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कई गांव आज भी हैं शौचालय से महरूम, शासन से नहीं मिल रही मदद

सरकार के लाख दावों के बाद भी ग्रामीण आज भी शौचालय के लिए परेशान हैं, वे आज भी बाहर शौच जाने के लिए मजबूर हैं. विदिशा ग्रामीणों शासन प्रशासन से गुहार लगा रहे है. इसके बाद भी उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

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नही है शौचालय
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Published : Oct 23, 2020, 3:46 AM IST

विदिशा। देश से लेकर प्रदेश और प्रदेश से लेकर गांव तक सरकार स्वच्छता को लेकर लाख दावे करती है, लेकिन जब जमीनी हकीकत की बात आती है, तो इन दावों की पोल खुल जाती है. सरकार दावा कर रही है कि जिले में आने वाले तमाम गांव को शौच मुक्त बना दिया गया है, हर गांव में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका हो, कई गांवों को शौच मुक्त का खिताब भी दिया जा चुका हो, लेकिन आज भी सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जो शौचालय से महरुम हैं. ऐसा ही एक गांव विदिशा जनपद के कररिया खेड़ा गांव है. जहां सालों पहले शौचालय निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन आज तक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है.

कई गांवों में नहीं है शौचालय

आज तक नहीं हुआ शौचालय निर्माण

कररिया खेड़ा गांव में चार साल पहले शौचालय निर्माण के लिए गड्ढे खोदे गए थे, लेकिन आज तक उन गड्ढों पर शौचालय के निमार्ण कार्य पूरा नहीं हुआ है. जहां शौचालय के नाम पर चार दीवार तो उठवा दी गई हैं, लेकिन ग्रामीणों को शौचालय नहीं मिला है. ग्रमीण बताते है कि शौचालय की मांग को लेकर सभी ने शासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. आलम यह है कि ये किसी एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि जिले के हर दूसरे गांव की यहीं कहानी है. नटेरन जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों में भी शौचालय का निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया है और सालों पहले इस गांव को शौच मुक्त का खिताब मिल चुका है.

बाहर शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

विदिशा जिला मुख्यालय के जात्रापुरा के लोग आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर है. गांव की राम बाई ने बताया कि वो कई सालों से बाहर ही शौच करने जा रही है. कई बार सरपंच और सचिव से भी शौचालय निर्माण को लेकर शिकायत की, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं है. उन्होंने कहा कि बाहर शौच के लिए जाना उनकी एक मजबूरी है.

इस गांव में है गिनती मात्र के शौचालय

ग्रामीण दगरुलाल ने कहा कि उनके घर में सात लोग रहते है, सभी शौच के लिए बाहर ही जाते है. गांव में मात्र चार शौचालय बने है, जिसका भी निर्माण कार्य अधूरा है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से चाहते है कि शौचालय का निर्माण कराए. वहीं कई ग्रामीणों का कहना है कि पूरे गांव में गिनती मात्र के शौचालय है.

ये भी पढ़े- इमरती देवी पर टिप्पणी मामला : कमलनाथ को चुनाव आयोग का नोटिस

इन सबके बाद भी प्रशासन के नजरों में पूरे जिले में शौचालय निर्माण का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है, वहीं गांवों में भी शौचालय बनवाए जा रहे है. कलेक्टर शैलेंद्र सिंह का कहना है कि पूरे गांव में शौचालय निर्माण किया जा रहा है, कुछ जनपद के गांव से शिकायत मिली है कि वहां शौचालय निर्माण कार्य अधूरा है, जिसके संबंध में विभाग को जल्द ही कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया गया है. कलेक्टर ने कहा कि शौचालय निर्माण के कार्यों का काफी पॉजिटिव परिणाम सामने आ रहे है.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश में शौचालय निर्माण का कार्य किया जा रहा है. जिसे लेकर सरकार का दावा है कि शहर से लेकर गांव तक शौचालय का निर्माण हो रहा है. वहीं कई गांव शौचालय मुक्त हो गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है, जहां कई गांव आज भी शौचालय से महरुम है. जिसके लिए ग्रामीण लगातार सरकार से गुहार लगा रहे है.

विदिशा। देश से लेकर प्रदेश और प्रदेश से लेकर गांव तक सरकार स्वच्छता को लेकर लाख दावे करती है, लेकिन जब जमीनी हकीकत की बात आती है, तो इन दावों की पोल खुल जाती है. सरकार दावा कर रही है कि जिले में आने वाले तमाम गांव को शौच मुक्त बना दिया गया है, हर गांव में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका हो, कई गांवों को शौच मुक्त का खिताब भी दिया जा चुका हो, लेकिन आज भी सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जो शौचालय से महरुम हैं. ऐसा ही एक गांव विदिशा जनपद के कररिया खेड़ा गांव है. जहां सालों पहले शौचालय निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन आज तक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है.

कई गांवों में नहीं है शौचालय

आज तक नहीं हुआ शौचालय निर्माण

कररिया खेड़ा गांव में चार साल पहले शौचालय निर्माण के लिए गड्ढे खोदे गए थे, लेकिन आज तक उन गड्ढों पर शौचालय के निमार्ण कार्य पूरा नहीं हुआ है. जहां शौचालय के नाम पर चार दीवार तो उठवा दी गई हैं, लेकिन ग्रामीणों को शौचालय नहीं मिला है. ग्रमीण बताते है कि शौचालय की मांग को लेकर सभी ने शासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. आलम यह है कि ये किसी एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि जिले के हर दूसरे गांव की यहीं कहानी है. नटेरन जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों में भी शौचालय का निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया है और सालों पहले इस गांव को शौच मुक्त का खिताब मिल चुका है.

बाहर शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

विदिशा जिला मुख्यालय के जात्रापुरा के लोग आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर है. गांव की राम बाई ने बताया कि वो कई सालों से बाहर ही शौच करने जा रही है. कई बार सरपंच और सचिव से भी शौचालय निर्माण को लेकर शिकायत की, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं है. उन्होंने कहा कि बाहर शौच के लिए जाना उनकी एक मजबूरी है.

इस गांव में है गिनती मात्र के शौचालय

ग्रामीण दगरुलाल ने कहा कि उनके घर में सात लोग रहते है, सभी शौच के लिए बाहर ही जाते है. गांव में मात्र चार शौचालय बने है, जिसका भी निर्माण कार्य अधूरा है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से चाहते है कि शौचालय का निर्माण कराए. वहीं कई ग्रामीणों का कहना है कि पूरे गांव में गिनती मात्र के शौचालय है.

ये भी पढ़े- इमरती देवी पर टिप्पणी मामला : कमलनाथ को चुनाव आयोग का नोटिस

इन सबके बाद भी प्रशासन के नजरों में पूरे जिले में शौचालय निर्माण का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है, वहीं गांवों में भी शौचालय बनवाए जा रहे है. कलेक्टर शैलेंद्र सिंह का कहना है कि पूरे गांव में शौचालय निर्माण किया जा रहा है, कुछ जनपद के गांव से शिकायत मिली है कि वहां शौचालय निर्माण कार्य अधूरा है, जिसके संबंध में विभाग को जल्द ही कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया गया है. कलेक्टर ने कहा कि शौचालय निर्माण के कार्यों का काफी पॉजिटिव परिणाम सामने आ रहे है.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश में शौचालय निर्माण का कार्य किया जा रहा है. जिसे लेकर सरकार का दावा है कि शहर से लेकर गांव तक शौचालय का निर्माण हो रहा है. वहीं कई गांव शौचालय मुक्त हो गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है, जहां कई गांव आज भी शौचालय से महरुम है. जिसके लिए ग्रामीण लगातार सरकार से गुहार लगा रहे है.

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