अजमेर. समाज में बाल यौन शौषण के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए जरूरी है कि बच्चे उन्हें स्पर्श करने वाले लोगों की मानसिकता को समझें. पहले बच्चों को यह समझना होगा कि स्पर्श बुरा है या अच्छा. इसी के चलते अजमेर में 'स्पर्श एक पहल' कार्यक्रम के तहत सभी स्कूलों में महत्वपूर्ण जानकारी देकर बच्चों को स्पर्श के प्रति जागरूक किया जा रहा है.
अजमेर में तोपदड़ा स्कूल में 'स्पर्श एक पहल' की कॉर्डिनेटर हिना व्यास के नेतृत्व में उनकी टीम ने बच्चों को लैपटॉप पर शार्ट फिल्म दिखाकर और मौखिक रूप से स्पर्श के बारे में जानकारी दी. जिससे बच्चे स्पर्श करने वाले की मंशा को बच्चें भांप सके एवं इसके बारे में वे अपने माता-पिता को बता सके.
'स्पर्श एक पहल' कार्यक्रम की टीम ने बच्चों को अच्छा एवं बुरा स्पर्श को महसूस करने के बारे महत्वपूर्ण जानकारी दी. टीम की कॉर्डिनेटर हीना व्यास ने बताया कि तीस सदस्यों की टीम अजमेर के हर स्कूल में कक्षा 1 से आठवीं तक के बच्चों को स्पर्श के बारे में जागरूक कर रही है.
व्यास ने बताया कि स्पर्श कार्यक्रम का मकसद बच्चों में जागरूकता लाना है, ताकि समाज में बाल यौन शोषण के बढ़ रहे मामले रुक सके. बता दें कि 'स्पर्श एक पहल' कार्यक्रम में अजमेर की अनेक संस्थाए भी सहयोग दे रही हैं.