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उमरियाः जनपद पंचायत मुख्यालयों में स्व सहायता समूहों को दिया गया ऋण

उमरिया जिले में भी महिला सशक्तिकरण शिविर का आयोजिन किया गया. जिसमें जिले के अलग-अलग स्वसहायता समूह की महिलाओं को ऋण पत्र वितरित किया गया.

Distribution of cash credit limit in the district panchayat headquarters of Umaria
उमरिया की जनपद पंचायत मुख्यालयों में नगद साख सीमा का किया गया वितरण
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Published : Sep 21, 2020, 12:46 PM IST

उमरिया। जनपद पंचायत करकेली मे आयोजित नगद साख सीमा शिविर में जिले के 40 स्व सहायता समूहों को 40 लाख रूपये का नगद साख सीमा के चेक वितरित. किया इसी तरह जनपद पंचायत पाली में 46 स्व सहायता समूहों को 71 लाख रूपए का ऋण दिया गया. इसी तरह जनपद पंचायत मानपुर में 30 स्व सहायता समूहों को 64 लाख रूपये की ऋण दिया. गया.

ककरेली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जनपद अध्यक्ष कुसुम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्म निर्भर बनाने में जुटी हुई है. अब महिलाएं स्थानीय स्तर पर सिलाई कड़ाई, सब्जी व्यवसाय, खेती बाड़ी, दुकानों का संचालन, बैंक महिला मित्र, मेट तथा रानी मिस्त्री का कार्य करने में सक्षम हो रही हैं. ग्रामीण आजीविका मिशन इस कार्य में महती भूमिका निभा रहा है.

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिलाएं अपने कर्म एवं अपनी तकदीर की नई ईबारत लिख रही हैं स्व सहायता समूह के माध्यम से समाज के कमजोर वर्ग की महिलाएं संगठित होकर स्वयं का व्यवसाय एवं उत्पाद तैयार कर रही हैं. अब उन्हें मजदूरी के लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़ता, बल्कि वे अपने घरों में ही काम करके आय अर्जित कर रही हैं. इससे जहां उनका सामाजिक प्रभाव बढा है वहीं अपने बच्चो की लिखाई पढाई पर भी वे ज्यादा ध्यान दे रही हैं.

उमरिया। जनपद पंचायत करकेली मे आयोजित नगद साख सीमा शिविर में जिले के 40 स्व सहायता समूहों को 40 लाख रूपये का नगद साख सीमा के चेक वितरित. किया इसी तरह जनपद पंचायत पाली में 46 स्व सहायता समूहों को 71 लाख रूपए का ऋण दिया गया. इसी तरह जनपद पंचायत मानपुर में 30 स्व सहायता समूहों को 64 लाख रूपये की ऋण दिया. गया.

ककरेली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जनपद अध्यक्ष कुसुम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्म निर्भर बनाने में जुटी हुई है. अब महिलाएं स्थानीय स्तर पर सिलाई कड़ाई, सब्जी व्यवसाय, खेती बाड़ी, दुकानों का संचालन, बैंक महिला मित्र, मेट तथा रानी मिस्त्री का कार्य करने में सक्षम हो रही हैं. ग्रामीण आजीविका मिशन इस कार्य में महती भूमिका निभा रहा है.

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिलाएं अपने कर्म एवं अपनी तकदीर की नई ईबारत लिख रही हैं स्व सहायता समूह के माध्यम से समाज के कमजोर वर्ग की महिलाएं संगठित होकर स्वयं का व्यवसाय एवं उत्पाद तैयार कर रही हैं. अब उन्हें मजदूरी के लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़ता, बल्कि वे अपने घरों में ही काम करके आय अर्जित कर रही हैं. इससे जहां उनका सामाजिक प्रभाव बढा है वहीं अपने बच्चो की लिखाई पढाई पर भी वे ज्यादा ध्यान दे रही हैं.

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