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Umaria News: मिट्टी से बनी पानी की बोतल की बढ़ी लोकप्रियता, जल्द प्रारंभ हो सकती है औद्योगिक इकाई

उमरिया में चंदिया के कुम्हारों द्वारा बनाई गई मिट्टी की पानी की बोतल लोकप्रिय हो रही है. चंदिया के कुम्हारों ने देश की नामी मिल्टन कंपनी की बोतलों की तरह सस्ती मिट्टी की बोतल तैयार की है. वहीं, जिला प्रशासन भी चंदिया की मिट्टी कला को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.

Umaria News
मिट्टी से बनी पानी की बोतल की बढ़ी लोकप्रियता
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Published : May 17, 2023, 9:30 PM IST

उमरिया। जिले में चंदिया के कुम्हारों ने देश की नामी मिल्टन कंपनी की बोतलों की तरह सस्ती मिट्टी की बोतल तैयार की है, जिसमें गर्मियों के समय पानी बिल्कुल शीतल रहता है. यहां के कुम्हार अपने हाथों की कला और अपने हुनर से इसे बनाते हैं और जिले सहित देश और प्रदेशों में सप्लाई करते हैं. इसी के साथ इनके द्वारा बनाई गई सुराही पूरे देश में प्रसिद्ध है. गर्मी का सीजन आते ही प्रदेश के कटनी, जबलपुर, शहडोल, रीवा, उमरिया और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर जैसे शहरों में चंदिया के कुम्हारों द्वारा तैयार किए गए घड़े, सुराही, मिट्टी के खिलौने, कप, केटली आदि विक्रय के लिए उपलब्ध रहते हैं.

मिट्टी की कला को आगे बढ़ाने का जिला प्रशासन कर रहा प्रयासः जिला प्रशासन के द्वारा चंदिया की मिट्टी कला को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. विगत वर्ष 50 मिट्टी का कार्य करने वाले कुम्हार जाति के लोगों को माटी हस्त कला बोर्ड के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया गया था. उन्हें मिट्टी की कलात्मक वस्तुएं तैयार करने के लिए आवश्यक उपकरण भी वितरित किए गए. चंदिया के मिट्टी के कारीगरों में से राम प्रसाद प्रजापति ने जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर डॉ. कृष्ण देव त्रिपाठी को ग्रीष्मकाल में पानी को ठंडा रखने के लिए मिल्टन कंपनी की बोतल की तरह मिट्टी से बनी बोतल उपहार में भेंट की.

मिट्टी से बनी पानी की बोतल काफी लोकप्रियः कारीगर ने बताया कि चंदिया की मिट्टी से बनी पानी की बोतल काफी लोकप्रिय हो रही है. इसका कारण बोतल की कीमत कम और गुणवत्ता अधिक होना है. उन्होंने बताया कि मिट्टी की बोतल की कीमत मात्र 100 रुपये की है. अब इन बोतलों की चंदिया की सुराही की तरह प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य प्रदेशों से भी मांग आने लगी है. राम प्रसाद प्रजापति ने इस कार्य को व्यवसाय का रुप देने के लिए 10 कुम्हार परिवारों का समूह तैयार कर व्यवसायिक इकाई प्रारंभ करने की योजना बनाई है.

जल्द ही औद्योगिक इकाई हो सकेगी प्रारंभः इसको लेकर कलेक्टर ने अनुसूचित जाति, जन जाति विकास निगम के माध्यम से इकाई की स्थापना के लिए प्रकरण तैयार कर बैंक को भेजने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारी को दिए हैं. जल्द ही जिले में मिट्टी से बनी बोतल, सुराही, घड़ा तथा खिलौनों की औद्योगिक इकाई प्रारंभ हो सकेगी.

उमरिया। जिले में चंदिया के कुम्हारों ने देश की नामी मिल्टन कंपनी की बोतलों की तरह सस्ती मिट्टी की बोतल तैयार की है, जिसमें गर्मियों के समय पानी बिल्कुल शीतल रहता है. यहां के कुम्हार अपने हाथों की कला और अपने हुनर से इसे बनाते हैं और जिले सहित देश और प्रदेशों में सप्लाई करते हैं. इसी के साथ इनके द्वारा बनाई गई सुराही पूरे देश में प्रसिद्ध है. गर्मी का सीजन आते ही प्रदेश के कटनी, जबलपुर, शहडोल, रीवा, उमरिया और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर जैसे शहरों में चंदिया के कुम्हारों द्वारा तैयार किए गए घड़े, सुराही, मिट्टी के खिलौने, कप, केटली आदि विक्रय के लिए उपलब्ध रहते हैं.

मिट्टी की कला को आगे बढ़ाने का जिला प्रशासन कर रहा प्रयासः जिला प्रशासन के द्वारा चंदिया की मिट्टी कला को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. विगत वर्ष 50 मिट्टी का कार्य करने वाले कुम्हार जाति के लोगों को माटी हस्त कला बोर्ड के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया गया था. उन्हें मिट्टी की कलात्मक वस्तुएं तैयार करने के लिए आवश्यक उपकरण भी वितरित किए गए. चंदिया के मिट्टी के कारीगरों में से राम प्रसाद प्रजापति ने जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर डॉ. कृष्ण देव त्रिपाठी को ग्रीष्मकाल में पानी को ठंडा रखने के लिए मिल्टन कंपनी की बोतल की तरह मिट्टी से बनी बोतल उपहार में भेंट की.

मिट्टी से बनी पानी की बोतल काफी लोकप्रियः कारीगर ने बताया कि चंदिया की मिट्टी से बनी पानी की बोतल काफी लोकप्रिय हो रही है. इसका कारण बोतल की कीमत कम और गुणवत्ता अधिक होना है. उन्होंने बताया कि मिट्टी की बोतल की कीमत मात्र 100 रुपये की है. अब इन बोतलों की चंदिया की सुराही की तरह प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य प्रदेशों से भी मांग आने लगी है. राम प्रसाद प्रजापति ने इस कार्य को व्यवसाय का रुप देने के लिए 10 कुम्हार परिवारों का समूह तैयार कर व्यवसायिक इकाई प्रारंभ करने की योजना बनाई है.

जल्द ही औद्योगिक इकाई हो सकेगी प्रारंभः इसको लेकर कलेक्टर ने अनुसूचित जाति, जन जाति विकास निगम के माध्यम से इकाई की स्थापना के लिए प्रकरण तैयार कर बैंक को भेजने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारी को दिए हैं. जल्द ही जिले में मिट्टी से बनी बोतल, सुराही, घड़ा तथा खिलौनों की औद्योगिक इकाई प्रारंभ हो सकेगी.

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