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राजस्थान में क्या ब्यूरोक्रेसी वाकई 'बेलगाम' हो गई है, ये कुछ उदाहरण तो यही संकेत देते हैं

प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत के मंत्री अबतक मंत्री ट्वीट करके ब्यूरोक्रेसी की शिकायत कर रहे थे. लेकिन, अब एनएचएम में हुए भर्ती घोटाले का मंत्री रघु शर्मा को पता नहीं होना साबित करता है कि राजस्थान में मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी में तालमेल नहीं है. जिससे साफ हो गया है कि ब्यूरोक्रेसी मनमानी कर रही है. जहां पहले मंत्री रमेश मीणा, मंत्री विश्वेंद्र सिंह, मंत्री प्रमोद जैन भाया कि ट्विटर पर शिकायतों के बाद बाद अब रघु शर्मा ब्यूरोक्रेसी के शिकार हुए है.

सवालों में राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी
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Published : Jun 22, 2019, 7:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी क्या वाकई में बेलगाम हो गईं है !. एनएचएम में हुए भर्ती घोटाला तो कम से कम इसी ओर इशारा कर रहा है की जो शिकायत अब तक कांग्रेस के मंत्री ट्वीट ओर मीडिया के जरिये बोल रहे थे. वो गलत नहीं है, कि मंत्रियों का ब्यूरोक्रेसी सहयोग नहीं कर रही है. बल्कि रघु शर्मा का मामला देखा जाए तो लगता है कि ब्यूरोक्रेसी बेलगाम भी हो चुकी है.

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने उठाए सवाल
दरअसल, ब्यूरोक्रेसी की शिकायत करने की शुरुआत खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने. जिन्होंने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेट पूरी तरीके से हावी है और इसे लेकर वह राष्ट्रीय नेतृत्व से भी बात करने की कहते दिखाई दिए थे. उन्होंने साफ कहा कि जिलों में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरीके से बेलगाम हो गई है. इसके बाद कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने भी पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए अनशन पर बैठ गए थे.

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पुलिस प्रशासन को घेरा
वहीं दूसरी ओर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी भरतपुर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर खासे नाराज दिखाई दिए. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आखिर कब जागेगी भरतपुर की पुलिस और कब रुकेगी अवैध वसूली. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री की चेतावनी के बाद भी भरतपुर में पुलिस द्वारा आमजन से अवैध वसूली की जा रही है. पुलिस प्रशासन का यह रवैया बहुत शर्मनाक है. एक कैबिनेट मंत्री के इस तरीके से पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाने के बाद भरतपुर में 9 थाना अधिकारियों समेत 7 कांस्टेबल का तबादला करना पड़ा. लेकिन, उसके बाद फिर विश्वेन्द्र सिंह ने भरतपुर जिले में पुलिस पर सवाल खड़ा कर दिया कि भरतपुर जिले में केवल 2 महिला पुलिस अधिकारी हैं और इन्हें भी किसी काम में नहीं लगाया गया है. ना ही किसी पुलिस स्टेशन कि यह मुखिया है. लेकिन स्थानीय पुलिस लैंगिक पक्षपात कर रही है.

सवालों में राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी

मंत्री प्रमोद जैन भाया का भी यहीं सवाल
इसके बाद एक और मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी अपने ट्वीट पर कहा कि प्रदेश में सरकार बदल जाने के बावजूद ब्यूरोक्रेसी की शैली नहीं बदली. इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में एक के बाद एक मंत्री जो ब्यूरोक्रेसी को लेकर मंत्री सवाल उठा रहे थे. उसे एनएचएम में भर्ती को लेकर जो धांधली ने सही जता दिया है. क्योंकि रघु शर्मा भी साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्हें इस मामले की अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी. हालांकि मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा ब्यूरोक्रेसी से काम करवाना सरकार की जिम्मेदारी होती है और सरकार के मंत्रियों को पता है कि ब्यूरोक्रेसी से कैसे काम करवाना है.

राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी बेलगाम हो गई ?
एक के बाद एक मंत्रियों की शिकायतें और अब एनएचएम में भर्ती मामले में इतनी बड़ी धांधली में मंत्री को मामले की सुगबुगाहट ही नहीं लगना. इस ओर इशारा कर रही है कि मंत्री जो लगातार ब्यूरोक्रेसी के बेलगाम होने की शिकायत कर रहे हैं वह गलत नहीं है.

जयपुर. राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी क्या वाकई में बेलगाम हो गईं है !. एनएचएम में हुए भर्ती घोटाला तो कम से कम इसी ओर इशारा कर रहा है की जो शिकायत अब तक कांग्रेस के मंत्री ट्वीट ओर मीडिया के जरिये बोल रहे थे. वो गलत नहीं है, कि मंत्रियों का ब्यूरोक्रेसी सहयोग नहीं कर रही है. बल्कि रघु शर्मा का मामला देखा जाए तो लगता है कि ब्यूरोक्रेसी बेलगाम भी हो चुकी है.

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने उठाए सवाल
दरअसल, ब्यूरोक्रेसी की शिकायत करने की शुरुआत खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने. जिन्होंने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेट पूरी तरीके से हावी है और इसे लेकर वह राष्ट्रीय नेतृत्व से भी बात करने की कहते दिखाई दिए थे. उन्होंने साफ कहा कि जिलों में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरीके से बेलगाम हो गई है. इसके बाद कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने भी पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए अनशन पर बैठ गए थे.

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पुलिस प्रशासन को घेरा
वहीं दूसरी ओर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी भरतपुर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर खासे नाराज दिखाई दिए. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आखिर कब जागेगी भरतपुर की पुलिस और कब रुकेगी अवैध वसूली. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री की चेतावनी के बाद भी भरतपुर में पुलिस द्वारा आमजन से अवैध वसूली की जा रही है. पुलिस प्रशासन का यह रवैया बहुत शर्मनाक है. एक कैबिनेट मंत्री के इस तरीके से पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाने के बाद भरतपुर में 9 थाना अधिकारियों समेत 7 कांस्टेबल का तबादला करना पड़ा. लेकिन, उसके बाद फिर विश्वेन्द्र सिंह ने भरतपुर जिले में पुलिस पर सवाल खड़ा कर दिया कि भरतपुर जिले में केवल 2 महिला पुलिस अधिकारी हैं और इन्हें भी किसी काम में नहीं लगाया गया है. ना ही किसी पुलिस स्टेशन कि यह मुखिया है. लेकिन स्थानीय पुलिस लैंगिक पक्षपात कर रही है.

सवालों में राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी

मंत्री प्रमोद जैन भाया का भी यहीं सवाल
इसके बाद एक और मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी अपने ट्वीट पर कहा कि प्रदेश में सरकार बदल जाने के बावजूद ब्यूरोक्रेसी की शैली नहीं बदली. इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में एक के बाद एक मंत्री जो ब्यूरोक्रेसी को लेकर मंत्री सवाल उठा रहे थे. उसे एनएचएम में भर्ती को लेकर जो धांधली ने सही जता दिया है. क्योंकि रघु शर्मा भी साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्हें इस मामले की अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी. हालांकि मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा ब्यूरोक्रेसी से काम करवाना सरकार की जिम्मेदारी होती है और सरकार के मंत्रियों को पता है कि ब्यूरोक्रेसी से कैसे काम करवाना है.

राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी बेलगाम हो गई ?
एक के बाद एक मंत्रियों की शिकायतें और अब एनएचएम में भर्ती मामले में इतनी बड़ी धांधली में मंत्री को मामले की सुगबुगाहट ही नहीं लगना. इस ओर इशारा कर रही है कि मंत्री जो लगातार ब्यूरोक्रेसी के बेलगाम होने की शिकायत कर रहे हैं वह गलत नहीं है.

Intro:अब तक मंत्री ट्वीट करके ब्यूरोक्रेसी की शिकायत कर रहे थे लेकिन अब एनएचएम में हुए भर्ती भर्ती घोटाले का मंत्री रघु शर्मा को पता नहीं होना साबित करता है कि राजस्थान में मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी में नहीं है तालमेल ब्यूरोक्रेसी कर रही है मनमानी मंत्री रमेश मीणा मंत्री विश्वेंद्र सिंह मंत्री प्रमोद जैन भाया कि ट्वीट पर शिकायतों के बाद बाद अब रघु शर्मा ब्यूरोक्रेसी के हुए शिकार


Body:राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी क्या वाकई में बेलगाम हो गईं है एनएचएम में हुआ भर्ती प्रकरण तो कम से कम इसी ओर इशारा कर रही है की जो शिकायत अब तक कांग्रेस के मंत्री ट्वीट ओर मीडिया के जरिये बोल रहे थे वो गलत नही है, और ब्यूरोक्रेसी मंत्रियों को सहयोग नहीं कर रही है बल्कि रघु शर्मा का मामला देखा जाए तो लगता है कि ब्यूरोक्रेसी बेलगाम भी हो चुकी है । दरअसल ब्यूरोक्रेसी की शिकायत करने की शुरुआत की मंत्री रमेश मीणा ने जिन्होंने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेट पूरी तरीके से हावी है और इसे लेकर वह राष्ट्रीय नेतृत्व से भी बात करने की कहते दिखाई दिए और उन्होंने साफ कहा कि जिलों में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरीके से बेलगाम हो गई है।इसके बाद कांग्रेस विधायक हरीश मीना भी पुलिस प्रशाशन को कटघरे में खड़ा करते हुए अनशन पर बैठ गए।तो वंही दूसरी ओर मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी भरतपुर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर खासे नाराज दिखाई दिए मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट कर कर लिख दिया था कि आखिर कब जागेगी भरतपुर की पुलिस और कब रुकेगी अवैध वसूली इसके आगे अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री की चेतावनी के बाद भी भरतपुर में पुलिस द्वारा आमजन से अवैध वसूली की जा रही है पुलिस प्रशासन का यह रवैया बहुत शर्मनाक है एक कैबिनेट मंत्री के इस तरीके से पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाने के बाद भरतपुर में 9 थाना अधिकारियों समेत 7 कांस्टेबल कांस्टेबल का तबादला करना पड़ा। लेकिन उसके बाद फिर विश्वेन्द्र सिंह ने भरतपुर जिले में पुलिस पर सवाल खड़ा कर दिया कि भरतपुर जिले में केवल 2 महिला पुलिस अधिकारी हैं और इन्हें भी किसी काम में नहीं लगाया गया है ना ही किसी पुलिस स्टेशन कि यह मुखिया है लेकिन स्थानीय पुलिस लैंगिक पक्षपात कर रही है इसके बाद एक ओर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी अपने ट्वीट पर कहा कि प्रदेश में सरकार बदल जाने के बावजूद ब्यूरोक्रेसी की शैली नही बदली है।इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में एक के बाद एक मंत्री जो ब्यूरोक्रेसी को लेकर मंत्री सवाल उठा रहे थे उसे एनएचएम में भर्ती को लेकर जो धांधली ने सही जाता दिया है। क्योंकि रघु शर्मा भी साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्हें इस मामले की अधिकारियों ने कोई जानकारी नहीं दी हालांकि मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा ब्यूरोक्रेसी से काम करवाना सरकार की जिम्मेदारी होती है और सरकार के मंत्रियों को पता है कि ब्यूरोक्रेसी से कैसे काम करवाना है।
बाईट रघु शर्मा स्वास्थ्य मंत्री

बाइट रमेश मीणा खाद्य मंत्री राजस्थान सरकार

बाईट प्रताप सिंह


Conclusion:एक के बाद एक मंत्रियों की शिकायतें और अब एनएचएम में भर्ती मामले में इतनी बड़ी धांधली में मंत्री को मामले की सुगबुगाहट ही नहीं लगना इस ओर इशारा कर रही है कि मंत्री जो लगातार ब्यूरोक्रेसी के बेलगाम होने की शिकायत कर रहे हैं वह गलत नहीं है
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