उमरिया। जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में फरवरी-2021 से होने वाली गिद्धों की गणना की तैयारियां शुरू हो गई है. इसी संबंध में कल गणना कार्य के लिए नियुक्त वालेंटियरों की बैठक ली गई, जिसमें नामांकित 11 में से 5 वालेन्टियर शामिल हुए.
पार्क के क्षेत्र संचालक विसेन्ट रहीम ने बताया कि, गिद्धों की गणना पूरे मध्य प्रदेश में एक साथ होगी. इस प्रक्रिया के प्रदेश नोडल अधिकारी वन विहार भोपाल के डायरेक्टर हैं, जबकि बांधवगढ़ का नोडल अधिकारी उप संचालक देवांशु शेखर को बनाया गया है.
प्रदेश में प्रतिवर्ष गिद्धों की गणना की जाती है, जिसका डाटा प्रत्येक जिले से प्राप्त होने के बाद प्रदेश स्तर पर जारी किया जाता है. वर्ष 2019 में हुई गणना के अनुसार बांधवगढ़ में 144 गिद्ध पाए गए थे.
चिन्हित हुए 21 से 30 आवास
गणना के पहले एक विशेष दल द्वारा संभावित क्षेत्रों की पहचान की गई. इस दल ने बांधवगढ़ में गिद्धों के 21 से 30 आवास चिन्हित किए. इनमें पेड़ों पर बने घोसले और पहाड़ों की दरारें शामिल हैं.
बता दें कि, करीब 11 स्थानों पर खड़े होकर गिद्ध देखे जा सकते हैं. वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में गिद्धों की 9 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से करीब 4 बांधवगढ़ में ही मौजूद हैं. इनकी सर्वाधिक संख्या मध्य प्रदेश में है. इसके अलावा बाघ और घडियाल की सबसे अधिक संख्या भी इसी राज्य में है.
इस तरह होगी गणना
गणना के लिए विभाग द्वारा विशेष कार्य योजना बनाई गई है. इसके अनुसार गणना दल फरवरी माह में तय तारीख के अनुसार सुबह 6 से 8 बजे तक की जाएगी. इसमें चिन्हित स्थानों के अलावा वन्य क्षेत्र की सभी बीटों में अलग-अलग जाकर दूरबीन की मदद से गिद्धों को चिन्हित किया जायेगा. इस प्रक्रिया में गिद्धों की प्रजाति के अलावा वयस्क और बच्चों की अलग-अलग संख्या दर्ज की जाएगी.
मुफीद होता है ठण्ड का मौसम
गिद्धों की गिनती में माह और समय का विशेष महत्व होता है. वन्य जीव विशेषज्ञों के अनुसार, ठण्ड के मौसम में सुबह होते ही गिद्ध अपने घोसलों से धूप लेने बाहर निकलते हैं. थोड़ी ही देर बाद पंखों में गर्मी महसूस होते ही वह अपने भोजन-पानी की तलाश में निकल पड़ते हैं. हालांकि, उड़ने से पहले और बैठी अवस्था में ही उनकी गिनती कर ली जाती है.
उद्यान के क्षेत्र संचालक विसेन्ट रहीम ने बताया कि, इन दिनों जानवरों के शवों के पास बड़ी संख्या में गिद्ध देखे जा रहे हैं, लिहाजा पार्क में इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी की संभावना है.