जोधपुर. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव मामले में एसओजी की ओर से केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए जारी नोटिस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगाने की बजाय एसओजी के समक्ष आवेदन करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि यदि दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए और समय की आवश्यकता है, तो एसओजी में आवेदन पेश करे और समय नहीं दिया जाए, तो दोबारा कोर्ट आ सकते हैं. जस्टिस कुलदीप माथुर की एकलपीठ के समक्ष केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से संजीवनी मामले में एसओजी की ओर से आचार संहिता लगने से एक दिन पूर्व बैंक डिटेल सहित दस्तावेज पेश करने का नोटिस जारी किया गया था.
केन्द्रीय मंत्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पावा, हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्रसिंह दासपा ने पैरवी करते हुए कहा कि नोटिस जारी किया गया, लेकिन इस समय राजस्थान में चुनाव का समय है. ऐसे में दस्तावेज पेश करने के लिए समय दिया जाए या रोक लगाई जाए. वहीं सरकार की ओर से स्पेशल पीपी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरेन पी रावल और एएजी अनिल जोशी ने कहा कि पहले से ही समय दिया और वैसे भी इस मामले में 30 अक्टूबर की तारीख सुनवाई के लिए निश्चित है. तब तक रिप्लाई पेश करने का उनको भी समय मिल जाएगा. जहां तक समय की बात है तो कुछ दिन इनके निवेदन पर दिए जा सकते हैं.
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इस पर केन्द्रीय मंत्री शेखावत के अधिवक्ता चाहते थे कि रोक लग जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि आप एसओजी के समक्ष दस्तावेज करने के लिए समय बढ़ाने का आवेदन करे. यदि समय नहीं बढ़ाए, तो दोबारा कोर्ट आ सकते हैं. गौरतलब है कि करीब 900 करोड़ रुपए के गबन के मामले में केन्द्रीय मंत्री शेखावत सहित कईयों पर आरोप लगे हैं और एसओजी की जांच में दोषी माना गया है. ऐसे में हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तारी पर पूर्व में ही रोक लगा दी थी. लेकिन अब एसओजी की ओर से दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस जारी किया गया था. जिस पर समय बढ़ाने या फिर रोक लगाने के लिए पैरवी की गई. लेकिन कोर्ट ने कहा कि एसओजी के समक्ष ही आवेदन करें.