उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर से शनिवार 25 नवंबर वैकुंठ चतुर्दशी को रात्रि 11 बजे हरिहर मिलन की सवारी निकाली जाएगी. मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के बाद वैकुंठ चतुर्दशी पर श्री हर (श्री महाकालेश्वर भगवान जी) श्री हरि (श्री द्वारकाधीश जी) को सृष्टि का भार सौंपते हैं. देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां विश्राम करने जाते हैं. इस समय पृथ्वी लोक की सत्ता भगवान देवाधिदेव महादेव के पास होती है और वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव यह सत्ता पुनः श्री विष्णु को सौंपकर कैलाश पर्वत पर तपस्या के लिए लौट जाते हैं. Ujjain Hari Har Milan today
भक्तों को इस पल का सालभर इंतजार : इस दिन को वैकुंठ चतुर्दशी या हरि-हर भेंट भी कहते हैं. हरिहर मिलन समारोह का इंतजार भक्त सालभर करते हैं, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक व अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि परम्परा के अनुसार श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप से रात्रि 11 बजे श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी धूमधाम से गुदरी चौराहा, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी, जहां पूजन के दौरान बाबा श्री महाकालेश्वर जी बिल्व पत्र की माला गोपालजी को भेट करेंगे. बैकुंठनाथ अर्थात श्री हरि तुलसी की माला बाबा श्री महाकाल को भेट करेंगे.
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आतिशबाजी व हिंगोट पर प्रतिबंध : पूजन के बाद श्री महाकालेश्वर जी की सवारी पुन: इसी मार्ग से श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आयेगी. सवारी के साथ मंदिर के पुजारी-पुरोहित, कर्मचारी, अधिकारी आदि सम्मिलित होंगे. उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने आगामी 25 नवम्बर शनिवार को होने वाले हरिहर मिलन समारोह के दौरान भगवान महाकालेश्वर की सवारी में आतिशबाजी और हिंगोट का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित किये जाने के आदेश जारी कर दिये हैं. यदि किसी व्यक्ति द्वारा हरिहर मिलन समारोह के दौरान इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जायेगी. Ujjain Hari Har Milan today