उज्जैन। कोरोना के संक्रमण के बीच कनाडा के टोरंटो शहर के पास स्थित ब्रह्मटन में शनिवार को अनोखा विवाह सम्पन्न हुआ. विवाह में वर और वधु को वर्चुअल आशीर्वाद दूल्हे के माता-पिता ने दिल्ली से तो दादी ने उज्जैन से दिया. इतना ही नहीं शादी का रिसेप्शन सेवाधाम आश्रम में रहने वाले 700 से अधिक आश्रम वासियों को दिया गया. इस अनोखे विवाह में परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. वधू के पिता ने भी वर्चुअल आशीर्वाद फिलीपींस से दिया. विवाह भारतीय समय के मुताबिक शनिवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में संपन्न हुआ.
- कोरोना की दूसरी वेव के कारण भारत में नहीं हुई शादी
दरअसल कोरोना काल में भारत के अनेक प्रदेशों के विवाह संस्कार बंद है. आखातीज पर देश में लाखों विवाह बिना मुहूर्त के ही संपन्न होते हैं. इसी अनबुझ मुहूर्त में दिल्ली के मूल निवासी सहर्ष बगड़िया ने फिलीपींस की युवती जेली नारसीको से भारतीय रीति-रिवाज के साथ विवाह किया. सहर्ष कनाडा में पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी कर रहा है. वही उसकी दोस्ती जेली नारसिको से हो गई, दोनों ने आपस में परिणय बंधन में बंधने का निर्णय लिया और आखिरकार उन्होंने विवाह कर लिया. शुरुआत में तय हुआ था कि दिल्ली में भव्यता के साथ विवाह होगा, लेकिन अचानक कोरोना की दूसरी लहर आने से शादी दिल्ली में करना संभव नहीं था. इसी बीच विचार आया कि बेहद सादगी से विवाह संपन्न किया जाए, विचार आते ही युवक ने अपने माता पिता और बड़े पापा के साथ दादी से इसकी इजाजत मांगी और सब ने निर्णय का स्वागत करते हुए विवाह की मंजूरी दी.
- भारतीय रीति-रिवाज से हुआ विवाह
परिवार की अनुमति के बाद युगल ने विवाह की अनुमति स्थानीय प्रशासन से ली और ब्रह्म मुहूर्त में टोरंटो शहर के पास ब्रह्मटन में हिंदू सभा मंदिर में भारतीय रीति-रिवाज के से भारतीय पंडित की मौजूदगी में विवाह किया. 1 घंटे में हवन, पूजन, फेरे, वरमाला और मांग में सिंदूर भरने के बाद विवाह संपन्न हुआ. इस दौरान लड़के के परिजनों ने भारत में बैठकर विवाह देखा और लड़की के परिजन ने फिलीपींस से विवाह को लाइव देखा.
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- कोविड-19 में ड्यूटी पर है दुल्हन
जैली नारसिको पैशे से नर्स है, और पिछले कुछ समय से कोविड-19 के वैक्सीनेशन में स्थानीय अस्पताल में ड्यूटी पर है. शादी के तत्काल बाद वह फिर से टोरंटो शहर पहुंच कर वैक्सीनेशन के कार्य में जुट गई. उसका कहना है कि देश के नागरिकों की कोविड-19 से जान बचाना अभी मुख्य लक्ष्य है. जेली नारसीको, पांच भाई-बहनों में चोथे नंबर की है, पिता फिलीपींस में रहते है, लड़की की मां अब इस दुनिया में नहीं है.
- शादी भव्यता से करने की थी इच्छा
दूल्हे की दादी जानकी देवी बगड़िया बताती है कि उनके परिवार में यह अंतिम शादी थी. इसके बाद अब 20 साल बाद ही परिवार में पोते-पोतियों के बड़े होने पर विवाह होंगे. अरमान था कि विवाह बहुत भव्यता के साथ दिल्ली में देश भर के सारे रिश्तेदारों की मौजूदगी में हो, लेकिन कोविड-19 के चलते निर्णय लिया कि विवाह सादगी से हो रहा है.
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- वर्चुअल दिया आशीर्वाद
नव दंपत्ति को विवाह के बाद वर्चुअल आर्शीवाद उषा बगड़िया (माता), सत्य प्रकाश बगड़िया (पिता), ओमप्रकाश बगड़िया (बड़े पापा), जानकी देवी (दादी), अश्विनी (बड़ा भाई), गरीमा (भाभी) के अलावा कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु, पंजाब, उज्जैन आदि देशभर में मौजूद रिश्तेदारों ने दिया.
- सेवाधाम में किया रिसेप्शन
बगड़िया परिवार सेवाधाम आश्रम उज्जैन से जुड़ा है, इसलिए विचार आया कि विवाह पर रिसेप्शन तो होगा और इसके लिए सेवाधाम आश्रम का चयन किया गया. क्योंकि विवाह में 700 से अधिक मेहमान शामिल होने वाले थे, लेकिन कोविड-19 के कारण यह संभव नहीं था. इसलिए तय हुआ की सेवाधाम आश्रम में रहने वाले 700 आश्रमवासियों के लिए रिसेप्शन का आयोजन हो. इसके लिए आश्रम संचालक सुधीर भाई से संपर्क किया और आश्रम में ही पकवान बनाना तय हुआ. बाहर से हलवाई नहीं बुलाया जा सकता था, इसलिए आश्रम वासियों को ही पकवान बनाने की ड्यूटी दी गई.