Burhanpur Ramadan Tradition: रमजान में मुस्लिमों को जगा रहे 'सेहरीखान', आधुनिकता के बीच आज भी कायम है परंपरा
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बुरहानपुर। रमजान का पवित्र महीना मुस्लिम समाज के लोगों के लिए खास माना जाता है. इस दौरान समाज के लोग दिनभर भूखे, प्यासे रहकर कठोर संयम का पालन करते हैं, दिन शुरू होने से पहले तय समय पर सेहरी के साथ दिनभर का तप शुरू होता है. रमजान को लेकर देश में अलग-अलग परंपराएं हैं. इधर बुरहानपुर में भी समाज के बुजुर्गों द्वारा सुबह निश्चित समय पर लोगों को नींद से जगाने की वर्षों पुरानी परंपरा आज भी कायम है. मोबाइल, अलार्म घड़ी अन्य आधुनिक संसाधनों के बीच शहर के 80 वर्षीय बुजुर्ग मालन बी आज भी अपना धार्मिक कर्तव्य निभाते हुए लोगों को आवाज लगाकर उठा रही हैं. वे सुभाष चौक, खानका वार्ड, जयस्तंभ, फूल का मदरसा, न्यामतपुरा, डाकवाड़ी क्षेत्रों में नियमित रूप से रात करीब तीन बजे से लोगों को आवाज लगाकर उठाना शुरू कर देती हैं. इसी तरह उपनगर लालबाग क्षेत्र के वसीम शाह और रफीक शाह भी बीते कई सालों से इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं. शहर के मोहम्मद रजा, मसूद मोहम्मद खान ने बताया कि ''बुरहानपुर मुगलों का शहर रहा है, तब से यह परंपरा चली आ रही है, यह देखकर अच्छा लगता है कि लोग आज भी धर्म के लिए खुद की नींद और आराम को त्याग कर काम कर रहे हैं.''