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पाली की 30 कपड़ा फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर....ये हैं कारण

प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पाली शहर को की 30 कपड़ा फैक्ट्री बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. आरपीसीबी में स्थानीय क्षेत्रीय अधिकारी को कंसेंट टू ऑपरेट के बिना संचालित की जा रही फैक्ट्रियों को बंद करने के आदेश दिए है.

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Published : Mar 5, 2019, 2:10 PM IST

30 कपड़ा फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर

पाली.मंडल ने संबंधित फैक्टरियों के बिजली पानी के कनेक्शन जल्द से जल्द काटने के भी आदेश दे दिए हैं. दरअसल, शहर की 37 इकाइयों की कंसेंट टू ऑपरेट की अवधि खत्म हो चुकी है. इसके बावजूद फैक्ट्री संचालकों ने कंसेंट के लिए आवेदन नहीं किया हैं. आरपीसीबी ने सभी इकाइयों को 7 दिन के अंदर नोटिस जारी कर दिए थे. उसके बाद भी 3 दिन का उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया. लेकिन उन्होंने कंसेंट के लिए आवेदन करने में कोई रुचि नहीं दिखाई. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड जयपुर पाली की 30 फैक्ट्री को बंद करने के आदेश दे दिए.

30 कपड़ा फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर


पाली के प्रदूषण मामले की सुनवाई अब मंगलवार के बजाय बुधवार को होगी. एनजीटी ने सुनवाई की तिथि 5 मार्च घोषित की थी, लेकिन सुनवाई की तिथि 1 दिन आगे बढ़ा दी गई. एनजीटी के पिछली सुनवाई के निर्देशों की पालना में सभी विभाग अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप चुके हैं. राज्य सरकार ने 20 करोड रुपए बतौर अंतरिम जुर्माना सीपीसीबी में जमा करा दिया है. सीटीपी को भी एक करोड़ रुपए जमा कराने थे, सीईटीपी ने 25 लाख रुपए जमा करा कर शेष के लिए समय मांगा है.

प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी अपनी प्रगति रिपोर्ट एनजीटी में प्रदर्शित कर चुका है. पिछली सुनवाई के दौरान एनजीटी के कड़े रुख को देखते हुए बुधवार को होने वाली सुनवाई पाली के कपड़ा उद्योग के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पाली के कपड़ा उद्योग के हित में एनजीटी के निर्देशों की पालना प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी हो गया है. एनजीटी की 6 मार्च को होने वाली सुनवाई में इसका उल्लेख किया जा सकेगा.

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पाली.मंडल ने संबंधित फैक्टरियों के बिजली पानी के कनेक्शन जल्द से जल्द काटने के भी आदेश दे दिए हैं. दरअसल, शहर की 37 इकाइयों की कंसेंट टू ऑपरेट की अवधि खत्म हो चुकी है. इसके बावजूद फैक्ट्री संचालकों ने कंसेंट के लिए आवेदन नहीं किया हैं. आरपीसीबी ने सभी इकाइयों को 7 दिन के अंदर नोटिस जारी कर दिए थे. उसके बाद भी 3 दिन का उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया. लेकिन उन्होंने कंसेंट के लिए आवेदन करने में कोई रुचि नहीं दिखाई. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड जयपुर पाली की 30 फैक्ट्री को बंद करने के आदेश दे दिए.

30 कपड़ा फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर


पाली के प्रदूषण मामले की सुनवाई अब मंगलवार के बजाय बुधवार को होगी. एनजीटी ने सुनवाई की तिथि 5 मार्च घोषित की थी, लेकिन सुनवाई की तिथि 1 दिन आगे बढ़ा दी गई. एनजीटी के पिछली सुनवाई के निर्देशों की पालना में सभी विभाग अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप चुके हैं. राज्य सरकार ने 20 करोड रुपए बतौर अंतरिम जुर्माना सीपीसीबी में जमा करा दिया है. सीटीपी को भी एक करोड़ रुपए जमा कराने थे, सीईटीपी ने 25 लाख रुपए जमा करा कर शेष के लिए समय मांगा है.

प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी अपनी प्रगति रिपोर्ट एनजीटी में प्रदर्शित कर चुका है. पिछली सुनवाई के दौरान एनजीटी के कड़े रुख को देखते हुए बुधवार को होने वाली सुनवाई पाली के कपड़ा उद्योग के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पाली के कपड़ा उद्योग के हित में एनजीटी के निर्देशों की पालना प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी हो गया है. एनजीटी की 6 मार्च को होने वाली सुनवाई में इसका उल्लेख किया जा सकेगा.

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Intro:पाली. प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पाली शहर को टी 30 कपड़ा फैक्ट्री बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आरपीसीबी में स्थानीय क्षेत्रीय अधिकारी को कंसेंट टू ऑपरेट के बिना संचालित की जा रही फैक्ट्रियों का क्लोजर जारी करते हुए बिजली पानी के कनेक्शन जल्द से जल्द काटने के भी आदेश दे दिए हैं । शहर की 37 इकाइयों की कंसेंट टू ऑपरेट की अवधि खत्म हो चुकी है। इसके बावजूद फैक्ट्री संचालकों ने नहीं कंसेंट के लिए आवेदन नहीं किया। आरपीसीबी ने सभी इकाइयों को 7 दिन के अंदर नोटिस जारी कर दिए थे। उसके बाद भी 3 दिन का उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया। लेकिन उन्होंने कंसेंट के लिए आवेदन करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड जयपुर पाली की 30 फैक्ट्री को बंद करने के आदेश दे दिए।


Body: पाली के प्रदूषण मामले की सुनवाई अब 5 मार्च के बजाय 6 मार्च को होगी। एनजीटी ने सुनवाई की तिथि 5 मार्च घोषित की थी, लेकिन सुनवाई की तिथि 1 दिन आगे बढ़ा दी गई। एनजीटी के पिछली सुनवाई के निर्देशों की पालना में सभी विभाग अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप चुके हैं। राज्य सरकार ने 20 करोड रुपए बतौर अंतरिम जुर्माना सीपीसीबी में जमा करा दिया है। सीटीपी को भी एक करोड़ रुपए जमा कराने थे। सीईटीपी ने 25 लाख रुपए जमा करा कर शेष के लिए समय मांगा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी अपनी प्रगति रिपोर्ट एनजीटी में सो चुका है। पिछली सुनवाई के दौरान एनजीटी के कड़े रुख को देखते हुए बुधवार को होने वाली सुनवाई पाली के कपड़ा उद्योग के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पाली के कपड़ा उद्योग के हित में एनजीटी के निर्देशों की पालना प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी हो गया है। एनजीटी की 6 मार्च को होने वाली सुनवाई में इसका उल्लेख किया जा सकेगा।


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