ब्यावर (अजमेर). कोरोना संकट से निपटने के लिए जहां एक ओर पूरा विज्ञान जगत जुटा हुआ है. वहीं, देहरादून टेक्निकल यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर दिव्यांश बंसल ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया, जिससे चंद मिनटों में कई लोगों की कोरोना जांच की जा सकेगी. ये इंजीनियर अजमेर जिले के ब्यावर के तेजा चौक का रहने वाला है, जिसने दावा किया है कि उसकी ओर से बनाए गए साॅफ्टवेयर का उपयोग कर मात्र 5 मिनट में हजारों लोगों की कोरोना जांच की जा सकती है.
दिव्यांश का मानना है कि उसका साॅफ्टवेयर निमोनिया सहित कोरोना की जांच करने में इतना सक्षम है कि कोरोना के लक्षण ना होने के बावजूद संदिग्ध पाॅजिटिव है या निगेटिव, उसकी सटिक जानकारी देता है. उसका कहना है कि अगर सरकार से स्वीकृति मिले तो वो इसे निःशुल्क उपलब्ध करवाएगा.
दिव्यांश ने बताया कि साॅफ्टवेयर को मरीज का डिजिटल एक्सरे या एमआरआई या सीटी स्कैन इनपुट के रुप में उपलब्ध करवाना होगा. उक्त इमेज कोरोना की जांच के लिए साॅफ्टवेयर में फीड अन्य कोरोना से संबधित लक्षणों की अन्य इमेज से उसको मैच करेगी. ये मैचिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी से डीएनए स्तर तक जाकर जांच होगी. उसके बाद लक्षण पाए जाने पर प्रतिशत के साथ में साॅफ्टवेयर कोविड- 19 का परिणाम पाॅजिटिव अथवा निगेटिव के रूप में प्रदर्शित करेगा.
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इसके साथ ही दिव्यांश की ओर से अपने सहपाठी अजमेर की शुभांगी माथूर और दिल्ली के सौरभ दत्त के सहयोग से इजाद साॅफ्टवेयर के बारे में दावा किया जा रहा है कि साॅफ्टवेयर में डिजिटल एक्सरे के माध्यम से 5 मिनट में 1000 से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच सटीक परिणाम के साथ की जा सकती है. अपने इस दावे की पुष्टि को लेकर उसका कहना है कि उसने कोविड- 19 मामले में चीन, जापान, इटली, स्पेन और भारत के ओपन सोर्स आंकड़ों को इस साॅफ्टवेयर पर परखा है, जिस पर वह खरा उतरा है.
वहीं, दिव्यांश की टीम ने इसके सार्थक परिणाम सामने आने पर देशहित को सर्वाेपरि मानते हुए सरकार को निःशुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है. फिलहाल, दिव्यांश ने अपने साॅफ्टवेयर का डेमो ब्यावर तहसीलदार, पीएमओ, अजमेर सीएमएचओ के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिन्होंने इसकी सराहना करते हुए उच्चाधिकारीयों को अवगत करवाने का भरोसा दिलाया है. इसके अलावा दिव्यांश ने एक ऐसी ही मोबाईल ऐप भी इजाद की है, जिसमें उसने दावा किया गया है कि दो लोगों के मध्य दूरी यदि 1 फीट की रहती है तो तत्काल उसका नोटिफिकेशन प्राप्त किया जा सकता है. वहीं, क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों के लिए यह उपयोगी साबित हो सकती है.
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साथ ही दिव्यांश का कहना है कि होम आइसोलेशन ट्रैकिंग, रेड जोन एरिया सहित अन्य उपयोगी जानकारी भी इस ऐप में जोड़ी गई है. उसने बताया कि साॅफ्टवेयर बनाने की प्रेरणा विदेशों में कोविड-19 को लेकर जो तकनीक उपयोग में ली जा रही है. उसी को ध्यान में रखते हुए उसने और उसके दोनों दोस्तों ने मिलकर अपने देश के लिए यह प्रयास किया है. उसका मानना है कि साॅफ्टवेयर सरकार के साथ-साथ आमजन के लिए भी बहुत मददगार साबित होगी.