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अंतिम सोमवती अमावस्या बरसाएगी सौभाग्य, परिक्रमा पूजा विधि में जरुर करें चंद काम - LAST SOMVATI AMAVASYA OF 2024

30 दिसंबर को 2024 साल की आखिरी अमवस्या है. इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस दिन शादीशुदा महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं. जान लें इस बार के कुछ खास काम जिसे करना जरुरी है.

Last Somvati Amavasya Of 2024
पौष माह की सोमवती अमावस्या (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 16 hours ago

Updated : 16 hours ago

शहडोल: इस साल का आखिरी सोमवती अमावस्या व्रत 30 दिसंबर को है. पौष माह की ये सोमवती अमावस्या बहुत ही विशेष मानी जाती है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं वट वृक्ष, पीपल या तुलसी के पास जाकर विशेष पूजा-पाठ करती है. कहा जाता है कि सच्ची श्रद्धा से की गई व्रत-पूजा का पूरा लाभ मिलता है और सुख-शांति में वृद्धि होती है. वहीं, इसमें कुछ चीजें वर्जित भी होती हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानें इस व्रत से जुड़ी जरूरी बातें.

वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करें

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, " साल 2024 की ये आखिरी अमावस्या है, जो 30 दिसंबर को पड़ रही है. ये पौष माह की सोमवती अमावस्या भी है. सोमवती अमावस्या के दिन नवविवाहित महिलाएं स्नान करने के बाद वट वृक्ष की पूजा करें. सबसे पहले पूजा की सामग्री जुटा लें. इसमें सुपारी, हल्दी या रेवड़ी दाना जैसी कोई चीज रखें, जो 108 नग हो. इसके बाद वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करें. इस दौरान कच्चे सूत से वट वृक्ष को 108 बार लपेटना है और भगवान को प्रणाम करना है, जिसके बाद पूजा पूर्ण होगी."

पति की लंबी उम्र के लिए होती है पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, " पति की लंबी उम्र और उनके अच्छे सौभाग्य के लिए ये पूजा की जाती है. अगर सही तरीके से और विधि विधान से व्रत करके पूजा की जाए तो पति की आयु बढ़ती है. इसके साथ ही घर में संपत्ति बढ़ती है, शांति रहती है और पति को लंबी उम्र मिलती है."

नवविवाहित भूलकर भी न करें ये काम

आचार्य शास्त्री कहते हैं, "नव विवाहिता जिनकी अभी-अभी शादी हुई है और ये उनकी पहली सोमवती अमावस्या है, वे वशेष ध्यान रखें कि पौष माह की इस सोमवती अमावस्या से अपने व्रत की शुरुआत न करें. इस बार सोमवती अमावस्या में व्रत न करें और न ही पूजा करें. पौष माह की सोमवती अमावस्या से किसी व्रत की शुरुआत नहीं की जाती है. जो महिलाएं पहले से सोमवती अमावस्या की व्रत और पूजा करते आ रही हैं, वे पौष माह की सोमवती अमावस्या के दिन भी पूजा और व्रत कर सकती हैं."

सोमवती अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम

ज्योतिष आचार्य कहते हैं, " सोमवती अमावस्या के दिन व्रत में जो प्रसाद आप पूजा के लिए चढ़ा रहे हैं, उसे थोड़ा-थोड़ा सभी महिलाओं के बीच और लड़कियों के बीच में जरूर बाटें. पूजा करने के बाद महिलाएं बड़े-बुजुर्गों, सास-ससुर, माता-पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लें. इसके साथ ही देवी-देवताओं को भी प्रणाम कर आशीर्वाद लें.

शहडोल: इस साल का आखिरी सोमवती अमावस्या व्रत 30 दिसंबर को है. पौष माह की ये सोमवती अमावस्या बहुत ही विशेष मानी जाती है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं वट वृक्ष, पीपल या तुलसी के पास जाकर विशेष पूजा-पाठ करती है. कहा जाता है कि सच्ची श्रद्धा से की गई व्रत-पूजा का पूरा लाभ मिलता है और सुख-शांति में वृद्धि होती है. वहीं, इसमें कुछ चीजें वर्जित भी होती हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानें इस व्रत से जुड़ी जरूरी बातें.

वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करें

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, " साल 2024 की ये आखिरी अमावस्या है, जो 30 दिसंबर को पड़ रही है. ये पौष माह की सोमवती अमावस्या भी है. सोमवती अमावस्या के दिन नवविवाहित महिलाएं स्नान करने के बाद वट वृक्ष की पूजा करें. सबसे पहले पूजा की सामग्री जुटा लें. इसमें सुपारी, हल्दी या रेवड़ी दाना जैसी कोई चीज रखें, जो 108 नग हो. इसके बाद वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करें. इस दौरान कच्चे सूत से वट वृक्ष को 108 बार लपेटना है और भगवान को प्रणाम करना है, जिसके बाद पूजा पूर्ण होगी."

पति की लंबी उम्र के लिए होती है पूजा

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, " पति की लंबी उम्र और उनके अच्छे सौभाग्य के लिए ये पूजा की जाती है. अगर सही तरीके से और विधि विधान से व्रत करके पूजा की जाए तो पति की आयु बढ़ती है. इसके साथ ही घर में संपत्ति बढ़ती है, शांति रहती है और पति को लंबी उम्र मिलती है."

नवविवाहित भूलकर भी न करें ये काम

आचार्य शास्त्री कहते हैं, "नव विवाहिता जिनकी अभी-अभी शादी हुई है और ये उनकी पहली सोमवती अमावस्या है, वे वशेष ध्यान रखें कि पौष माह की इस सोमवती अमावस्या से अपने व्रत की शुरुआत न करें. इस बार सोमवती अमावस्या में व्रत न करें और न ही पूजा करें. पौष माह की सोमवती अमावस्या से किसी व्रत की शुरुआत नहीं की जाती है. जो महिलाएं पहले से सोमवती अमावस्या की व्रत और पूजा करते आ रही हैं, वे पौष माह की सोमवती अमावस्या के दिन भी पूजा और व्रत कर सकती हैं."

सोमवती अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम

ज्योतिष आचार्य कहते हैं, " सोमवती अमावस्या के दिन व्रत में जो प्रसाद आप पूजा के लिए चढ़ा रहे हैं, उसे थोड़ा-थोड़ा सभी महिलाओं के बीच और लड़कियों के बीच में जरूर बाटें. पूजा करने के बाद महिलाएं बड़े-बुजुर्गों, सास-ससुर, माता-पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लें. इसके साथ ही देवी-देवताओं को भी प्रणाम कर आशीर्वाद लें.

Last Updated : 16 hours ago
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