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आपराधिक मामलों में नामजद छात्रों को भी अब कॉलेजों में मिलेगा प्रवेश, मंत्री ने दी ये दलील

स्कूल से कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों को लिए एक राहत भरी खबर है. दरअसल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने फैसला किया है कि जिन छात्रों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं, और वे आरोपी सिद्ध नहीं हुए है. उन छात्रों की शिक्षा को रोका नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि, 'ऐसा करना छात्रों के साथ ज्यादती होगी. बता दें कि मंत्री ने ऐसे सभी छात्रों के एडमिशन को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं.

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उज्जैन न्यूज
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Published : Jul 31, 2021, 1:15 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 1:33 PM IST

उज्जैन। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने स्कूल से कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल ये फैसला उन छात्रों के हित में है जिनपर अपराधिक मामले दर्ज हैं, और वे आरोपी सिद्ध नहीं हुए है. मंत्री यादव ने वीडियो जारी कर कहा कि जब लोकतंत्र में नेता मंत्रियों पर दर्ज मामलों के बावजूद उन्हें लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लड़ने का अधिकार होता है, तो छात्र की शिक्षा को भी नहीं रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि, 'ऐसा करना छात्रों के साथ ज्यादती होगी. विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों के सुझाव के बाद उन्होंने ये फैसला किया है. साथ ही उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर को इसे लागू करने के आदेश जारी किए हैं. प्रदेश में अब ऐसे सभी छात्रों को एडमिशन मिल सकेगा.

क्या है पूर्व का नियम और विभाग की लापरवाही
हाल ही में 15 दिन पहले उच्च शिक्षा विभाग ने 15 जुलाई को एक आदेश जारी किया, जिसमें (छिपाया गया) साफ तौर पर कहा गया कि जिन आवेदक के खिलाफ कोर्ट में अपराधिक मामले चल रहे हैं, या चालान प्रस्तुत किया जा चुका है और परीक्षा में छात्रों/अधिकारी/कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार/मारपीट करने के गंभीर प्रमाणित आरोप हैं, या उनमें चेतावनी के बाद भी सुधार नहीं देखा जा रहा है. तो ऐसे छात्रों को प्रवेश देने के लिए प्राचार्य स्वीकृति नही देंगे.

आदेश नहीं किया गया साझा
अब इस पूरे मामले में विभाग की लापरवाही सामने आई है. वो ये की 15 जुलाई को जारी आदेश अब तक किसी से साझा नहीं किया गया इसका कारण? और अचानक 15 दिन में ही एडमिशन के एक दिन पहले महीने के अंत में उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा आदेश में बदलाव करना कहीं न कहीं विभाग को शंका के घेरे में खड़ा कर रहा है.

उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने क्या कहा
उच्च शिक्षा विभाग 12वीं का रिजल्ट आने के बाद स्नातक के प्रथम वर्ष के लिए में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर रहा है, पूर्व काल मे नियम था कि 12th तक के छात्रों पर यदि कोई मामला दर्ज है, तो उसे प्रिंसिपल चाहे तो प्रवेश नहीं देगा, लेकिन ये गलत कानून है.मंत्री ने आगे कहा कि विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी और अन्य लोगों द्वारा उन्हें सुझाव मिले हैं, जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया है. और फैसला लिया की अब ऐसा नहीं होगा.

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव

12वीं पास के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, हेड कांस्टेबल के पदों पर बंपर भर्ती


मंत्री ने जारी किए आदेश
मंत्री ने बताया कि, न्यायालय में प्रकरण जाने के बाद फैसला होने पर ही आरोपी सिद्ध होता है, उससे पहले उसे आरोपी मानकर प्रवेश नहीं देना गलत है, क्योंकि सरकार में भी कई नेता मंत्रियों पर प्रकरण दर्ज होते हैं. इसका मतलब ये नहीं की वे चुनाव नहीं लड़ते, लोकसभा और विधानसभा में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है, तो छात्रों की शिक्षा को भी रोकने का अधिकार किसी के पास नहीं है. हम उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रवेश देने जा रहे हैं.

उज्जैन। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने स्कूल से कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल ये फैसला उन छात्रों के हित में है जिनपर अपराधिक मामले दर्ज हैं, और वे आरोपी सिद्ध नहीं हुए है. मंत्री यादव ने वीडियो जारी कर कहा कि जब लोकतंत्र में नेता मंत्रियों पर दर्ज मामलों के बावजूद उन्हें लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लड़ने का अधिकार होता है, तो छात्र की शिक्षा को भी नहीं रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि, 'ऐसा करना छात्रों के साथ ज्यादती होगी. विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों के सुझाव के बाद उन्होंने ये फैसला किया है. साथ ही उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर को इसे लागू करने के आदेश जारी किए हैं. प्रदेश में अब ऐसे सभी छात्रों को एडमिशन मिल सकेगा.

क्या है पूर्व का नियम और विभाग की लापरवाही
हाल ही में 15 दिन पहले उच्च शिक्षा विभाग ने 15 जुलाई को एक आदेश जारी किया, जिसमें (छिपाया गया) साफ तौर पर कहा गया कि जिन आवेदक के खिलाफ कोर्ट में अपराधिक मामले चल रहे हैं, या चालान प्रस्तुत किया जा चुका है और परीक्षा में छात्रों/अधिकारी/कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार/मारपीट करने के गंभीर प्रमाणित आरोप हैं, या उनमें चेतावनी के बाद भी सुधार नहीं देखा जा रहा है. तो ऐसे छात्रों को प्रवेश देने के लिए प्राचार्य स्वीकृति नही देंगे.

आदेश नहीं किया गया साझा
अब इस पूरे मामले में विभाग की लापरवाही सामने आई है. वो ये की 15 जुलाई को जारी आदेश अब तक किसी से साझा नहीं किया गया इसका कारण? और अचानक 15 दिन में ही एडमिशन के एक दिन पहले महीने के अंत में उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा आदेश में बदलाव करना कहीं न कहीं विभाग को शंका के घेरे में खड़ा कर रहा है.

उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने क्या कहा
उच्च शिक्षा विभाग 12वीं का रिजल्ट आने के बाद स्नातक के प्रथम वर्ष के लिए में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर रहा है, पूर्व काल मे नियम था कि 12th तक के छात्रों पर यदि कोई मामला दर्ज है, तो उसे प्रिंसिपल चाहे तो प्रवेश नहीं देगा, लेकिन ये गलत कानून है.मंत्री ने आगे कहा कि विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी और अन्य लोगों द्वारा उन्हें सुझाव मिले हैं, जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया है. और फैसला लिया की अब ऐसा नहीं होगा.

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव

12वीं पास के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, हेड कांस्टेबल के पदों पर बंपर भर्ती


मंत्री ने जारी किए आदेश
मंत्री ने बताया कि, न्यायालय में प्रकरण जाने के बाद फैसला होने पर ही आरोपी सिद्ध होता है, उससे पहले उसे आरोपी मानकर प्रवेश नहीं देना गलत है, क्योंकि सरकार में भी कई नेता मंत्रियों पर प्रकरण दर्ज होते हैं. इसका मतलब ये नहीं की वे चुनाव नहीं लड़ते, लोकसभा और विधानसभा में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है, तो छात्रों की शिक्षा को भी रोकने का अधिकार किसी के पास नहीं है. हम उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रवेश देने जा रहे हैं.

Last Updated : Jul 31, 2021, 1:33 PM IST
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