आस्था या अंधविश्वास ? बाबा को चढ़ाई जा रही शराब
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दमोह। आज भले ही 21 वीं सदी में लोग पहुंच चुके हैं, लेकिन अभी भी अंधविश्वास के कारण कई भक्त ठगी का शिकार बनते हैं, अंधविश्वास भी इतना गहरा कि लोगों को शराब चढ़ाने और सबसे खर्चीला भंडारा कराने के लिए भक्तों को मजबूर कर दिया जाता है, कुछ इसी तरह का नजारा दमोह जिले के हटा विधान सभा क्षेत्र के मड़ियादो ब्लॉक की ग्राम पंचायत नारायणपुर के गांव मनकपुरा में देखने मिला, जहां हर सप्ताह रूप सिंह बाबा का दरबार आयोजित हो रहा है.
बाबा खुद पीते हैं शराब
यहां काल भैरव के साथ कई प्रतिमाओं की पूजा अर्चना के बाद शराब चढ़ाई जा रही है, यह शराब बाबा खुद पीते हैं, इसके अलावा भक्तों को भी शराब बांटकर प्रसाद के रूप में दिया जाता है.
इलाज के नाम पर पिलाई जा रही शराब
मामला यहीं शांत नहीं होता बाबा हर तरह के रोग जैसे सांस की बीमारी, लकवा, खुजली, हाथ पैर में दर्द होना और हार्ट की बीमारियों का इलाज शराब पिलाकर करते हैं, 21वीं सदी में विज्ञान भले ही आसमान छूने लगा हो, लोग जमीन से चांद पर पहुंच गए हों, लेकिन आदिवासी क्षेत्र अशिक्षित लोगों को इस तरह से अंधविश्वास की आग में झोंका जा रहा है.
पूजा-पाठ के नाम पर छलकाए जा रहे जाम
ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अंधविश्वास के खेल वाले बाबा के दरबार में अभी तक प्रशासनिक अधिकारियों को पहुंचने का समय नहीं मिल सका है, कहीं ऐसा ना हो कि प्रशासनिक अधिकारियों को देर हो जाए और कई लोग अंधविश्वास के अंधे खेल में जान गवां बैठें.