अजमेर. कोरोना महामारी दुगनी रफ्तार से पैर पसार रही है. राज्य सरकार के निर्देश पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ज्यादा से ज्यादा चिन्हित करने के लिए सैंपलिंग बढ़ाई गई है. वहीं दूसरी ओर मास्क ओर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सख्ती की जा रही है. बावजूद इसके संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में कोरोना जांच को लेकर और लापरवाही बरती जा रही है. कोरोना जांच के लिए लंबी कतारें लोगों की लगी हुई है. ऐसा लग रहा है कि लोग जांच करवाने नहीं कोरोना संक्रमण लेने आए हैं.
यह नजारा संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में ट्रॉमा वार्ड के समीप का है. दर्जनों लोग कोरोना जांच करवाने के लिए अपनी बारी का कतार में इंतजार कर रहे हैं. खास बात यह है कि कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए लोगों को मौके पर 3 गार्ड भी तैनात है. बावजूद इसके कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करवाई जा रही है. गार्ड केवल अपने मिलने जुलने वाले लोगों को स्टाफ का हवाला देते हुए उनकी जांच और पंजीयन में सहयोग कर रहे हैं, जबकि जांच करवाने आए लोग घंटों से अपनी बारी का कतार में इंतजार कर रहे हैं.
इतना ही नहीं सीआरपीएफ भर्ती में आई महिला अभ्यार्थियों की कोरोना जांच तक में किसी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं की गई. कतार में लोग ठस कर खड़े थे. कोरोना की जांच करवाने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण के शिकार लोग भी हैं. ऐसे में कोरोना इन कतारों को देखते हुए कितनी गति से चलेगा इसका अंदाजा आप देख कर ही लगा सकते हैं.
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एक ओर कोरोना जांच की जा रही है. वहीं दूसरी ओर जांच कराने वाले व्यक्तियों का पंजीयन किया जा रहा है. कतार में खड़े लोगों का आरोप है कि पंजीयन करने वाला स्टाफ अपनी मनमानी कर रहा है. कोई मोबाइल पर व्यस्त है तो कोई बातों में समय निकाल रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने वाले कार्ड अपने मिलने जलने वालों को पहले जांच और पंजीयन करवा रहे हैं. इस तरह से संक्रमण फैलने का खतरा और भी बढ़ गया है. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में यह घोर लापरवाही हो रही है, लेकिन जिम्मेदारों की कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.