अजमेर. जिले में लॉक डाउन का सोमवार को भी खासा असर देखने को मिला, हालांकि सुबह लॉक डाउन में ढील देखी गई. दोपहर तक वापस लोगों को घर भेज दिया गया. लोगों को जरूरत की चीजें खरीदने के लिए कुछ देर ढील दी गई थी. अजमेर जिले में लॉक डाउन को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमा भी जुटा हुआ है.
बता दें कि अजमेर में कोरोना के 222 संदिग्ध मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है. वहीं 17 संदिग्ध मरीजों के जांच के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. इनमें 10 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि 7 मरीजों की जांच रिपोर्ट लंबित हैं. शहर में लॉक डाउन को लेकर प्रशासन पूरी सतर्कता दिखा रहा है. वहीं लोग भी कोरोना वायरस के खतरे के प्रति जागरूकता दिखाते हुए लॉक डाउन में सहयोग कर रहे हैं.
शहर में परिवहन के निजी और सरकारी साधन पूरी तरह से बंद है. वहीं सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें एवं औद्योगिक इकाइयां भी बंद हैं. लोग घरों में रहकर खुद को महफूज कर रहे हैं. वहीं जो लोग लॉक डाउन में तफरी करने के लिए निकल रहे हैं, उनसे पुलिस निपट रही है. जिले की सभी सीमाओं को सील किया गया है. जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा लगातार सरकार के निर्देशों की जिले में पालना के लिए मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
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बता दें कि अजमेर में खानाबदोश लोगों के लिए रसद विभाग की ओर से फ़ूड पैकेट बांटे जा रहे हैं. वहीं विभिन्न चौराहों और सड़कों के मुख्य पॉइंट पर पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो लोगों से घरों में ही रहने की अपील कर रहे हैं. बता दें कि 31 मार्च तक कोरोना वायरस के खिलाफ छिड़ी जंग में आमजन अपनी भागीदारी स्वयं को महफूज करके दे रहा है.