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प्रदेशभर के तहसीलदार और पटवारी 'प्रशासन गांवों के संग अभियान' का करेंगे बहिष्कार

गहलोत सरकार बजट घोषणा के अनुरूप शहर और गांव की जनता को राहत देने के लिए 2 अक्टूबर से प्रशासन गांवों के संग अभियान की शुरुआत करने जा रही है. लेकिन तहसीलदार, कानूनगों और पटवारियों के कार्य बहिष्कार के निर्णय से अभियान को लेकर गतिरोध खड़ा हो गया है.

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प्रशासन गांवों के संग अभियान का बहिष्कार
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Published : Sep 23, 2021, 4:51 PM IST

अजमेर. तहसीलदार, कानूगों और पटवारी से जुड़े संगठनों ने 30 सितंबर तक सरकार को अल्टीमेटम देकर कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया है. 27 सितंबर को तीनों ही राज्य सेवा परिषद से जुड़े कर्मचारी पेन डाउन हड़ताल करेंगे. तीनों संगठन से जुड़े राज्य सेवा परिषद के प्रदेशभर के 18 हजार कर्मचारी अजमेर आएंगे. यहां राजस्थान राजस्व मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा तीनों संगठनों ने प्रशासन शहर. गांव के संग अभियान का भी बहिष्कार करने का एलान कर दिया है. तीनों संगठन राज्य सरकार से लंबित मांगों को पूरा करने मांग कर रहे हैं.

वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांंग

प्रशासन गांवों के संग अभियान का बहिष्कार

प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) के प्रशासन शहर/गांव के संग अभियान से आमजन काफी आशान्वित हैं. लेकिन इस अभियान को सफल बनाने वाले तहसीलदार, कानूगो और पटवारियों ने भी मौके पर चौका लगाने की ठान ली है. दरअसल राजस्व सेवा परिषद की कई मांगें सरकार के समक्ष लंबित है. इनमें उनकी वेतन विसंगतियों को दूर करने, डीपीसी और रिक्त पदों की पूर्ति सहित कई मांगे हैं. नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अधिकारी करते हुए इस पद को 100 फीसदी पदोन्नति, तहसीलदार पद को 50 प्रतिशत पदोन्नति और 50 फीसदी सीधी भर्ती से भरा जाए. परिषद के सभी घटकों की केडर स्ट्रैंथ में नवीन पदों का सृजन किया जाए.

पढ़ें. Weather Forecast: राजस्थान में जारी झमाझम, 14 जिलों के लिए Yellow Alert जारी

सरकार लंबित मांगों पर सकारात्मक नहींः रतनू

राजस्थान पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष विनोद रतनू ने कहा कि सरकार लंबित मांगों पर सकारात्मक नहीं है. राजस्व सेवा परिषद की सात सूत्रीय मांगे लंबित हैं. इन मांगों में कई ऐसी मांगें हैं, जिन पर सरकार से समझौता भी हो चुका है. लेकिन समझौते के अनुरुप सरकार ने मांंगे पूरी नहीं की. समझौतों के अनुसार पटवारी, भू-निरीक्षक, नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार के वेतनमान में सुधार किया जाए. 3 जुलाई 2021 के समझौते के अनुसार पटवारी को 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर वरिष्ठ पटवारी वेतन श्रंखला (लेवल 9) और नए साल की सेवा अवधि पूर्ण करने पर भू-निरीक्षक के पद का वेतन देय के आदेश जारी किए जाने एवं समझौते के समस्त बिंदुओं के शेष आदेश जारी किए जाए.

पढ़ें. REET Exam को लेकर डिस्कॉम भी अलर्ट मोर्ड पर, 26 सितंबर को नहीं होगी मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती

2 अक्टूबर से अभियान शुरू होगा

गहलोत सरकार बजट घोषणा के अनुरुप शहर और गांव की जनता को राहत देने के लिए 2 अक्टूबर से प्रशासन गांवों के संग अभियान की शुरुआत करने जा रही है. लेकिन तहसीलदार, कानूनगों और पटवारियों ने 27 सितंबर से पेन डाउन हड़ताल, 29 सितंबर को अजमेर राजस्थान राजस्व मंडल कार्यालय में प्रदर्शन और 30 सितंबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार के निर्णय से अभियान को लेकर गतिरोध खड़ा हो गया है.

कानूनगो संघ के जिला अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि राजस्व सेवा परिषद के घटक संगठनों के समस्त कार्मिकों के लिए स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाई जाए. सरकार 30 सितंबर तक उनकी मांगों को लिखित आदेश देकर पूरा करें. 29 सितम्बर को प्रदेशभर में तीनों संगठनों से जुड़े राज्य सेवा परिषद के कर्मचारी अजमेर में राजस्थान राजस्व मंडल कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे. 30 सितंबर 2021 तक कार्रवाई नहीं होती है तो राजस्व सेवा परिषद की ओर से 2 अक्टूबर 2021 से सरकार की ओर से चलाए जाने वाले प्रशासन शहर/ गांव के संग एवं प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार किया जाएगा.

अजमेर. तहसीलदार, कानूगों और पटवारी से जुड़े संगठनों ने 30 सितंबर तक सरकार को अल्टीमेटम देकर कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया है. 27 सितंबर को तीनों ही राज्य सेवा परिषद से जुड़े कर्मचारी पेन डाउन हड़ताल करेंगे. तीनों संगठन से जुड़े राज्य सेवा परिषद के प्रदेशभर के 18 हजार कर्मचारी अजमेर आएंगे. यहां राजस्थान राजस्व मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा तीनों संगठनों ने प्रशासन शहर. गांव के संग अभियान का भी बहिष्कार करने का एलान कर दिया है. तीनों संगठन राज्य सरकार से लंबित मांगों को पूरा करने मांग कर रहे हैं.

वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांंग

प्रशासन गांवों के संग अभियान का बहिष्कार

प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) के प्रशासन शहर/गांव के संग अभियान से आमजन काफी आशान्वित हैं. लेकिन इस अभियान को सफल बनाने वाले तहसीलदार, कानूगो और पटवारियों ने भी मौके पर चौका लगाने की ठान ली है. दरअसल राजस्व सेवा परिषद की कई मांगें सरकार के समक्ष लंबित है. इनमें उनकी वेतन विसंगतियों को दूर करने, डीपीसी और रिक्त पदों की पूर्ति सहित कई मांगे हैं. नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अधिकारी करते हुए इस पद को 100 फीसदी पदोन्नति, तहसीलदार पद को 50 प्रतिशत पदोन्नति और 50 फीसदी सीधी भर्ती से भरा जाए. परिषद के सभी घटकों की केडर स्ट्रैंथ में नवीन पदों का सृजन किया जाए.

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सरकार लंबित मांगों पर सकारात्मक नहींः रतनू

राजस्थान पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष विनोद रतनू ने कहा कि सरकार लंबित मांगों पर सकारात्मक नहीं है. राजस्व सेवा परिषद की सात सूत्रीय मांगे लंबित हैं. इन मांगों में कई ऐसी मांगें हैं, जिन पर सरकार से समझौता भी हो चुका है. लेकिन समझौते के अनुरुप सरकार ने मांंगे पूरी नहीं की. समझौतों के अनुसार पटवारी, भू-निरीक्षक, नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार के वेतनमान में सुधार किया जाए. 3 जुलाई 2021 के समझौते के अनुसार पटवारी को 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर वरिष्ठ पटवारी वेतन श्रंखला (लेवल 9) और नए साल की सेवा अवधि पूर्ण करने पर भू-निरीक्षक के पद का वेतन देय के आदेश जारी किए जाने एवं समझौते के समस्त बिंदुओं के शेष आदेश जारी किए जाए.

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2 अक्टूबर से अभियान शुरू होगा

गहलोत सरकार बजट घोषणा के अनुरुप शहर और गांव की जनता को राहत देने के लिए 2 अक्टूबर से प्रशासन गांवों के संग अभियान की शुरुआत करने जा रही है. लेकिन तहसीलदार, कानूनगों और पटवारियों ने 27 सितंबर से पेन डाउन हड़ताल, 29 सितंबर को अजमेर राजस्थान राजस्व मंडल कार्यालय में प्रदर्शन और 30 सितंबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार के निर्णय से अभियान को लेकर गतिरोध खड़ा हो गया है.

कानूनगो संघ के जिला अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि राजस्व सेवा परिषद के घटक संगठनों के समस्त कार्मिकों के लिए स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाई जाए. सरकार 30 सितंबर तक उनकी मांगों को लिखित आदेश देकर पूरा करें. 29 सितम्बर को प्रदेशभर में तीनों संगठनों से जुड़े राज्य सेवा परिषद के कर्मचारी अजमेर में राजस्थान राजस्व मंडल कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे. 30 सितंबर 2021 तक कार्रवाई नहीं होती है तो राजस्व सेवा परिषद की ओर से 2 अक्टूबर 2021 से सरकार की ओर से चलाए जाने वाले प्रशासन शहर/ गांव के संग एवं प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार किया जाएगा.

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