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कोरोना की दहशत से दम तोड़ती संवेदनाएं, रिति रिवाज के साथ भी नहीं हो रहा अंतिम संस्कार

कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. मरने वालो का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. शव को नगर निगम कर्मी पीपीई कीट पहनाकर एम्बुलेंस से शमशान कब्रिस्तान या ग्रेव्यार्ड लेकर जाते हैं. व्यक्ति जिस धर्म का है उसके अनुसार ही रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया जाता है. अंतिम संस्कार में लगने वाली सामग्री भी नगर निगम की ओर से निशुल्क दी जाती है.

अजमेर में कोरोना दहशत, Corona Panic in Ajmer
कोरोना में रिति रिवाज के साथ नहीं हो रहा अंतिम संस्कार
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Published : May 5, 2021, 8:23 AM IST

Updated : May 5, 2021, 9:32 PM IST

अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. कोरोना से मरने वाले लोगों के सरकारी आंकड़े कुछ और श्मशानों, कब्रिस्तान और ग्रेव्याड की मौका स्थिति हकीकत बयान कर रही है. इन सबके बीच कई ऐसी घटनाएं भी हो रही है जिसमें कोरोना से मृत्यु हो जाने पर परिजनों की संवेदनाएं भी दम तोड़ती दिखाई दे रही है. कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. ऐसे में डरने की नहीं सावधान रहने की जरूरत है.

कोरोना में रिति रिवाज के साथ नहीं हो रहा अंतिम संस्कार

पढ़ेंः खाद्य पदार्थों के पैकेट्स पर जरूरी जानकारी नहीं छापी, 6 दुकानदारों पर 35 हजार रुपए जुर्माना

कई मरीजों की अस्पतालो में और ज्यादातर मरीजों की घर पर ही मौतें हो रही है. ऐसे में सवाल उनकी अंत्योष्टि का है. व्यक्ति जिस धर्म का उसे उसी रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा है. कोरोना को लेकर लोगों में इतनी दहशत है कि कई लोग अपने ही परिवार के सदस्य की मृत्यु हो जाने के पश्चात उसे हाथ तक नही लगा रहे. बल्कि कोविड 19 प्रोटोकॉल का फायदा उठाने के लिए नगर निगम में कॉल कर मरने वाले को बेसहारा बताने से भी बाज नही आ रहे है. जबकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार बेसहारा गरीब और लावारिस शवों का रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था नगर निगम की ओर से निशुल्क है.

इस व्यवस्था के तहत शव को नगर निगम कर्मी पीपीई कीट पहनाकर एम्बुलेंस से शमशान कब्रिस्तान या ग्रेव्यार्ड लेकर जाते हैं. व्यक्ति जिस धर्म का है उसके अनुसार ही रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया जाता है अंतिम संस्कार में लगने वाली सामग्री भी नगर निगम की ओर से निशुल्क दी जाती है.

कोरोना की दहशत:

कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति से तेजी से संक्रमण फैल सकता है, लेकिन जिस व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई उसके बाद ना तो वह सांस के जरिये संक्रमण फैला सकता है और ना उसे छूने से संक्रमण फैलता है. मगर कोरोना की दहशत की वजह से कई लोग रात को ही श्मशान में अंत्येष्टि कर रहे हैं. जबकि हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद अंत्येष्टि निषेध है. इतना ही नही कोरोना से मरने वाले की चिता को आग लगाने के बाद ही परिजन लौट जाते है. जबकि सबसे अहम अंत्येष्टि में गगन की प्रक्रिया को भी लोग नहीं निभा रहे. श्मशान में नगर निगम के कर्मचारियों के हवाले ही चिता को छोड़ दिया जा रहा है.

नगर निगम ने पुष्कर रोड स्थित मोक्ष धाम में की व्यवस्थाएं:

नगर निगम ने हिंदुओ के लिए पुष्कर रोड स्थित मोक्ष धाम, मुस्लिम समुदाय के लिए आनासागर पुलिस चौकी के पीछे गोरे गरीबा कब्रिस्तान और ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिश्चियन गंज स्थित आनंद नगर क्षेत्र में बने ग्रेव्यार्ड में व्यवस्था की है.

पढ़ेंः अलवर के लोगों ने कहा पानी दो या जहर, कोरोना पॉजिटिव भी घूम रहा पानी की तलाश में

दहशत के माहौल में ऐसे भी मामले सामने आ रहे है जो घर मे अकेले थे और उनके परिजन बाहर रहते है. ऐसे व्यक्तियों की मौत के बाद उनकी अंत्येष्टि करके परिजनों के इंतजार में अस्थियां भी संभाली जा रही है. ऐसा ही एक मामला आदर्श नगर निवासी बुजुर्ग बीना मेहरा की मौत पर सामने आया. पड़ोसियों की सूचना पर नगर निगम के कर्मचारी घर से शव को लेकर शमशान पहुंचा जहां रीति रिवाज के साथ शव का दाह संस्कार किया गया. जानकारी के मुताबिक बीना मेहरा कोरोना पॉजिटिव थी. उनके सभी परिजन विदेश में रहते हैं. ऐसे में नगर निगम कर्मचारियों ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए अंत्येष्टि की फोटोग्राफ उनके परिजनों को व्हाट्सएप के जरिए भेजी गई.

अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. कोरोना से मरने वाले लोगों के सरकारी आंकड़े कुछ और श्मशानों, कब्रिस्तान और ग्रेव्याड की मौका स्थिति हकीकत बयान कर रही है. इन सबके बीच कई ऐसी घटनाएं भी हो रही है जिसमें कोरोना से मृत्यु हो जाने पर परिजनों की संवेदनाएं भी दम तोड़ती दिखाई दे रही है. कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. ऐसे में डरने की नहीं सावधान रहने की जरूरत है.

कोरोना में रिति रिवाज के साथ नहीं हो रहा अंतिम संस्कार

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कई मरीजों की अस्पतालो में और ज्यादातर मरीजों की घर पर ही मौतें हो रही है. ऐसे में सवाल उनकी अंत्योष्टि का है. व्यक्ति जिस धर्म का उसे उसी रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा है. कोरोना को लेकर लोगों में इतनी दहशत है कि कई लोग अपने ही परिवार के सदस्य की मृत्यु हो जाने के पश्चात उसे हाथ तक नही लगा रहे. बल्कि कोविड 19 प्रोटोकॉल का फायदा उठाने के लिए नगर निगम में कॉल कर मरने वाले को बेसहारा बताने से भी बाज नही आ रहे है. जबकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार बेसहारा गरीब और लावारिस शवों का रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था नगर निगम की ओर से निशुल्क है.

इस व्यवस्था के तहत शव को नगर निगम कर्मी पीपीई कीट पहनाकर एम्बुलेंस से शमशान कब्रिस्तान या ग्रेव्यार्ड लेकर जाते हैं. व्यक्ति जिस धर्म का है उसके अनुसार ही रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया जाता है अंतिम संस्कार में लगने वाली सामग्री भी नगर निगम की ओर से निशुल्क दी जाती है.

कोरोना की दहशत:

कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति से तेजी से संक्रमण फैल सकता है, लेकिन जिस व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई उसके बाद ना तो वह सांस के जरिये संक्रमण फैला सकता है और ना उसे छूने से संक्रमण फैलता है. मगर कोरोना की दहशत की वजह से कई लोग रात को ही श्मशान में अंत्येष्टि कर रहे हैं. जबकि हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद अंत्येष्टि निषेध है. इतना ही नही कोरोना से मरने वाले की चिता को आग लगाने के बाद ही परिजन लौट जाते है. जबकि सबसे अहम अंत्येष्टि में गगन की प्रक्रिया को भी लोग नहीं निभा रहे. श्मशान में नगर निगम के कर्मचारियों के हवाले ही चिता को छोड़ दिया जा रहा है.

नगर निगम ने पुष्कर रोड स्थित मोक्ष धाम में की व्यवस्थाएं:

नगर निगम ने हिंदुओ के लिए पुष्कर रोड स्थित मोक्ष धाम, मुस्लिम समुदाय के लिए आनासागर पुलिस चौकी के पीछे गोरे गरीबा कब्रिस्तान और ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिश्चियन गंज स्थित आनंद नगर क्षेत्र में बने ग्रेव्यार्ड में व्यवस्था की है.

पढ़ेंः अलवर के लोगों ने कहा पानी दो या जहर, कोरोना पॉजिटिव भी घूम रहा पानी की तलाश में

दहशत के माहौल में ऐसे भी मामले सामने आ रहे है जो घर मे अकेले थे और उनके परिजन बाहर रहते है. ऐसे व्यक्तियों की मौत के बाद उनकी अंत्येष्टि करके परिजनों के इंतजार में अस्थियां भी संभाली जा रही है. ऐसा ही एक मामला आदर्श नगर निवासी बुजुर्ग बीना मेहरा की मौत पर सामने आया. पड़ोसियों की सूचना पर नगर निगम के कर्मचारी घर से शव को लेकर शमशान पहुंचा जहां रीति रिवाज के साथ शव का दाह संस्कार किया गया. जानकारी के मुताबिक बीना मेहरा कोरोना पॉजिटिव थी. उनके सभी परिजन विदेश में रहते हैं. ऐसे में नगर निगम कर्मचारियों ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए अंत्येष्टि की फोटोग्राफ उनके परिजनों को व्हाट्सएप के जरिए भेजी गई.

Last Updated : May 5, 2021, 9:32 PM IST
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