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राजस्थान की नहरों में पंजाब से आ रहा प्रदूषित 'काला' पानी, CM गहलोत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा पत्र

राजस्थान की नहरों में प्रदूषित जल की समस्या (problem of polluted water in canals of rajasthan) को लेकर राजस्थान सरकार (rajastha government) ने पंजाब सरकार (Punjab government) को पत्र लिखा है. इसमें प्रदूषण रोकने (pollution control) के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया गया है.

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नहरों में प्रदूषित जल की समस्या को लेकर राजस्थान सरकार ने पंजाब सरकार को लिखा पत्र
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Published : Jun 9, 2021, 8:00 AM IST

जयपुर. राजस्थान की नहरों में प्रदूषित जल की समस्या (Polluted water in canals of Rajasthan) को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने पंजाब सरकार (Punjab government) को पत्र लिखा है. सीएम गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव की ओर से लिखे गए पत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (national green tribunal) के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए पंजाब के उच्चाधिकारियों से इस मामले में उचित कार्रवाई कर प्रदूषण रोकने (Pollution control) के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन्दिरा गांधी नहर (Indira gandhi canal), गंगनहर और भाखड़ा सिंचाई प्रणाली में पंजाब से आ रहे दूषित जल (polluted water) पर गहरी चिंता जाहिर की है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान की नहरों में फिर पंजाब से फिर आ रहा केमिकल युक्त 'काला पानी', प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से शिकायत

राजस्थान के मुख्य सचिव ने पंजाब के मुख्य सचिव को अवगत कराया है कि शोभा सिंह बनाम पंजाब सरकार (Shobha singh vs Government of punjab) प्रकरण में एनजीटी ने 20 जनवरी 2021 को पंजाब सरकार को सतलज एवं ब्यास नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दे रखे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब इस संबंध में बनाए गए एक्शन प्लान के अनुरूप जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराने का प्रयास करे. पंजाब के अधिकारियों ने अवगत कराया कि लुधियाना शहर के बुड्ढा नाला और जालंधर, नकोदर और फगवाड़ा के सीवरेज तथा औद्योगिक अपशिष्ट के प्रवाह के कारण इंदिरा गांधी नहर में प्रदूषित जल की समस्या आती है.

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने केन्द्रीय प्रदूषण मण्डल को इस समस्या के समाधान के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया हुआ है. इसके तहत पंजाब की ओर से समयबद्ध रूप से एसटीपी और ईटीपी लगाने का काम किया जा रहा है. वहां के अधिकारियों ने बताया कि नहरबंदी के दौरान रोपड़ हेड वर्क्स से दिए जाने वाले पानी की मात्रा लगभग नगण्य होती है. इस दौरान औद्योगिक अपशिष्ट और सीवरेज का पानी नदी के तल में जमा होता रहता है. इस कारण नहरबंदी के बाद प्रारंभ के कुछ दिनों में छोड़े जाने वाले पानी में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है.

यह भी पढ़ें- आजादी 'काले पानी' से : ईटीवी भारत के कैंपेन का बड़ा असर, 650 करोड़ खर्च कर साफ होगा बुड्ढा नाला

नहरबंदी के बाद हरिके हैड पर आए प्रदूषित जल की प्रतिदिन निगरानी, जांच और पर्यवेक्षण के लिए अधिशासी अभियंता राजस्थान कैनाल खण्ड फिरोजपुर को तैनात किया गया है. जानकारी के अनुसार हरिके हैड पर पानी की गुणवत्ता में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है. इससे राजस्थान सीमा में प्राप्त पानी की गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया है. पंजाब से प्राप्त हो रहे पानी के नमूनों की जांच भी करवाई जा रही है.

ईटीवी भारत ने चलाई थी मुहिम

पंजाब की नदियों से राजस्थान की नहरों में बहकर आ रहा केमिकल युक्त व दूषित काला पानी मनुष्य जीवन और कृषि भूमि को तो नुकसान पहुंचा ही रहा है, लेकिन इस गंदे पानी का असर मवेशियों और जानवरों पर भी पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने इसको लेकर एक मुहिम चलाई थी 'आजादी काले पानी से'. आठ अलग-अलग एपिसोड में ईटीवी भारत ने बताया था कि कैसे जहरीला पानी मनुष्य जीवन के साथ-साथ फसलों और मवेशियों के लिए खतरा साबित हो रहा है. इस मुहीम का असर यह हुआ कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 650 करोड़ रुपए के एक प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी जिससे लुधियाना में सबसे अधिक प्रदूषित बुड्ढा नाले की सफाई पर खर्च किया जाना था.

जयपुर. राजस्थान की नहरों में प्रदूषित जल की समस्या (Polluted water in canals of Rajasthan) को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने पंजाब सरकार (Punjab government) को पत्र लिखा है. सीएम गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव की ओर से लिखे गए पत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (national green tribunal) के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए पंजाब के उच्चाधिकारियों से इस मामले में उचित कार्रवाई कर प्रदूषण रोकने (Pollution control) के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन्दिरा गांधी नहर (Indira gandhi canal), गंगनहर और भाखड़ा सिंचाई प्रणाली में पंजाब से आ रहे दूषित जल (polluted water) पर गहरी चिंता जाहिर की है.

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राजस्थान के मुख्य सचिव ने पंजाब के मुख्य सचिव को अवगत कराया है कि शोभा सिंह बनाम पंजाब सरकार (Shobha singh vs Government of punjab) प्रकरण में एनजीटी ने 20 जनवरी 2021 को पंजाब सरकार को सतलज एवं ब्यास नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दे रखे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब इस संबंध में बनाए गए एक्शन प्लान के अनुरूप जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराने का प्रयास करे. पंजाब के अधिकारियों ने अवगत कराया कि लुधियाना शहर के बुड्ढा नाला और जालंधर, नकोदर और फगवाड़ा के सीवरेज तथा औद्योगिक अपशिष्ट के प्रवाह के कारण इंदिरा गांधी नहर में प्रदूषित जल की समस्या आती है.

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने केन्द्रीय प्रदूषण मण्डल को इस समस्या के समाधान के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया हुआ है. इसके तहत पंजाब की ओर से समयबद्ध रूप से एसटीपी और ईटीपी लगाने का काम किया जा रहा है. वहां के अधिकारियों ने बताया कि नहरबंदी के दौरान रोपड़ हेड वर्क्स से दिए जाने वाले पानी की मात्रा लगभग नगण्य होती है. इस दौरान औद्योगिक अपशिष्ट और सीवरेज का पानी नदी के तल में जमा होता रहता है. इस कारण नहरबंदी के बाद प्रारंभ के कुछ दिनों में छोड़े जाने वाले पानी में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है.

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नहरबंदी के बाद हरिके हैड पर आए प्रदूषित जल की प्रतिदिन निगरानी, जांच और पर्यवेक्षण के लिए अधिशासी अभियंता राजस्थान कैनाल खण्ड फिरोजपुर को तैनात किया गया है. जानकारी के अनुसार हरिके हैड पर पानी की गुणवत्ता में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है. इससे राजस्थान सीमा में प्राप्त पानी की गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया है. पंजाब से प्राप्त हो रहे पानी के नमूनों की जांच भी करवाई जा रही है.

ईटीवी भारत ने चलाई थी मुहिम

पंजाब की नदियों से राजस्थान की नहरों में बहकर आ रहा केमिकल युक्त व दूषित काला पानी मनुष्य जीवन और कृषि भूमि को तो नुकसान पहुंचा ही रहा है, लेकिन इस गंदे पानी का असर मवेशियों और जानवरों पर भी पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने इसको लेकर एक मुहिम चलाई थी 'आजादी काले पानी से'. आठ अलग-अलग एपिसोड में ईटीवी भारत ने बताया था कि कैसे जहरीला पानी मनुष्य जीवन के साथ-साथ फसलों और मवेशियों के लिए खतरा साबित हो रहा है. इस मुहीम का असर यह हुआ कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 650 करोड़ रुपए के एक प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी जिससे लुधियाना में सबसे अधिक प्रदूषित बुड्ढा नाले की सफाई पर खर्च किया जाना था.

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