शान्ति धाम न होने से चार किमी ट्रैक्टर-ट्रॉली से लाइ गई अर्थी, ग्रामीण को करना पड़ता परेशानी का सामना
कलेक्टरेट के पीछे बसे आनंद नगरवासियों को अंतिम संस्कार करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. अगर किसी की मोत हो जाए तो अंतिम यात्रा निकालने से पहले शव को वाहनों में रखकर शहर तक लाना पड़ता है, वहीं शव के लिए कोई वाहन नहीं है. लोगों को अपने परिजनों को टैक्टर या ट्राली में रखकर लाना पड़ता है.