अजमेर. पूर्व विधायक भदेल ने कहा कि जिला कलेक्टर के पास लगभग 1 करोड़ 19 लाख की राशि भामाशाह द्वारा जमा कराई गई थी, जिसका इस्तमाल आम गरीब जनता के लिए राहत सामग्री पहुंचाने को लेकर करना था. लेकिन जिला कलेक्टर ने उस राशि में से केवल मात्र 40 लाख रुपए ही खर्च किए हैं. वहीं बाकी की बची हुई रकम सीएम फंड में जमा करा दी गई.
इस मामले को लेकर भदेल ने जिला कलेक्टर पर आरोप लगाए हैं कि जहां अजमेर के भामाशाह द्वारा अजमेर के लोगों के लिए राशि दी गई थी. उसको आखिर जिला कलेक्टर द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहत कोष में क्यों जमा करा दी गई.
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मामले को लेकर भदेल ने राज्य सरकार पर भी आरोप लगाए कि राशि कलेक्टर ने जमा करवाई है, जिससे शहर के गरीब लोगों के लिए राशन वितरण करवाया जाना था. ताकि उनको भूखा न सोना पड़े. अब ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या उस रकम को भी डकारना चाहते हैं. उन्होंने कहा एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं हम किसी को भूखा नहीं सोने देंगे. वहीं दूसरी ओर लोगों की सहायता के लिए दी गई राशि को मुख्यमंत्री कोष में जमा कराना गलत है.
भदेल ने किए जिला कलेक्टर की कार्यशैली पर उठाए सवाल...
वहीं भाजपा विधायक भदेल ने जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा की कार्यशैली पर आरोप लगाया था कि जिला कलेक्टर के अड़ियल रवैए के चलते अजमेर रेड जोन में आ चुका है. वहीं जहां लोगों को राहत सामग्री मिलनी चाहिए, उन लोगों को राशन सामग्री नहीं मिल पा रही है. गरीबों को अब भी भूखे सोना पड़ रहा है, जिन लोगों को बीएलओ द्वारा खाद्य सामग्री दी जा रही है, उनके पास पहले से ही राशन सामग्री मौजूद है.