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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में और रौनक बढ़ी, 19 दलदली हिरणों को विशेष बाड़े में छोड़ा - सुरक्षा के लिए अलग से स्टाफ तैनात

मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BDR) में और रौनक बढ़ गई है. यहां रविवार रात कुल 19 दलदली (बारहसिंगा) हिरणों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा गया. यहां कुल 100 दलदली हिरणों को लाने की योजना है. इनकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. बारहसिंगा को 3 साल तक बाड़े में रखा जाएगा. इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा.

Bandhavgarh Tiger Reserve 19 swamp deer released
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में और रौनक बढ़ी, 19 दलदली हिरणों को विशेष बाड़े में छोड़ा
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Published : May 8, 2023, 12:37 PM IST

उमरिया (Agency, ANI)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाड़े में 8 मादा और 11 नर दलदल (बारहसिंगा) हिरण छोड़े गए. टाइगर रिजर्व के मगधी अंचल में बने बाड़े में इन्हें रविवार की रात एंट्री कराई गई. टाइगर रिजर्व मैनेजमेंट की टीम कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से इन हिरणों को लेकर आई है. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान यहां से करीब 200 किलोमीटर दूर है.

हिरणों के लिए विशेष बाड़ा : बाधवगढ़ में इन हिरणों को लाने से पहले विशेष रूप से अलग बाड़ा बनाया गया. इस बाड़े का नाम 'बारासिंगा होम' (दलदल हिरण घर) रखा गया है. बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक निदेशक सुधीर मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार ने 100 लाने बारहसिंगा की अनुमति दी है. इसके बाद 19 और हिरणों को लाया गया है. इसमें 11 नर और 8 मादा शामिल हैं. सुधीर मिश्रा ने बताया कि यहां बारहसिंगा के लिए ऐसा बाड़ा बनाया गया है, जो मांसाहाररोधी है. कोई भी मांसाहारी जानवर बाड़े के अंदर नहीं जा सकता.

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सुरक्षा के लिए अलग से स्टाफ तैनात : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में प्रबंधन के अनुसार बाड़े में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है कि कोई मांसाहारी जानवर के अलावा हाथी भी यहां नुकसान नहीं पहुंचा सकें. इन दलदली हिरणों को बाड़े में करीब तीन साल तक रखा जाएगा. इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा. दलदली हिरणों की देखभाल और व्यवस्था के लिए प्रबंधन ने विशेष प्रकार की तैयारी की है. इनके लिए अलग से स्टाफ तैनात किया गया है.

उमरिया (Agency, ANI)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाड़े में 8 मादा और 11 नर दलदल (बारहसिंगा) हिरण छोड़े गए. टाइगर रिजर्व के मगधी अंचल में बने बाड़े में इन्हें रविवार की रात एंट्री कराई गई. टाइगर रिजर्व मैनेजमेंट की टीम कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से इन हिरणों को लेकर आई है. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान यहां से करीब 200 किलोमीटर दूर है.

हिरणों के लिए विशेष बाड़ा : बाधवगढ़ में इन हिरणों को लाने से पहले विशेष रूप से अलग बाड़ा बनाया गया. इस बाड़े का नाम 'बारासिंगा होम' (दलदल हिरण घर) रखा गया है. बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक निदेशक सुधीर मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार ने 100 लाने बारहसिंगा की अनुमति दी है. इसके बाद 19 और हिरणों को लाया गया है. इसमें 11 नर और 8 मादा शामिल हैं. सुधीर मिश्रा ने बताया कि यहां बारहसिंगा के लिए ऐसा बाड़ा बनाया गया है, जो मांसाहाररोधी है. कोई भी मांसाहारी जानवर बाड़े के अंदर नहीं जा सकता.

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सुरक्षा के लिए अलग से स्टाफ तैनात : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में प्रबंधन के अनुसार बाड़े में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है कि कोई मांसाहारी जानवर के अलावा हाथी भी यहां नुकसान नहीं पहुंचा सकें. इन दलदली हिरणों को बाड़े में करीब तीन साल तक रखा जाएगा. इसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा. दलदली हिरणों की देखभाल और व्यवस्था के लिए प्रबंधन ने विशेष प्रकार की तैयारी की है. इनके लिए अलग से स्टाफ तैनात किया गया है.

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