में लोगों को जाकर जागरूक किया जाएगा। तो वहीं इसी तरह से पार्क को चौराहों अस्पतालों में मरीज व उनके परिजनों को पंपलेट भी दिए जाएंगे। जिले के प्रमुख नेत्र विशेषज्ञों के साथ निदान के संबंध में वार्ता करते हुए 27 अगस्त को सामान्य अस्पताल से होप सर्कस सुबह 8 बजे एक जागरूकता रैली निकाली जाएगी। इसके अलावा अलवर आकाशवाणी पर नेत्रदान के संबंध में लोगों को जानकारी दी जाएगी व शहर के महाविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन होगा। इस दौरान इच्छुक लोग नेत्र ज्योति मित्र बन सकते हैं। तो वही शहर में घर-घर जाकर लोगों को नेत्रदान करने के लिए संकल्प पत्र भरे जाएंगे। नेत्र ज्योति मित्र किसी व्यक्ति की मौत होने पर उन लोगों को नेत्रदान करने के लिए जागरूक करेंगे।


Conclusion:उन्होंने कहा कि नेत्रदान दिव्यांग एवं वृद्ध जन सेवा समिति की तरफ से भी अलवर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान के तहत इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन होगा। डॉ हर्ष कुमार ने कहा कि अलवर जिले में अभी तक 19 लोग अपने नेत्रदान कर चुके हैं। नेत्रदान के बाद नेत्रों को जयपुर के नेत्र बैंक में रख दिया जाता है। उसके बाद वहां जरूरत के हिसाब से लोगों को नेत्र लगाए जाते हैं। हर्ष कुमार ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान के दौरान कोर्निया लिया जाता है। अलवर में भी जल्द ही नेत्रदान बैंक खोलने की योजना चल रही है। लोगों का रुझान रहा तो जल्द ही नेत्रदान बैंक खुलेगा। इससे अलवर में नेत्रदान के बाद अलवर के लोगों को ही वह आके लग सकेंगी।

बाइट- डॉ हर्ष कुमार, जिला समन्वयक
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