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धार भोजशाला विवाद में 'सुप्रीम' सुनवाई 17 फरवरी को, सर्वे रिपोर्ट का क्या होगा? - BHOJSHALA DISPUTE HEARING SC

मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला विवाद में आगे की कार्रवाई काफी हद तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर निर्भर करेगी.

Bhojshala dispute hearing SC
धार भोजशाला विवाद की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 17 फरवरी को (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 4, 2025, 1:42 PM IST

धार: मध्य प्रदेश के धार स्थित मध्यकालीन स्मारक भोजशाला विवाद फिर चर्चा में हैं. दरअसल, एक दिन पहले ही यहां बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. बता दें कि इस स्थल पर हिंदू और मुस्लिम समुदाय अपना दावा जता रहे हैं. बीते साल जुलाई में हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई ने 98 दिन तक सर्वे करने के बाद रिपोर्ट सौंप दी है. हाई कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई चल रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में यचिका लगी हुई है. इस पर सुनवाई का इंतजार मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ कर रही है.

एएसआई की सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश

वहीं, इस मामले में याचिकाकर्ता आशीष गोयल का कहना है "भोजशाला में सर्वे के दौरान मंदिर होने के साक्ष्य मिले हैं. रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है. और भी कई सबूत मिले हैं. इस बारे में एएसआई ने कई दिन तक सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी है. हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई पर रोक लगा रखी है." गोयल ने मांह दोहराई कि हाई कोर्ट पर लगी रोक को हटाया जाए. साथ ही हाईकोर्ट को इस बारे में कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं.

बसंत पंचमी पर उमड़ा आस्था का सैलाब

बता दें कि 03 फरवरी को बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर भोजशाला में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की. यहां पर कुछ संगठन 4 दिवसीय बसंतोत्सव मना रहे हैं. वहीं, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मौके पर सुरक्षा बल तैनात है. गौरतलब है कि धार भोजशाला को हिंदू पक्ष सरस्वती जी का मंदिर बता रहा है तो वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यहां कमाल मौला मस्जिद है. ये पूरा परिसर फिलहाल एएसआई द्वारा संरक्षित है. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट भी साफ कर चुका है कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टे भी लगाया है. अब स्टे हटाने के बाद आगे की सुनवाई होगी.

धार: मध्य प्रदेश के धार स्थित मध्यकालीन स्मारक भोजशाला विवाद फिर चर्चा में हैं. दरअसल, एक दिन पहले ही यहां बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. बता दें कि इस स्थल पर हिंदू और मुस्लिम समुदाय अपना दावा जता रहे हैं. बीते साल जुलाई में हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई ने 98 दिन तक सर्वे करने के बाद रिपोर्ट सौंप दी है. हाई कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई चल रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में यचिका लगी हुई है. इस पर सुनवाई का इंतजार मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ कर रही है.

एएसआई की सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश

वहीं, इस मामले में याचिकाकर्ता आशीष गोयल का कहना है "भोजशाला में सर्वे के दौरान मंदिर होने के साक्ष्य मिले हैं. रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है. और भी कई सबूत मिले हैं. इस बारे में एएसआई ने कई दिन तक सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी है. हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई पर रोक लगा रखी है." गोयल ने मांह दोहराई कि हाई कोर्ट पर लगी रोक को हटाया जाए. साथ ही हाईकोर्ट को इस बारे में कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं.

बसंत पंचमी पर उमड़ा आस्था का सैलाब

बता दें कि 03 फरवरी को बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर भोजशाला में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की. यहां पर कुछ संगठन 4 दिवसीय बसंतोत्सव मना रहे हैं. वहीं, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मौके पर सुरक्षा बल तैनात है. गौरतलब है कि धार भोजशाला को हिंदू पक्ष सरस्वती जी का मंदिर बता रहा है तो वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यहां कमाल मौला मस्जिद है. ये पूरा परिसर फिलहाल एएसआई द्वारा संरक्षित है. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट भी साफ कर चुका है कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टे भी लगाया है. अब स्टे हटाने के बाद आगे की सुनवाई होगी.

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