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फेसबुक पर वापस अपमानजनक पोस्ट की तो रद्द हो सकती है जमानत

फेसबुक पर अपमानजनक पोस्ट करने के मामले में आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया हैं. यह आदेश न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने राजा बाबू की ओर से दायर जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिए हैं.

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फेसबुक पर वापस अपमानजनक पोस्ट की तो रद्द हो सकती है जमानत-राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jul 25, 2020, 7:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए फेसबुक पर पोस्ट करने वाले आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. यह आदेश न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने राजा बाबू की ओर से दायर जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिए हैं.

अदालत ने याचिकाकर्ता आरोपी को पाबंद करते हुए कहा है कि यदि वह भविष्य में फेसबुक पर अपमानजनक पोस्ट करेगा तो राज्य सरकार उसकी जमानत रद्द कराने के लिए संबंधित न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर सकती है. जमानत अर्जी में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पर अपमानजनक पोस्ट करने का आरोप है. जिसमें अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा 6 माह से जेल में बंद है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

पढ़ें: जयपुर रेल मंडल में पहली बार दौड़ा सबसे शक्तिशाली भारत निर्मित विद्युत इंजन

जमानत अर्जी का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि आरोपी ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट कर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें: जोधपुर में बिना अनुमति के कांग्रेस ने दिया धरना, चालान काटने के बाद पुलिस ने कही कार्रवाई की बात

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. साथ ही आदेश देते हुए भविष्य में अपमानजनक पोस्ट नहीं करने के लिए पाबंद किया है. गौरतलब है कि आरोपी ने गत वर्ष फेसबुक पर संप्रदाय विशेष के लिए आपत्तिजनक पोस्ट की थी. जिसके चलते टोंक की उनियारा थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए फेसबुक पर पोस्ट करने वाले आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. यह आदेश न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने राजा बाबू की ओर से दायर जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिए हैं.

अदालत ने याचिकाकर्ता आरोपी को पाबंद करते हुए कहा है कि यदि वह भविष्य में फेसबुक पर अपमानजनक पोस्ट करेगा तो राज्य सरकार उसकी जमानत रद्द कराने के लिए संबंधित न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर सकती है. जमानत अर्जी में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पर अपमानजनक पोस्ट करने का आरोप है. जिसमें अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा 6 माह से जेल में बंद है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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जमानत अर्जी का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि आरोपी ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट कर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है.

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दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. साथ ही आदेश देते हुए भविष्य में अपमानजनक पोस्ट नहीं करने के लिए पाबंद किया है. गौरतलब है कि आरोपी ने गत वर्ष फेसबुक पर संप्रदाय विशेष के लिए आपत्तिजनक पोस्ट की थी. जिसके चलते टोंक की उनियारा थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था.

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