नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को अमेरिका को 'टैरिफ-रेट कोटा' (टीआरक्यू) के तहत 8,424 टन कच्ची या सफेद चीनी के निर्यात की अनुमति दी है. इससे इस निर्यात की खेप पर अपेक्षाकृत कम शुल्क लगेगा.
टीआरक्यू, निर्धारित वस्तु के निर्यात की एक निश्चित मात्रा का कोटा है जिसपर अमेरिका में जाने पर अपेक्षाकृत कम शुल्क लगता है. कोटा पूरा होने के बाद, अतिरिक्त आयात पर कहीं अधिक शुल्क लागू होता है.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा, 'एक अक्टूबर से 30 सितंबर, 2022 तक टीआरक्यू योजना के तहत अमेरिका को निर्यात की जाने वाली 8,424 टन चीनी (कच्ची और / या सफेद चीनी) की मात्रा को अधिसूचित किया गया है.' भारत को इस तरजीही कोटा व्यवस्था के तहत अमेरिका को सालाना 10,000 टन तक शुल्क-मुक्त चीनी निर्यात की छूट मिलती है.
दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता देश, भारत का यूरोपीय संघ के साथ भी चीनी निर्यात के लिए एक तरजीही कोटा व्यवस्था है.
बेहतर मांग और सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता के कारण, पिछले महीने समाप्त हुए 2020-21 के विपणन वर्ष में देश का चीनी निर्यात 20 प्रतिशत बढ़कर 71 लाख टन हो गया.
विपणन वर्ष 2019-20 में चीनी का निर्यात 59 लाख टन रहा.
इंडियन शुगर मिल्स एसोसएिशन (इस्मा) के अनुसार, विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी का उत्पादन 3.1 करोड़ टन रहने का अनुमान है.
चीनी की कुल उपलब्धता 3.95 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें 85 लाख टन चीनी का पिछले वर्ष का बचा स्टॉक भी शामिल है.
(पीटीआई भाषा)