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जस्टिस विवेक अग्रवाल ने एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर जताई चिंता, कहा- सजग रहें जांच अधिकारी - JUSTICE VIVEK AGARWAL

जबलपुर हाईकोर्ट के जज जस्टिस विवेक अग्रवाल ने यह भी कहा कि एमपी के थानों में अपराध सहज तरीके से दर्ज हो जाते हैं. इसीलिए एनसीआरबी के आंकड़ों में एमपी में अपराधों की संख्या अधिक दिखती है.

JUSTICE VIVEK AGARWAL
जस्टिस विवेक अग्रवाल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 7:14 AM IST

Updated : Jan 12, 2025, 8:06 AM IST

जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट के जज जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा "कई बार लोगों को एससी/एसटी में झूठा फंसाया जाता है जांच करने वाले अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए ऐसे मामलों में बेगुनाह फंसे नहीं और गुनहगार बचे नहीं. वह एससी/एसटी एक्ट के नए प्रावधानों पर आयोजित एक कार्यशाला में में बाल रहे थे.

एनसीआरबी में एमपी में अपराधों की संख्या अधिक, इससे पता चलता है कि एमपी में अपराधों की रिपोर्टिंग सही

जस्टिस विवेक अग्रवाल कहा "मध्य प्रदेश पुलिस और प्रशासन इस बात के लिए साधुवाद का पात्र है कि यहां के थानों में अपराध सहज तरीके से दर्ज हो जाते हैं, वरना देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां अपराध होने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होती. इसीलिए एनसीआरबी में एमपी में अपराधों की संख्या अधिक दिखती है. लेकिन यह चिंता की बात नहीं है बल्कि इससे यह स्पष्ट होता है कि एमपी में अपराधों की रिपोर्टिंग सही है."

जस्टिस विवेक अग्रवाल (Etv Bharat)

जस्टिस अग्रवाल ने कहा " वे इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि पुलिस प्रशासन दबाव में काम करता है. यहां तक कि न्यायपालिका पर भी दबाव डालने की कोशिश की जाती है लेकिन यह हमारी काबिलियत है कि हम किसी दबाव में नहीं आते और अपना काम ईमानदारी से कर पाते हैं." उन्होंने पुलिस प्रशासन और लोक अभियोजकों को नसीहत दी कि वे अपना काम ईमानदारी से करें. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि उनकी इन्वेस्टिगेशन से कहीं किसी बेगुनाह को फंसाया नहीं जा रहा है."

जस्टिस अग्रवाल ने लोक अभियोजन और पुलिस प्रशासन को इस बात के लिए सचेत किया कि एससी/एसटी एक्ट में मुआवजे का प्रावधान है. इसलिए जैसे ही ऐसे मामले सामने आते हैं कई दलाल भी सक्रिय हो जाते हैं जो फरियादी को मुआवजा दिलाने के नाम पर बेगुनाह को फंसा देते हैं. जस्टिस अग्रवाल ने कहा " इस मामले में प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका तीनों की कहीं ना कहीं कमी है. इसलिए जांच के दौरान हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए दलाल की वजह से हमारी विश्वसनीयता तो खराब नहीं हो रही."

कामकाज में यूरोपियन कल्चर अपनाने की जरूरत बताई

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा "हमें अपने कामकाज में यूरोपियन कल्चर अपनाना चाहिए और एक दूसरे की वाहवाही करने की वजह कमियों को कहने और सुनने की आदत डालनी चाहिए. इसी से व्यवस्था सुधर सकती है. तभी हम लोग आम आदमी को न्याय दिलवा पाएंगे." इस कार्यशाला में जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना जबलपुर के जिला अदालत के लोक अभियोजन और जबलपुर के पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय भी शामिल हुए.

जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट के जज जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा "कई बार लोगों को एससी/एसटी में झूठा फंसाया जाता है जांच करने वाले अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए ऐसे मामलों में बेगुनाह फंसे नहीं और गुनहगार बचे नहीं. वह एससी/एसटी एक्ट के नए प्रावधानों पर आयोजित एक कार्यशाला में में बाल रहे थे.

एनसीआरबी में एमपी में अपराधों की संख्या अधिक, इससे पता चलता है कि एमपी में अपराधों की रिपोर्टिंग सही

जस्टिस विवेक अग्रवाल कहा "मध्य प्रदेश पुलिस और प्रशासन इस बात के लिए साधुवाद का पात्र है कि यहां के थानों में अपराध सहज तरीके से दर्ज हो जाते हैं, वरना देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां अपराध होने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होती. इसीलिए एनसीआरबी में एमपी में अपराधों की संख्या अधिक दिखती है. लेकिन यह चिंता की बात नहीं है बल्कि इससे यह स्पष्ट होता है कि एमपी में अपराधों की रिपोर्टिंग सही है."

जस्टिस विवेक अग्रवाल (Etv Bharat)

जस्टिस अग्रवाल ने कहा " वे इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि पुलिस प्रशासन दबाव में काम करता है. यहां तक कि न्यायपालिका पर भी दबाव डालने की कोशिश की जाती है लेकिन यह हमारी काबिलियत है कि हम किसी दबाव में नहीं आते और अपना काम ईमानदारी से कर पाते हैं." उन्होंने पुलिस प्रशासन और लोक अभियोजकों को नसीहत दी कि वे अपना काम ईमानदारी से करें. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि उनकी इन्वेस्टिगेशन से कहीं किसी बेगुनाह को फंसाया नहीं जा रहा है."

जस्टिस अग्रवाल ने लोक अभियोजन और पुलिस प्रशासन को इस बात के लिए सचेत किया कि एससी/एसटी एक्ट में मुआवजे का प्रावधान है. इसलिए जैसे ही ऐसे मामले सामने आते हैं कई दलाल भी सक्रिय हो जाते हैं जो फरियादी को मुआवजा दिलाने के नाम पर बेगुनाह को फंसा देते हैं. जस्टिस अग्रवाल ने कहा " इस मामले में प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका तीनों की कहीं ना कहीं कमी है. इसलिए जांच के दौरान हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए दलाल की वजह से हमारी विश्वसनीयता तो खराब नहीं हो रही."

कामकाज में यूरोपियन कल्चर अपनाने की जरूरत बताई

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा "हमें अपने कामकाज में यूरोपियन कल्चर अपनाना चाहिए और एक दूसरे की वाहवाही करने की वजह कमियों को कहने और सुनने की आदत डालनी चाहिए. इसी से व्यवस्था सुधर सकती है. तभी हम लोग आम आदमी को न्याय दिलवा पाएंगे." इस कार्यशाला में जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना जबलपुर के जिला अदालत के लोक अभियोजन और जबलपुर के पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय भी शामिल हुए.

Last Updated : Jan 12, 2025, 8:06 AM IST
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