उज्जैन। केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में हुए कर्मचारियों के साथ 15 करोड़ के डीपीएफ घोटाले के मुख्य आरोपी रिपुदमन और पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है. 2 दिनों तक पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ करेगी. पुलिस ने डीपीएफ कांड के मुख्य आरोपी रिपूदमन को उत्तर प्रदेश के बनारस के पास से गिरफ्तार किया था. इंदौर में उपचार करा रही पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को भी पुलिस ने नोटिस देकर गिरफ्तार किया और शनिवार को कोर्ट में पेश किया. उषा राज मजिस्ट्रेट के सामने खुद को बेगुनाह बताते हुए रो पड़ीं.
ये है पूरा मामला: केंद्रीय भैरवगढ़ जेल के कर्मचारियों की जिंदगी भर की पूंजी डीपीएफ को मुख्य आरोपी रिपुदमन ने खाते से करोड़ के घोटाला किया. इस बात की जानकारी लगने पर ट्रेजरी अधिकारी ने कलेक्टर से शिकायत कर दी, जिसके बाद कलेक्टर ने रिपुदमन के खिलाफ भैरवगढ़ थाने में एफ आई आर दर्ज करवाई थी. एफआईआर दर्ज होते ही रिपुदमन फरार हो गया था. भोपाल से ही 5 सदस्य जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट जेल डीजीपी को सौंपी थी. इसके बाद पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को भोपाल हाजिर होने के आदेश जारी हुए थे लेकिन उषा राज को उज्जैन पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की और उषा राजे स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का बहाना बनाकर इंदौर में भर्ती हो गई थीं. रिपुदमन ने पुलिस को बताया कि कर्मचारियों के खातों में हेरफेर कर प्रहरी शैलेंद्र सिंह सिकरवार व धर्मेंद्र लोधी के खाते में ट्रांसफर करवाते थे. पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज पर पुलिस ने धोखाधड़ी और षड्यंत्र की धारा के साथ ही कुल आधा दर्जन धाराओं में मामला दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार उषा राज पर धारा 420, 109, 467, 471, 34 एवं 120 बी में प्रकरण दर्ज कर पूछताछ की जा रही है.
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खाते किए गए सील: उज्जैन पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने प्रेस वार्ता कर इस बात का खुलासा किया और स्पष्ट रूप से कहा है कि इस महा घोटाले में कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा. SSP ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि जेल के 67 अधिकारी कर्मचारियों के खाते से 122 बार में 15 करोड़ की राशि की हेराफेरी की गई है. इसके अलावा इनमें 103 जीपीएफ/डीपीएफ खाते हैं. 10 कर्मचारियों के वेतन के 4 लाख 41 हजार, 6 कर्मचारियों के एडवांस जीपीएफ/डीपीएफ के 4 लाख 48 हजार और MPTC के 6 खातों से 3 करोड़ 7 लाख रूपये निकालने की जानकारी सामने आई है. एसएसपी ने कहा कि उन सभी खातों को सीज कर दिया गया है जिनमें ट्रांसेक्शन हुए. जो बाहरी व्यक्ति पकड़ाए हैं उन्होंने जिन खातों में ट्रांसेक्शन किये उन्हें भी सीज करवा दिया है.
जब था उषा का राज: एक वक्त था जब भैरवगढ़ जेल पर उषा राज का राज था. हर कोई सर झुका कर उषा के आगे पिछे घूमता था. कैदी थर-थर कांपते थे लेकिन वक़्त ने ऐसी करवट ली कि अब उन्ही कैदियों के साथ उषा आरोपी बनकर 2 दिन बाद जेल में होंगी. हालांकि पूरे मामले में जांच अभी भी जारी है. 30 से 32 संदिग्ध पुलिस और एसआईटी की नजर में है. कई और भी आरोपी इस मामले में बढ़ सकते हैं फिलहाल मुख्य 2 आरोपी और अन्य तीन गिरफ्तार हुए हैं.