नई दिल्ली/अहमदाबाद/भोपाल/हैदराबाद/बैंगलुरु/ गुवाहाटी : गुजरात, असम, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, मध्यप्रदेश समेत लगभग आधा देश बाढ़ की चपेट में है. इन राज्यों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया. गुजरात में बारिश और बाढ़ के पिछले 24 घंटे में 61 लोगों की मौत हो गई. गुजरात में दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है. वहीं असम में बाढ़ के कारण हुई मौतों की संख्या 200 के आसपास पहुंच गई है. सरकार के मुताबिक, गुजरात में बारिश से प्रभावित 10 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. कुछ इसी तरह के हालात मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंबिका नदी के तट पर अचानक पानी बढ़ जाने के कारण 16 सरकारी कर्मचारी फंस गए. भारतीय कोस्ट गार्ड के अधिकारी के मुताबिक चेतक हेलीकॉप्टर के जरिए अभियान चलाया. तेज हवाओं और भारी बारिश बीच 16 लोगों को बचाया गया.
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Gujarat | On request from Collector Valsad to rescue personnel stranded due to flash floods on the banks of river Ambika, Indian Coast Guard launched an op through Chetak helicopter and rescued 16 people amidst marginal visibility in strong winds & heavy rains: ICG officials pic.twitter.com/LhJxJzboMs
— ANI (@ANI) July 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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गुजरात सरकार के मुताबिक, राज्य में सोमवार शाम 6 बजे तक बारिश की वजह से 10700 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में बाढ़ को लेकर ट्वीट किया और कहा- गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई बाढ़ जैसी परिस्थितियों के संदर्भ में मैंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जी से बात की और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. गुजरात प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ प्रभावित लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने में लगे हैं.
गुजरात में नर्मदा नदी में बाढ़ आ गई है. यहां डेडीयापाडा और सागबारा में 8 घंटे में 17 इंच बारिश हुई है, जिसके चलते करजन डैम के 9 गेट खोल दिए गए हैं. इन 9 गेट से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में भरूच और नर्मदा जिले के लो लाइन एरिया में अलर्ट जारी किया है. भरूच के 12 और नर्मदा के 8 गांव को अलर्ट मोड पर रखा गया है. यहां बाढ़ से हालात बिगड़ने की आशंका है. दरअसल, करजन नदी का पानी सीधा नर्मदा नदी में मिलता है, जिसके चलते भरूच के पास नर्मदा के लेवल में बढ़ोतरी होगी. अहमदाबाद में सोमवार देर रात फिर से शुरू हुई बारिश ने परेशानियां बढ़ा दीं. यहां शाम 6 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक करीब 456 मिमी बारिश दर्ज की गई है. जबकि छोटा उदयपुर के बोडेली में 6 घंटे में 411 मिमी बारिश दर्ज की गई है.
पढ़ें: गुजरात: वलसाड में बाढ़ से आमजीवन अस्त-व्यस्त, राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 61 हुई
गुजरात में सोमवार तक के आंकड़ों के अनुसार, 61 लोगों की मौत हुई है. एनडीआरफ की 13 टीम को गुजरात में बजाव कार्य में लगी हुई है. इनमें नवसारी में दो, गिर सोमनाथ, सूरत, राजकोट, बनासकांठा, वलसाड, भावनगर, कच्छ, जामनगर, अमरेली, द्वारिका और जूनागढ़ में एक-एक टीम काम कर रही है. इसके अलावा, राज्य में एसडीआरएफ की 18 टीम बचाव कार्य में लगी हुई है. गुजरात में बारिश की वजह से स्टेट हाइवे और गांव की सड़कों को मिलाकर 300 से ज्यादा सड़क बंद हैं. गुजरात में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण गुजरात के सूरत, वलसाड, नवसारी, तापी, डांग जिले में भारी बारिश होने का अनुमान है. इसी तरह, मध्य गुजरात में नर्मदा, पंचमहाल, भरुच, वडोदरा, खेडा, आणंद, सौराष्ट्र में भावनगर, अमरेली, मोरबी के अलावा कच्छ में भारी बारिश हो सकती है.
गुजरात में बांध के हालात : गुजरात में 207 छोटे-बडे़ बांध हैं, जिसमें 13 बांध हाईअलर्ट पर हैं. 8 बांध अलर्ट पर हैं. 7 बांध खतरे के निशान के करीब हैं. जबकि सरदार सरोवर बांध अपनी क्षमता के 45.37% भर चुका है. इसके अलावा, 11 बांध 100 फीसदी भर चुके हैं. 18 बांध 70 से 100 फीसदी भर चुके हैं. वहीं 25 बांध 50 से 70 फीसदी भर चुके हैं. इनमें उत्तर गुजरात के 15, मध्य गुजरात के 17, दक्षिण गुजरात के 13, कच्छ के 20 और सौराष्ट्र के 141 बांध भर चुके हैं.
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Gujarat | Heavy rainfall results in severe water logging and flood-like situation in Ahmedabad (11.07) pic.twitter.com/hzENXGv0Zl
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मध्य प्रदेश में 33 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट : मध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने 33 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. राज्य में 24 घंटे में बिजली गिरने से 7 की मौत हुई है. आईएमडी ने कहा कि मंगलवार सुबह भारी बारिश होने की संभावना है. इन 33 जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम शामिल हैं. राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में एक जून से अब तक बिजली गिरने से 60 लोगों की मौत हुई है. पिछले 24 घंटे में जहां सात मौतें हुईं हैं, उनमें मंडला में दो, अशोक नगर, दतिया, गुना, नरसिंहपुर और नर्मदापुरमन में एक-एक की जान गई है. राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे में 103.2 मिमी बारिश हुई. जबकि रायसेन, बैतूल, नर्मदापुरम, जबलपुर, छिंदवाड़ा, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में क्रमशः 86.4 मिमी, 72.6 मिमी, 70.4 मिमी, 55.0 मिमी, 55.0 मिमी, 46.4 मिमी, 21.9 मिमी और 17.2 मिमी वर्षा हुई.
मुंबई में भारी बारिश से कई जगहों पर जलजमाव, यातायात बाधित : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किए जाने के बाद मंगलवार को सुबह मुंबई और उसके उपनगरों में तेज हवाएं चलने के साथ ही भीषण बारिश हुई, जिसके बाद महानगर में जगह -जगह पर जलजमाव के कारण यातायात प्रभावित हुआ. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हार्बर लाइन के डॉकयार्ड रेलवे स्टेशन के पास एक पेट्रोलपंप के नजदीक एक पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया. बाद में पेड़ को हटा दिया गया और यातायात बहाल हुआ, लेकिन इसकी गति बहुत धीमी है.
कुछ यात्रियों ने दावा किया कि मुंबई की जीवनरेखा कहलाने वाली लोकल ट्रेन सेवाओं में पांच से दस मिनट का विलंब है. बहरहाल, मध्य रेलवे और पश्चिमी रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि लोकल ट्रेन सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं. मुंबई पुलिस ने बताया कि कुछ स्थानों पर दो फुट तक पानी भर गया है और कुछ पश्चिमी उपनगरों में वाहनों की आवाजाही धीमी है. कुछ दिन तक हल्की बारिश होने के बाद सोमवार रात से महानगर में एक बार फिर भारी बारिश शुरू हुई. शहर और उपनगरों में मंगलवार सुबह से लगातार बारिश हो रही है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अंधेरी उपनगर में दो फुट तक पानी भर गया है और वहां यातायात को एस. वी. रोड की ओर मोड़ा गया है. बांद्रा-वर्ली सी लिंक के दक्षिण की ओर के इलाकों में, महालक्ष्मी जंक्शन पर और गामादिया जंक्शन पर भी पानी भर गया है. इसी तरह हिंदमाता जंक्शन पर भी पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ. अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी उपनगरों में प्रताप नगर, जोगेश्वरी में, वेस्टर्न एक्सप्रेस राजमार्ग पर कुछ स्थानों पर, नेताजी पालकर चौक, एडवर्ड नगर और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में परिवार अदालत में जलजमाव होने की वजह से यातायात धीमा है.
दिल्ली में बारिश के बाद लोगों को उमस से मिली राहत : राष्ट्रीय राजधानी में बारिश होने के बाद मंगलवार सुबह तापमान में गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, शहर के कई हिस्सों में जलजमाव के कारण यातायात प्रभावित हुआ. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 93 प्रतिशत रहा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मंगलवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में दिल्ली में दो मिमी बारिश दर्ज की गई. राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में बारिश होने के कारण लोगों को उमस से थोड़ी राहत मिली. हालांकि, शहर में बुराड़ी और जसोला सहित कई जगह जलजमाव के कारण यातायात प्रभावित हुआ. मध्य दिल्ली में भी जलजमाव के कारण यातायात धीमा रहा.
राजस्थान में बारिश का दौर जारी : राजस्थान में बारिश का दौर जारी है और राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान कई स्थानों पर अच्छी बारिश हुई. राज्य में सबसे अधिक आठ सेंटीमीटर बारिश माउंट आबू और प्रतापगढ़ में हुई. मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार से लेकर मंगलवार सुबह तक माउंट आबू व प्रतापगढ़ में आठ-आठ सेंटीमीटर, कोटा के सांगोद में सात सेंटीमीटर, बांसवाड़ा के बागीडोरा में छह सेमी., उदयपुर के कोटड़ा में पांच सेमी. व उदयपुर के गोगुंदा में चार सेमी. बारिश हुई. इस दौरान राज्य के बूंदी, टोंक, सिरोही, सवाई माधोपुर, डूंगरपुर, बारां, भरतपुर, अलवर, बाड़मेर व जालोर जिलों में अनेक जगह भारी बारिश हुई. विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान बांसवाड़ा, सिरोही, राजसमंद, प्रतापगढ़, झालावाड़ , चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, पाली, जैसलमेर, जोधपुर व नागौर जिले में कई जगह भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.
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तेलंगाना: गोदावरी नदी ने दूसरे खतरनाक स्तर के निशान को किया पार : तेलंगाना में गोदावरी नदी ने सोमवार को दूसरे खतरनाक स्तर के निशान को पार कर लिया. जिससे भद्राचलम में बाढ़ आने की आशंका जतायी जा रही है. अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर दिया है. भारी बारिश के कारण भद्राचलम में जल स्तर तेजी से बढ़कर 53.9 फीट तक पहुंच गया है, जो 48 फीट के दूसरे खतरनाक स्तर को पार कर गया है. भद्राद्री कोठागुडेम जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. भद्राचलम में जल प्रवाह 12,79,307 क्यूसेक था. अगर जल स्तर 53 फीट को पार करता है, तो बाढ़ आने की आशंका और बढ़ जाएगी.
दुम्मुगुडेम में जल प्रवाह 14 लाख क्यूसेक से अधिक है. भले ही सिंगूर और निजामसागर में पांच हजार क्यूसेक से कम पानी बह रहा हो, लेकिन श्री रामसागर, कदम, एलमपल्ली, मिडमनेरु, कालेश्वरम और सुंडीला (पार्वती), अन्नाराम (सरस्वती) और मेदिगड्डा (लक्ष्मी) बैराज में भारी बाढ़ आई है. सोमवार की रात श्री रामसागर से करीब 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया और एलमपल्ली से 20 गेट उठाकर 93 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. चूंकि सुंडीला बैराज के माध्यम से एलमपल्ली का पानी छोड़ा गया था और मनेरू से बाढ़ का प्रवाह 45 हजार क्यूसेक से अधिक था, अन्नाराम (सरस्वती) बैराज के 60 गेटों को खोल दिया गया. जिससे 1.95 लाख क्यूसेक नीचे की ओर छोड़ा गया था.
जिलाधिकारी ने निचले इलाकों के लोगों को राहत शिविरों में जाने के लिए कहा है. प्रशासन ने लोगों के लिए अब तक पांच राहत शिविर की व्यवस्था की हैं. महाराष्ट्र और तेलंगाना जिले के आदिलाबाद, करीमनगर और निजामाबाद में पिछले 3-4 दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण नदी श्री राम सागर से भद्राचलम तक उफान पर बनी हुई है. श्रीराम सागर परियोजना के नौ गेट पानी छोड़ने के लिए खोले गए हैं. मौसम विज्ञान ने अगले दो दिन भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.
हैदराबाद में भारी बारिश की चेतावनी, एमएमटीएस ने ट्रेनें की रद्द : दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने मौसम विभाग द्वारा की गई भारी बारिश की भविष्यवाणी के मद्देनजर सोमवार से ग्रेटर हैदराबाद में 34 एमएमटीएस ट्रेन सेवाओं को तीन दिनों के लिए रद्द कर दिया है. दरअसल, मौसम विभाग ने भारी बारिश की भविष्यवाणी की और रेड अलर्ट भी जारी किया. इसके चलते एससीआर ने 11 जुलाई से 13 जुलाई तक मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सर्विस (एमएमटीएस) ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की. लिंगमपल्ली और हैदराबाद के बीच सभी नौ सेवाओं को रद्द कर दिया गया है. अधिकारियों ने फलकनुमा और लिंगमपल्ली के बीच सात सेवाओं को भी रद्द कर दिया है. इसके अलावा, सिकंदराबाद और लिंगमपल्ली के बीच एक सेवा को भी रद्द किया गया है. बता दें कि एमएमटीएस हैदराबाद और सिकंदराबाद समेत बाहरी इलाकों के जुड़वां शहरों को जोड़ता है. उपनगरीय ट्रेनें इंट्रा-सिटी और उपनगरीय यात्रियों की जरूरतों को पूरा करती हैं. हैदराबाद के कुछ हिस्सों में पिछले 2-3 दिनों से भारी बारिश हो रही है. हैदराबाद मौसम विज्ञान केंद्र ने तेलंगाना के कुछ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.
कर्नाटक: सीएम ने प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. सीएम हालात की समीक्षा के बाद जरूर कार्रवाई के निर्देश देंगे. बोम्मई ने कहा कि वह कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी जिलों का दौरा करेंगे. ये इलाके भारी बारिश से ज्यादा प्रभावित हुए हैं. पश्चिमी घाट में बारिश के कारण उत्तर कन्नड़ जिले में काली नदी का जलस्तर 3 फीट तक बढ़ गया है. वहीं, 124.80 फीट ऊंचे केआरएस बांध में पानी का बहाव काफी बढ़ गया है. कावेरी नदी के किनारे रहने वाले लोगों को चेतावनी दी गई है. राज्य में बारिश के कारण वरदा, कुमुदवती, तुंगभद्रा नदियां अधिक स्तर पर बह रही हैं. उत्तर कन्नड़ जिलों के कई स्थानों पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. जिले में शरवती, काली, अघनाशिनी और गंगावली नदियां खतरनाक स्तर को पार कर रही हैं.
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Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma inspected the erosion site of South Kenduguri in Hojai (11.07) pic.twitter.com/2DLbAoIrw9
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">Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma inspected the erosion site of South Kenduguri in Hojai (11.07) pic.twitter.com/2DLbAoIrw9
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असम : तीन लाख से ज्यादा लोग अब भी प्रभावित, 416 गांव जलमग्न : असम के दस जिलों में 3.79 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं. सोमवार को जारी एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है. राज्य में पिछले महीने हुई भारी बारिश ने वहां जबरदस्त तबाही मचाई है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक, राज्य में सोमवार को डूबने से किसी की मौत की सूचना नहीं मिली है, जिससे इस साल बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 192 पर स्थिर है. एएसडीएमए के अनुसार, बजली, विश्वनाथ, कछार, चिरांग, हैलाकांडी, कामरूप, मोरीगांव, नगांव, शिवसागर और तामुलपुर जिलों में बाढ़ से अब भी 3,79,200 लोग प्रभावित हैं. कुल मिलाकर इन 10 जिलों में लगभग 5.39 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.
एएसडीएमए के मुताबिक, कछार राज्य में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिला है, जहां 2.08 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं. इसके बाद मोरीगांव का स्थान आता है, जहां लगभग 1.42 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि मौजूदा समय में असम में 416 गांव पानी में डूबे हुए हैं, जिससे 5,431.20 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. इसमें बताया गया है कि अधिकारी आठ जिलों में 102 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों का संचालन रहे हैं, जहां 5,515 बच्चों सहित कुल 20,964 लोगों ने शरण ले रखी है.
बुलेटिन के मुताबिक, रविवार से लेकर अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 77.1 क्विंटल चावल, दाल, नमक, 327 लीटर सरसों का तेल और अन्य राहत सामग्री वितरित की गई है. बाढ़ के कारण असम के कई हिस्सों में तटबंधों, सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. उदलगुरी, धेमाजी, धुबरी, बक्सा, बारपेटा, कामरूप और मोरीगांव में बुनियादी ढांचा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. बुलेटिन के अनुसार, असम में फिलहाल कोई भी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है.