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बाघ ST-16 की ट्रेंकुलाइज के दौरान गलत जगह पर डार्ट लगने से हुई मौतः विशेषज्ञ

सरिस्का में हुए ST-16 की मौत के बाद कई सवाल उठने लगे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रेंकुलाइज के दौरान अधीक डोज देने की वजह से ST-16 की मौत हो गई है. बहरहाल, सरिस्का में वन विभाग के सभी आला अधिकारी पहुंच चुके हैं. रविवार रात तक बाघ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी. उसके बाद बाकी मौत के कारणों का पता चल सकेगा.

जगह पर डार्ट लगने से बाघ ST-16 की मौत
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Published : Jun 9, 2019, 6:38 PM IST

अलवर. सरिस्का में लगातार हो रही बाघों की मौत के बाद सरिस्का प्रशासन पर अब सवाल उठने लगे हैं. बाघ ST-16 की मौत के पीछे सरिस्का प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बाघ के पैर में एक गांठ का इलाज करने के लिए सरिस्का के अधिकारियों ने उसे ट्रेंकुलाइज किया था. बाघ विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ की मौत बेहोशी की दवा के ओवरडोज से हुई, जबकि सरिस्का के अधिकारियों का दावा है कि हीट स्ट्रोक से बाघ ST-16 की मौत हुई है.

जगह पर डार्ट लगने से बाघ ST-16 की मौत

रणथंभौर से 2 महीने पहले बाग ST-16 को सरिस्का के जंगलों में शिफ्ट किया गया था. बाघ विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तैयार किए गए बेहोशी की दवा तय मात्रा से अधिक होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले पैरों से ऊपर लगने की बजाए उसकी पूछ के आसपास जा लगी. इसलिए डार्ट में दवा की मात्रा अधिक होने से उसका हार्ट फेल हो गया.

बहरहाल, सरिस्का में वन विभाग के सभी आला अधिकारी पहुंच चुके हैं. रविवार रात तक बाघ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी. उसके बाद बाकी मौत के कारणों का पता चल सकेगा. दरअसल, गर्मियों में बहुत जरूरी होता है कि ट्रेंकुलाइज के दौरान छाया और पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. सरिस्का में अभी 11 बाघ हैं, इसमें 3 नर और 8 मादा बाघ हैं.

ST-16 का वजन करीब 200 किलो से ज्यादा और लंबाई 296 सेंटीमीटर और ऊंचाई 122 सेंटीमीटर थी. ST-16 बाघ रणथंभौर की सुंदरी की संतान था. बाघ विशेषज्ञों ने बताया बाघ की मौत का प्रारंभिक कारण ओवरडोज ट्रेंकुलाइज हो सकता है। गर्मी में बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया था. संभव है कि ओवरडोज हो गया हो. बाघ की मौत मामले की जांच होनी चाहिए. जिससे सच सामने आ सके. बाघ के बिसरा की बरेली में हैदराबाद की लैब में जांच होना जरूरी है.

अलवर. सरिस्का में लगातार हो रही बाघों की मौत के बाद सरिस्का प्रशासन पर अब सवाल उठने लगे हैं. बाघ ST-16 की मौत के पीछे सरिस्का प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बाघ के पैर में एक गांठ का इलाज करने के लिए सरिस्का के अधिकारियों ने उसे ट्रेंकुलाइज किया था. बाघ विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ की मौत बेहोशी की दवा के ओवरडोज से हुई, जबकि सरिस्का के अधिकारियों का दावा है कि हीट स्ट्रोक से बाघ ST-16 की मौत हुई है.

जगह पर डार्ट लगने से बाघ ST-16 की मौत

रणथंभौर से 2 महीने पहले बाग ST-16 को सरिस्का के जंगलों में शिफ्ट किया गया था. बाघ विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तैयार किए गए बेहोशी की दवा तय मात्रा से अधिक होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले पैरों से ऊपर लगने की बजाए उसकी पूछ के आसपास जा लगी. इसलिए डार्ट में दवा की मात्रा अधिक होने से उसका हार्ट फेल हो गया.

बहरहाल, सरिस्का में वन विभाग के सभी आला अधिकारी पहुंच चुके हैं. रविवार रात तक बाघ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी. उसके बाद बाकी मौत के कारणों का पता चल सकेगा. दरअसल, गर्मियों में बहुत जरूरी होता है कि ट्रेंकुलाइज के दौरान छाया और पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. सरिस्का में अभी 11 बाघ हैं, इसमें 3 नर और 8 मादा बाघ हैं.

ST-16 का वजन करीब 200 किलो से ज्यादा और लंबाई 296 सेंटीमीटर और ऊंचाई 122 सेंटीमीटर थी. ST-16 बाघ रणथंभौर की सुंदरी की संतान था. बाघ विशेषज्ञों ने बताया बाघ की मौत का प्रारंभिक कारण ओवरडोज ट्रेंकुलाइज हो सकता है। गर्मी में बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया था. संभव है कि ओवरडोज हो गया हो. बाघ की मौत मामले की जांच होनी चाहिए. जिससे सच सामने आ सके. बाघ के बिसरा की बरेली में हैदराबाद की लैब में जांच होना जरूरी है.

Intro:अलवर के सरिस्का में लगातार हो रही बाघों की मौत के बाद सरिस्का प्रशासन पर अब सवाल उठने लगे हैं। बाघ st16 की मौत के पीछे सरिस्का प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बाघ के पैर में एक गांठ का इलाज करने के लिए सरिस्का ने अधिकारियों ने उसे ट्रेंकुलाइज किया। बाघ विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ की मौत बेहोशी की दवा के ओवरडोज से हुई। जबकि सरिस्का के अधिकारियों का दावा है कि हीट स्ट्रोक से बाघ st16 की मौत हुई है।


Body:रणथंभौर से 2 माह पहले बाग st16 को सरिस्का के जंगलों में शिफ्ट किया गया था। बाघ विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए तैयार किए गए डांट बेहोशी की दवा भरी सीरीज में तय मात्रा से अधिक होगी। विशेषज्ञ के पिछले पैरों से ऊपर लगने की बजाए उसकी पूछ के आसपास जा लगी। इसलिए डार्ट में दवा की मात्रा अधिक होने से उसका हार्ड फेल हो गया।

बहरहाल सरिस्का में वन विभाग के सभी आला अधिकारी पहुंच चुके हैं व रविवार रात तक बाघ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी। उसके बाद बाकी मौत के कारणों का पता चल सकेगा। दरअसल गर्मियों में बहुत जरूरी होता है कि ट्रेंकुलाइज के दौरान छाया व पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। सरिस्का में अभी 11 बाघ हैं। इसमें 3 नर व 8 मादा बाघ हैं।


Conclusion:बाघ रणथम्भौर से लाए क्या था। इसका वजन करीब 200 किलो से ज्यादा व लंबाई 296 सेंटीमीटर और ऊंचाई 122 सेंटीमीटर थी। बाघ 75 बाघ रणथंबोर की सुंदरी की संतान था। बाघ विशेषज्ञों ने बताया बाघ की मौत का प्रारंभिक कारण ओवरडोज ट्रेंकुलाइज हो सकता है। गर्मी में बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया था। संभव है कि ओवरडोज हो गया हो। बाघ की मौत मामले की जांच होनी चाहिए। जिससे सच सामने आ सके। बाघ के बिसरा की बरेली में हैदराबाद की लैब में जांच होना जरूरी है।
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