अजमेर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के बैनर तले गाड़िया लोहार समाज के सैकड़ों लोग शुक्रवार से जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे हैं. शनिवार को धरना दे रहे लोगों का सब्र जवाब दे गया. सभी जिला मुख्यालय के मुख्य द्वार के बाहर आकर बैठ गए. पुलिस को जिला कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार बंद करना पड़ा. आरएलपी के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह रावत का आरोप है कि गाड़िया लोहार समाज के लिए बनाए गए सामुदायिक भवन से जब तक अतिक्रमण (Encroachment in community home in Alwar) नहीं हटेगा, आंदोलन चलता रहेगा.
रावत ने बताया कि सन 1972 में यूआईटी ने अलवर गेट में गाड़िया लोहार कॉलोनी बसाई थी. इसी दौरान गाड़िया लोहारों के लिए सामुदायिक भवन भी बनाया था. इस भवन के एक क्वार्टर में धर्म सिंह कोली और कांता देवी बाद में अवैध रूप से रहने लगे थे. उन्होंने कहा कि अवैध कब्जे को हटाने के लिए कई बार लिखित और मौखिक रूप से अजमेर सुधार न्यास (यूआईटी) को लिखा जा चुका है.
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1991 में यूआईटी ने अतिक्रमियों को हटाने का नोटिस भी जारी किया था. वर्षों से धर्म सिंह कोली और कांता देवी समुदायिक भवन के क्वार्टर पर कब्जा जमाए हुए हैं. कब्जा हटाने की मांग को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय के बाहर गाड़िया लोहार समाज के लोगों ने आरएलपी के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था. रावत ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. फिर चाहे आंदोलन को उग्र ही क्यों ना करना पड़े. इधर कलेक्ट्रेट के गेट के बाहर धरने पर बैठे गाड़िया लोहार समाज की मांग को देखते हुए प्रशासन ने एडीए के अधिकारियों से चर्चा की है साथ ही अतिक्रमियों को नोटिस देने की बात की जा रही है.