जयपुर. एनएचएम भर्ती घोटाले की गूंज राज्य विधानसभा में भी गूंजी. इस दौरान भाजपा विधायकों ने सदन में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बर्खास्त कर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग तक कर डाली. यही नहीं, भाजपा विधायकों ने इस पूरे मामले में मंत्री रघु शर्मा पर रुपयों का लेनदेन का आरोप तक लगा डाला.
भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने शून्यकाल में यह मामला उठाया और इस दौरान यह भी कहा कि यह भर्ती और इससे जुड़ी प्रक्रिया की जानकारी पहले से चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को थी, लेकिन शर्मा ने मीडिया के समक्ष इस पर अनभिज्ञता जताते हुए परीक्षा ही रद्द कर दी. कालीचरण सराफ ने कहा कि मंत्री के पास इस मामले की नोटशीट जाती है और ट्विटर पर भी ढाई हजार भर्तियों को लेकर विभाग और सरकार द्वारा क्रेडिट लिया जाता है, लेकिन अंत में जब परीक्षा आयोजित की जा रही थी तब एकदम उसे निरस्त कर दिया जाता है. क्योंकि इसमें कहीं ना कहीं पैसों का लेनदेन भी है.
सराफ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बर्खास्त कर सीबीआई से पूरे मामले की जांच करानी चाहिए. वहीं, कालीचरण सराफ के बाद इस मामले पर भाजपा विधायक अशोक लाहोटी और वासुदेव देवनानी ने भी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर कई आरोप लगाए. लाहोटी और देवनानी ने कहा कि चिकित्सा मंत्री इस पूरे घटनाक्रम के मामले में पहले से ही जानते थे, लेकिन प्रदेश की 7 करोड़ जनता के सामने वह बार-बार झूठ बोलते रहे कि उन्हें इस भर्ती की जानकारी नहीं थी.
इनके अनुसार विभाग में चली नोट शीट और भर्ती को लेकर किए गए ट्विटर के बाद इसका खुलासा हो चुका है. अब संभावना यह भी है कि मंत्री के पास भर्तियों को लेकर भ्रष्टाचार का पैसा नहीं पहुंचा, जिसके चलते अंतिम समय में यह भर्ती परीक्षा निरस्त कराई गई. देवनानी के अनुसार परीक्षा निरस्त होने से उन हजारों बेरोजगार अभ्यर्थियों के हितों पर कुठाराघात हुआ है जो इस भर्ती के जरिए रोजगार का सपना देख रहे थे. हालांकि, जवाब में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा बोलना चाहते थे लेकिन सदन में उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिल पाई.