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शुरू हुई महाकाल के मंगल विवाह की तैयारियां, शिव नवरात्र पर्व का पहला दिन, 9 दिन इन रूपों में बाबा देंगे दर्शन

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल का विवाह उत्सव शुरू हो गया. शिव नवरात्रि तक बाबा का हर रोज अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाएगा. वहीं आज भगवान महाकाल का चंद्रमौलेश्वर रूप में श्रृंगार किया गया.

Mahakal makeup in the form of Chandramouleshwar
चंद्रमोलेश्वर रूप में महाकाल का श्रृंगार
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Published : Feb 10, 2023, 10:41 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 11:04 PM IST

महाकाल के मंगल विवाह की तैयारियां

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल का विवाह उत्सव आज से शुरू हो गया है. 18 फरवरी को आने वाली शिवरात्रि को महापर्व के रूप में मनाया जाता है. जिसके पूर्व शिव नवरात्रि पर्व भी मनाए जाने की परंपरा है. शिव नवरात्रि में बाबा का हर रोज अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाता है. शुक्रवार को बाबा के धाम में पर्व का पहला दिन रहा. पहले दिन भगवान महाकाल का चंद्रमौलेश्वर रूप में श्रृंगार किया गया. भक्तों ने महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.

शिवरात्रि के लिए मंदिरों में किया गया भगवान का श्रृंगार

हर रोज अलग-अलग रूपो में देंगे दर्शन: पुजारी महेश गुरु ने बताया अल सुबह भस्म आरती के दौरान पंचाभिषेक हर रोज की तरह हुआ. जिसके बाद कोटेश्वर महादेव, भगवान वीरभद्र, रामेश्वर भगवान का पूजन शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में हुआ. 11 ब्राह्मणों द्वारा देश व प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की गई. दोपहर 3 बजे पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण व आभूषण धारण करवाए गए. बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. पुजारी महेश गुरु ने कहा "फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी" तिथि से 9दिवसीय पर्व की शुरुआत हुई. हर रोज भगवान अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे.

Mahakal makeup in the form of Chandramouleshwar
चंद्रमोलेश्वर रूप में महाकाल का श्रृंगार

वर्षों बाद शनि प्रदोष संयोग: पुजारी ने बताया की वर्षों बाद महाशिवरात्रि पर्व पर शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है. 9 दिन अलग-अलग रूप में बाबा भक्तों को दर्शन देंगे. 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन लाभ लेंगे और 19 को अल सुबह होने वाली भस्म आरती दोपहर के वक्त होगी. ऐसा साल में एक ही दिन होता है. भगवान सांयकाल में हर रोज दोपहर 03.00 बजे संध्या पूजन के पश्चात नए वस्त्र और आभूषण धारण करेंगे. शिव नवरात्रि का समय भगवान शिव के पूजन-अर्चना, ध्यान- चिंतन -मनन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है.

Ujjain Mahakaleshwar Temple: भस्मारती में बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, धारण किया चांदी का चन्द्र

जानिए आरती का समय और भगवान के दर्शन रूप के बारे में:

  1. पहला दिन: चंद्रमोलेश्वर श्रंगार किया गया.
  2. दूसरा दिन: शेषनाग शृंगार.
  3. तीसरा दिन: घटाटोप शृंगार.
  4. चौथा दिन: छबीना शृंगार.
  5. पांचवां दिन: होल्कर शृंगार.
  6. छठा दिन: मनमहेश शृंगार.
  7. सातवां दिन: उमा महेश शृंगार.
  8. आठवां दिन: शिव तांडव शृंगार.
  9. नवें दिन: भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे.

इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे और दोपहर में भस्म आरती होगी.

महाकाल के मंगल विवाह की तैयारियां

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल का विवाह उत्सव आज से शुरू हो गया है. 18 फरवरी को आने वाली शिवरात्रि को महापर्व के रूप में मनाया जाता है. जिसके पूर्व शिव नवरात्रि पर्व भी मनाए जाने की परंपरा है. शिव नवरात्रि में बाबा का हर रोज अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाता है. शुक्रवार को बाबा के धाम में पर्व का पहला दिन रहा. पहले दिन भगवान महाकाल का चंद्रमौलेश्वर रूप में श्रृंगार किया गया. भक्तों ने महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.

शिवरात्रि के लिए मंदिरों में किया गया भगवान का श्रृंगार

हर रोज अलग-अलग रूपो में देंगे दर्शन: पुजारी महेश गुरु ने बताया अल सुबह भस्म आरती के दौरान पंचाभिषेक हर रोज की तरह हुआ. जिसके बाद कोटेश्वर महादेव, भगवान वीरभद्र, रामेश्वर भगवान का पूजन शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में हुआ. 11 ब्राह्मणों द्वारा देश व प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की गई. दोपहर 3 बजे पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण व आभूषण धारण करवाए गए. बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. पुजारी महेश गुरु ने कहा "फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी" तिथि से 9दिवसीय पर्व की शुरुआत हुई. हर रोज भगवान अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे.

Mahakal makeup in the form of Chandramouleshwar
चंद्रमोलेश्वर रूप में महाकाल का श्रृंगार

वर्षों बाद शनि प्रदोष संयोग: पुजारी ने बताया की वर्षों बाद महाशिवरात्रि पर्व पर शनि प्रदोष का संयोग बन रहा है. 9 दिन अलग-अलग रूप में बाबा भक्तों को दर्शन देंगे. 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन लाभ लेंगे और 19 को अल सुबह होने वाली भस्म आरती दोपहर के वक्त होगी. ऐसा साल में एक ही दिन होता है. भगवान सांयकाल में हर रोज दोपहर 03.00 बजे संध्या पूजन के पश्चात नए वस्त्र और आभूषण धारण करेंगे. शिव नवरात्रि का समय भगवान शिव के पूजन-अर्चना, ध्यान- चिंतन -मनन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है.

Ujjain Mahakaleshwar Temple: भस्मारती में बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, धारण किया चांदी का चन्द्र

जानिए आरती का समय और भगवान के दर्शन रूप के बारे में:

  1. पहला दिन: चंद्रमोलेश्वर श्रंगार किया गया.
  2. दूसरा दिन: शेषनाग शृंगार.
  3. तीसरा दिन: घटाटोप शृंगार.
  4. चौथा दिन: छबीना शृंगार.
  5. पांचवां दिन: होल्कर शृंगार.
  6. छठा दिन: मनमहेश शृंगार.
  7. सातवां दिन: उमा महेश शृंगार.
  8. आठवां दिन: शिव तांडव शृंगार.
  9. नवें दिन: भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे.

इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे और दोपहर में भस्म आरती होगी.

Last Updated : Feb 10, 2023, 11:04 PM IST
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