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परेशान किसान की नहीं हुई सुनवाई, तब ऐसे उड़ाई प्रशासन की नींद - विदिशा न्यूज

किसान का कहना है कि वो बीते 15 दिन से शिकायत कर रहा है, लेकिन उसकी समस्या सुनने वाला नहीं है. प्रबंधक की जांच के लिए संभाग से अधिकारी आए, लेकिन वो भी फॉर्मेलिटी करके चले गए.

Officials did formality in the name of investigation
जांच के नाम पर अधिकारियों ने की फॉर्मेलिटी
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Published : Jul 2, 2020, 5:19 PM IST

विदिशा। भले ही शिवराज सरकार किसानों के हित के ढिंढोरे पीटे, वादे करे और योजनाएं चलाए, लेकिन उसको मिट्टी में मिलाने में अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सिरोंज के किसान उमर खान ने करैया गांव हाट सोसाइटी की शिकायत की थी, किसान ने कहा था कि सोसाइटी उसके चने की तोल नहीं किया और साइड बंद कर दी गई. जिसके बाद किसान ने स्थानीय अधिकारियों से शिकायत की थी, जिसकी जांच के लिए कृषि विभाग के संयुक्त संचालक टीम के साथ सोसाइटी भी पहुंचे थे, लेकिन माजरा कुछ और ही नजर आया. अधिकारियों ने सोसाइटी प्रबंधकों के साथ बैठकर चाय, नाश्ते का लुत्फ लिया और किसान की समस्या का कोई हल निकले बिना चलते बने, जिससे किसान हताश हो गया.

जांच के नाम पर अधिकारियों ने की फॉर्मेलिटी

किसान का कहना है कि वो बीते 15 दिन से शिकायत कर रहा है, लेकिन उसकी समस्या सुनने वाला नहीं है. प्रबंधक की जांच के लिए संभाग से अधिकारी आए, लेकिन वो भी फॉर्मेलिटी करके चले गए. ये समस्या कोई एक सोसाइटी की नहीं है. चने की तुलाई के दौरान कई समस्याएं आईं, लेकिन सोसाइटी प्रबंधकों ने अपनी मनमानी चलाई. इतना ही नहीं एक भाजपा के वरिष्ठ नेता से अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं था.

जिसके बाद उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली. जिसमें लिखा था कि सिरोंज से कुछ अधिकारी अपने आप को सीएम समझ रहे हैं. वो विधायक, सांसद की नहीं सुन रहे हैं. किसान परेशान है, जनता हैरान है, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और उनसे बात की गई. जिसके बाद उनकी समस्या का हल हुआ. इतना ही नहीं कई बार चक्के जाम किए गए, अब सवाल ये है कि जिन अधिकारियों ने लापरवाही बरती है, उन पर क्या कार्रवाई होगी.

विदिशा। भले ही शिवराज सरकार किसानों के हित के ढिंढोरे पीटे, वादे करे और योजनाएं चलाए, लेकिन उसको मिट्टी में मिलाने में अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सिरोंज के किसान उमर खान ने करैया गांव हाट सोसाइटी की शिकायत की थी, किसान ने कहा था कि सोसाइटी उसके चने की तोल नहीं किया और साइड बंद कर दी गई. जिसके बाद किसान ने स्थानीय अधिकारियों से शिकायत की थी, जिसकी जांच के लिए कृषि विभाग के संयुक्त संचालक टीम के साथ सोसाइटी भी पहुंचे थे, लेकिन माजरा कुछ और ही नजर आया. अधिकारियों ने सोसाइटी प्रबंधकों के साथ बैठकर चाय, नाश्ते का लुत्फ लिया और किसान की समस्या का कोई हल निकले बिना चलते बने, जिससे किसान हताश हो गया.

जांच के नाम पर अधिकारियों ने की फॉर्मेलिटी

किसान का कहना है कि वो बीते 15 दिन से शिकायत कर रहा है, लेकिन उसकी समस्या सुनने वाला नहीं है. प्रबंधक की जांच के लिए संभाग से अधिकारी आए, लेकिन वो भी फॉर्मेलिटी करके चले गए. ये समस्या कोई एक सोसाइटी की नहीं है. चने की तुलाई के दौरान कई समस्याएं आईं, लेकिन सोसाइटी प्रबंधकों ने अपनी मनमानी चलाई. इतना ही नहीं एक भाजपा के वरिष्ठ नेता से अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं था.

जिसके बाद उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली. जिसमें लिखा था कि सिरोंज से कुछ अधिकारी अपने आप को सीएम समझ रहे हैं. वो विधायक, सांसद की नहीं सुन रहे हैं. किसान परेशान है, जनता हैरान है, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और उनसे बात की गई. जिसके बाद उनकी समस्या का हल हुआ. इतना ही नहीं कई बार चक्के जाम किए गए, अब सवाल ये है कि जिन अधिकारियों ने लापरवाही बरती है, उन पर क्या कार्रवाई होगी.

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