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जानलेवा लापरवाही: स्मार्ट सिटी बनने जा रहे अजमेर में 25 फीट चौड़े गड्ढे के चारों और सुरक्षा के नहीं हैं कोई इंतजाम

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Published : Mar 31, 2021, 11:04 PM IST

अजमेर स्मार्ट सिटी योजना के तहत एलिवेटेड ब्रिज निर्माण का कार्य जारी है. निर्माणाधीन कार्य के बीच आमजन की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही संबंधित ठेकेदार फर्म की ओर से बढ़ती जा रही है. अजमेर का सबसे व्यस्तम पृथ्वीराज मार्ग है, जहां सड़क पर 25 फ़ीट चौड़ा गड्डा खोदा गया है. गड्ढे के भीतर चारों ओर जीर्ण शीर्ण पिलर हैं जिनमें सरिए लगे हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से गड्ढे को बैरिकेड लगाकर कवर भी नहीं किया गया है. इससे हादसे की आशंका बनी हुई है.

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स्मार्ट सिटी बनने जा रहे अजमेर में 25 फीट चौड़े गड्ढे के चारों और सुरक्षा के नहीं हैं कोई इंतजाम

अजमेर. अजमेर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत एलिवेटेड ब्रिज निर्माण का कार्य जारी है. निर्माणाधीन कार्य के बीच आमजन की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही संबंधित ठेकेदार फर्म की ओर से बढ़ती जा रही है. अजमेर का सबसे व्यस्तम पृथ्वीराज मार्ग है, जहां सड़क पर 25 फ़ीट चौड़ा गड्डा खोदा गया है. गड्ढे के भीतर चारों ओर जीर्ण शीर्ण पिलर हैं जिनमें सरिए लगे हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से गड्ढे को बैरिकेड लगाकर कवर भी नहीं किया गया है. इससे हादसे की आशंका बनी हुई है.

पढे़ं: मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना : पंजीयन के लिए 1 से 10 अप्रैल तक शिविर

नगर निगम के समीप पृथ्वीराज मार्ग पर बना 25 फीट चौड़ा विशाल गड्ढा अजमेर स्मार्ट सिटी की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों में आमजन की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही की पोल खोल रहा है. खाई के दोनों और 8-8 फीट की सड़क शेष रह गई है. गड्ढे में कोई हादसे का शिकार ना हो इसलिए बैरिकेडिंग करना आवश्यक था लेकिन ऐसा लगता है कि एलिवेटेड ब्रिज निर्माण के लिए ठेकेदार फर्म को आमजन की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है.

निगम की जानलेवा लापरवाही

खास बात यह है कि नगर निगम क्या अधिकारी मेयर और पार्षद भी इसी गड्ढे के सहारे से होकर नगर निगम पहुंचते हैं. लेकिन उन्हें भी यह घोर लापरवाही दिखाई नहीं दे रही है. जबकि नगर निगम के आयुक्त डॉ. खुशाल यादव स्वयं अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी हैं. अजमेर व्यापार एसोसिएशन के पदाधिकारियों में इस घोर लापरवाही को लेकर रोष व्याप्त है. पदाधिकारी कमल गंगवाल का कहना है कि यह घोर लापरवाही किसी भी व्यक्ति के लिए काल का ग्रास बन सकती है. गड्ढे में गिरने के बाद नीचे लगे सरियों की वजह से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.

गड्ढे के चारों ओर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. जबकि पहले आमजन की सुरक्षा के लिए गड्ढे के चारों ओर बैरिकेडिंग की जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि मार्ग से बड़े छोटे वाहन गुजरते हैं. हादसे का अंदेशा बना रहता है. अजमेर तीर्थ नगरी है यहां जायरीन और श्रद्धालु आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे अजमेर की यह दशा देखकर जायरीन भी अजमेर की कैसी छवि लेकर वापस लौटेंगे.

राहगीर राजकुमार गर्ग ने कहा कि नगर निगम के मेयर पार्षद और अधिकारियों को यह घोर लापरवाही दिखाई नहीं दे रही है. कोई हादसा होने पर ही प्रशासन की नींद खुलेगी. गर्ग ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल संबंधित ठेकेदार फर्म को पाबंद करें कि गड्ढे के चारों और सुरक्षा के लिहाज से बैरिकेडिंग लगाएं.

अजमेर. अजमेर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत एलिवेटेड ब्रिज निर्माण का कार्य जारी है. निर्माणाधीन कार्य के बीच आमजन की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही संबंधित ठेकेदार फर्म की ओर से बढ़ती जा रही है. अजमेर का सबसे व्यस्तम पृथ्वीराज मार्ग है, जहां सड़क पर 25 फ़ीट चौड़ा गड्डा खोदा गया है. गड्ढे के भीतर चारों ओर जीर्ण शीर्ण पिलर हैं जिनमें सरिए लगे हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टि से गड्ढे को बैरिकेड लगाकर कवर भी नहीं किया गया है. इससे हादसे की आशंका बनी हुई है.

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नगर निगम के समीप पृथ्वीराज मार्ग पर बना 25 फीट चौड़ा विशाल गड्ढा अजमेर स्मार्ट सिटी की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों में आमजन की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही की पोल खोल रहा है. खाई के दोनों और 8-8 फीट की सड़क शेष रह गई है. गड्ढे में कोई हादसे का शिकार ना हो इसलिए बैरिकेडिंग करना आवश्यक था लेकिन ऐसा लगता है कि एलिवेटेड ब्रिज निर्माण के लिए ठेकेदार फर्म को आमजन की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है.

निगम की जानलेवा लापरवाही

खास बात यह है कि नगर निगम क्या अधिकारी मेयर और पार्षद भी इसी गड्ढे के सहारे से होकर नगर निगम पहुंचते हैं. लेकिन उन्हें भी यह घोर लापरवाही दिखाई नहीं दे रही है. जबकि नगर निगम के आयुक्त डॉ. खुशाल यादव स्वयं अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी हैं. अजमेर व्यापार एसोसिएशन के पदाधिकारियों में इस घोर लापरवाही को लेकर रोष व्याप्त है. पदाधिकारी कमल गंगवाल का कहना है कि यह घोर लापरवाही किसी भी व्यक्ति के लिए काल का ग्रास बन सकती है. गड्ढे में गिरने के बाद नीचे लगे सरियों की वजह से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.

गड्ढे के चारों ओर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. जबकि पहले आमजन की सुरक्षा के लिए गड्ढे के चारों ओर बैरिकेडिंग की जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि मार्ग से बड़े छोटे वाहन गुजरते हैं. हादसे का अंदेशा बना रहता है. अजमेर तीर्थ नगरी है यहां जायरीन और श्रद्धालु आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे अजमेर की यह दशा देखकर जायरीन भी अजमेर की कैसी छवि लेकर वापस लौटेंगे.

राहगीर राजकुमार गर्ग ने कहा कि नगर निगम के मेयर पार्षद और अधिकारियों को यह घोर लापरवाही दिखाई नहीं दे रही है. कोई हादसा होने पर ही प्रशासन की नींद खुलेगी. गर्ग ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल संबंधित ठेकेदार फर्म को पाबंद करें कि गड्ढे के चारों और सुरक्षा के लिहाज से बैरिकेडिंग लगाएं.

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