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अजमेर: बहुमत आने के बाद भी भाजपा जिला प्रमुख बनाने को लेकर चिंतित, ये है वजह...

अजमेर जिला परिषद सदस्य के चुनावों में भाजपा को बहुमत मिला है. बावजूद इसके जिला प्रमुख के तीन-तीन दावेदार होने के चलते भाजपा मुश्किलों में घिर गई है. इसके बाद ऐसा भी लग रहा है कि कहीं तीसरा मोर्चा भाजपा को चुनौती ना दे दे. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

ajmer district council,  conflict in ajmer bjp
अजमेर जिला परिषद
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Published : Dec 9, 2020, 10:02 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 5:05 PM IST

अजमेर. जिला परिषद सदस्य के चुनाव को लेकर भाजपा को बहुमत होने के बाद भी अंतर्द्वंद से गुजरना पड़ रहा है. भाजपा में जिला प्रमुख के तीन प्रबल दावेदार हैं. इन दावेदारों ने अपने हिसाब से चुनाव की रणनीति तैयार की है. वहीं भाजपा ने भी जिला प्रमुख उम्मीदवार का पत्ता नहीं खोला है. तीन प्रबल दावेदारों के अलावा भाजपा नए चेहरे पर भी दांव खेल सकती है. लेकिन यह तब मुमकिन होगा जब भाजपा एकजुट नजर आएगी.

अजमेर में जिला प्रमुख के चुनाव हुए रोचक

फिलहाल जिला प्रमुख की कुर्सी की दौड़ को लेकर भाजपा में बिखराव दिख रहा है. वहीं कांग्रेस अल्पमत में होने की वजह से बाहर से ही तमाशा देख रही है. सियासत जिस प्रकार से करवट ले रही है उससे ऐसा भी प्रतीत होता है कि कहीं तीसरा मोर्चा भाजपा को ही चुनौती ना दे दे.

पढ़ें: राजस्थान पंचायत चुनाव : कांग्रेस के परंपरागत वोट पर BJP की सेंधमारी, सत्ताधारी कांग्रेस को बुरी तरह पछाड़ा

बहुमत होने के बावजूद भाजपा में जिला प्रमुख की कुर्सी को लेकर जिस तरह खींचतान चल रही है उसने चुनावों को रोचक बना दिया है. एक और संगठन पुखराज पहाड़िया की ओर झुकाव रखे हुए हैं वहीं दूसरी ओर सुशील कंवर पलाड़ा भी संगठन पर टिकट का दबाव बना रही हैं. रावत समाज के कद्दावर नेता श्रवण सिंह रावत और सुशील कंवर पलाड़ा के पति भंवर सिंह पलाड़ा के बीच मतभेद पुराना है. ऐसे में श्रवण सिंह रावत का झुकाव पुखराज पहाड़िया की ओर हो सकता है. जिससे पुखराज पहाड़िया की स्थिति मजबूत तो बनती दिख रही है लेकिन बहुमत साबित करने के लिए उन्हें भी कुछ सदस्यों की जरूरत पड़ेगी.

इधर सुशील कंवर पलाड़ा ने मतगणना से पहले ही अपने सात समर्थकों की बाड़ेबंदी कर दी थी. बता दें कि जिला परिषद के 32 वार्डों में से भाजपा ने 21 वार्डों में जीत दर्ज की है. 14 जिला परिषद सदस्य संगठन और पुखराज पहाड़िया के पक्ष में हैं. ऐसे में जिला प्रमुख की कुर्सी की दौड़ में तीसरा मोर्चा भी गुरुवार को खड़ा दिखाई दे सकता है. मसलन कांग्रेस से समर्थन लेकर बहुमत साबित करना पड़े तो भी एक पक्ष पीछे नहीं हटेगा.

जिला परिषद के लिए नामांकन गुरुवार को 10 बजे से जिला परिषद में दाखिल किए जा सकेंगे. इसके बाद नामांकन की स्कूटनी होगी और उम्मीदवारों को सिंबल अलॉट किए जाएंगे. 3 बजे से 5 बजे तक मतदान का समय रहेगा. सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि जिले की 11 पंचायत समितियों में भी उसी प्रकार पंचायत समितियों में प्रधान पद के लिए मतदान होगा.

एसडी शर्मा ने धौलपुर में नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रचार किया

राजाखेड़ा कस्बे में बुधवार को नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रचार के अंतिम दिन भाजपा सरकार में राज्यमंत्री रहे एसडी शर्मा ने स्थानीय भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसम्पर्क किया. वहीं इस मौके पर उन्होंने भाजपा के संकल्प पत्र का भी विमोचन किया. पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं आज आप लोगों के बीच भाजपा के साधारण कार्यकर्ता के रूप में आया हूं और आप सबसे निवेदन करना चाहता हूं कि आज जबकि पूरे देश में भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनसमर्थन हासिल करने के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है.

अजमेर. जिला परिषद सदस्य के चुनाव को लेकर भाजपा को बहुमत होने के बाद भी अंतर्द्वंद से गुजरना पड़ रहा है. भाजपा में जिला प्रमुख के तीन प्रबल दावेदार हैं. इन दावेदारों ने अपने हिसाब से चुनाव की रणनीति तैयार की है. वहीं भाजपा ने भी जिला प्रमुख उम्मीदवार का पत्ता नहीं खोला है. तीन प्रबल दावेदारों के अलावा भाजपा नए चेहरे पर भी दांव खेल सकती है. लेकिन यह तब मुमकिन होगा जब भाजपा एकजुट नजर आएगी.

अजमेर में जिला प्रमुख के चुनाव हुए रोचक

फिलहाल जिला प्रमुख की कुर्सी की दौड़ को लेकर भाजपा में बिखराव दिख रहा है. वहीं कांग्रेस अल्पमत में होने की वजह से बाहर से ही तमाशा देख रही है. सियासत जिस प्रकार से करवट ले रही है उससे ऐसा भी प्रतीत होता है कि कहीं तीसरा मोर्चा भाजपा को ही चुनौती ना दे दे.

पढ़ें: राजस्थान पंचायत चुनाव : कांग्रेस के परंपरागत वोट पर BJP की सेंधमारी, सत्ताधारी कांग्रेस को बुरी तरह पछाड़ा

बहुमत होने के बावजूद भाजपा में जिला प्रमुख की कुर्सी को लेकर जिस तरह खींचतान चल रही है उसने चुनावों को रोचक बना दिया है. एक और संगठन पुखराज पहाड़िया की ओर झुकाव रखे हुए हैं वहीं दूसरी ओर सुशील कंवर पलाड़ा भी संगठन पर टिकट का दबाव बना रही हैं. रावत समाज के कद्दावर नेता श्रवण सिंह रावत और सुशील कंवर पलाड़ा के पति भंवर सिंह पलाड़ा के बीच मतभेद पुराना है. ऐसे में श्रवण सिंह रावत का झुकाव पुखराज पहाड़िया की ओर हो सकता है. जिससे पुखराज पहाड़िया की स्थिति मजबूत तो बनती दिख रही है लेकिन बहुमत साबित करने के लिए उन्हें भी कुछ सदस्यों की जरूरत पड़ेगी.

इधर सुशील कंवर पलाड़ा ने मतगणना से पहले ही अपने सात समर्थकों की बाड़ेबंदी कर दी थी. बता दें कि जिला परिषद के 32 वार्डों में से भाजपा ने 21 वार्डों में जीत दर्ज की है. 14 जिला परिषद सदस्य संगठन और पुखराज पहाड़िया के पक्ष में हैं. ऐसे में जिला प्रमुख की कुर्सी की दौड़ में तीसरा मोर्चा भी गुरुवार को खड़ा दिखाई दे सकता है. मसलन कांग्रेस से समर्थन लेकर बहुमत साबित करना पड़े तो भी एक पक्ष पीछे नहीं हटेगा.

जिला परिषद के लिए नामांकन गुरुवार को 10 बजे से जिला परिषद में दाखिल किए जा सकेंगे. इसके बाद नामांकन की स्कूटनी होगी और उम्मीदवारों को सिंबल अलॉट किए जाएंगे. 3 बजे से 5 बजे तक मतदान का समय रहेगा. सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि जिले की 11 पंचायत समितियों में भी उसी प्रकार पंचायत समितियों में प्रधान पद के लिए मतदान होगा.

एसडी शर्मा ने धौलपुर में नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रचार किया

राजाखेड़ा कस्बे में बुधवार को नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रचार के अंतिम दिन भाजपा सरकार में राज्यमंत्री रहे एसडी शर्मा ने स्थानीय भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसम्पर्क किया. वहीं इस मौके पर उन्होंने भाजपा के संकल्प पत्र का भी विमोचन किया. पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं आज आप लोगों के बीच भाजपा के साधारण कार्यकर्ता के रूप में आया हूं और आप सबसे निवेदन करना चाहता हूं कि आज जबकि पूरे देश में भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनसमर्थन हासिल करने के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है.

Last Updated : Dec 10, 2020, 5:05 PM IST
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