उज्जैन। उज्जैन में सावन के सातवें सोमवार पर महाकाल मंदिर में अल सुबह 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए. सबसे पहले बाबा महाकाल को जल चढ़ाकर दूध, घी, शहद, शक्कर व दही से पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद बाबा का भांग से आज नागपंचमी होने पर नागचंद्रेश्वर के रूप में श्रृंगार किया गया. फिर भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित की गई. वहीं, भस्म आरती के बाद बाबा का चंदन, फल, व वस्त्र से भी विशेष श्रृंगार किया गया.
भस्म आरती में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़: इस बार श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती के दौरान भी दर्शन की व्यवस्था की गई है, जिसमें महाकाल प्रबंधक समिति ने 40 मिनट में श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की व्यवस्था की है. वहीं, रविवार से ही लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं को एक साथ तीन दर्शन करने को मिल रहे हैं. पहला नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर के दर्शन, तो वहीं भस्म आरती के दर्शन और अंत में वे बाबा की सवारी के दर्शन कर सकेंगे.
महाकाल के दर्शन मात्र से ही सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं: सावन का महीना भगवान महाकाल का अति प्रिय महीना होता है. ऐसे में श्रद्धालु भगवान महाकाल को प्रसन्न करने के लिए अनेकों प्रकार के जतन करते हैं. श्रद्धालु भगवान महाकाल की उपासना करते हैं. माना जाता है कि भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से ही सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है और इसके अलावा यदि कोई श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान महाकाल को एक बेलपत्र चढ़ाए, तो बाबा उसकी इच्छाएं पूर्ण करते हैं और यह सिलसिला पूरे सावन तक ऐसे ही चलता रहता है.
लाइव दर्शन की व्यवस्था मंदिर प्रबंध समिति द्वारा समिति की वेबसाईट पर: www.mahakaleshwar.nic.in एवं फेसबुक पेज पर भगवान महाकाल की भस्म आरती और नागपंचमी के दर्शन व दिन भर दर्शन के साथ- साथ सवारी का सीधा प्रसारण (लाईव) देखा जा सकता है.ऐसे में उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बाबा श्री महाकाल के दर्शन व सवारी के सीधे प्रसारण का लाभ घर पर ही प्राप्त कर सकेंगे.