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जन्माष्टमी पर सजाया गया उज्जैन का सांदीपनि आश्रम, श्री कृष्ण ने यहीं ग्रहण की थी शिक्षा - उज्जैन न्यूज

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में मंदिर को सजाया गया है. रात 12 बजे भगवान कृष्ण की आरती के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है.

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उज्जैन का सांदीपनि आश्रम
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Published : Aug 11, 2020, 10:25 AM IST

उज्जैन। जन्माष्टमी के पर्व पर उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में मंदिर को सजाया गया है. मंदिर में देर रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण की आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोल दिया गया है. सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण ने गुरु सांदीपनि से 64 कलाओं का ज्ञान, 14 विद्याएं और 16 कला सीखी थीं. हालांकि मंदिर पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए दर्शन करने की अनुमति दी गई है.

उज्जैन का सांदीपनि आश्रम

करीब 5 हजार साल पहले श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा के साथ उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने आए थे. श्री कृष्ण ने उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में रहकर 64 ही दिन में 64 विद्या और 16 कला का ज्ञान सिखा था. इसी कारण इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. जन्माष्टमी के पर्व पर श्रद्धालु दूर-दूर से सांदीपनि आश्रम पहुंचते हैं. देर रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण और सांदीपनि जी की आरती के बाद मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया, सुबह से ही आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया है.

इसी मौके पर आज भगवान श्री कृष्ण के मंदिर को सजाया गया है और दिन भर होने वाले कार्यक्रम को लेकर भी काफी उत्साह मंदिर में देखने को मिल रहा है. ये मंदिर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान श्री कृष्ण, बलराम सहित उनके खास दोस्त सुदामा और गुरु सांदीपनि की मूर्ति एक ही जगह पर विराजित है. इन मान्यताओं के चलते जन्माष्टमी पर संदीपनि आश्रम में श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं. फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालुओं को केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.

उज्जैन। जन्माष्टमी के पर्व पर उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में मंदिर को सजाया गया है. मंदिर में देर रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण की आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोल दिया गया है. सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण ने गुरु सांदीपनि से 64 कलाओं का ज्ञान, 14 विद्याएं और 16 कला सीखी थीं. हालांकि मंदिर पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए दर्शन करने की अनुमति दी गई है.

उज्जैन का सांदीपनि आश्रम

करीब 5 हजार साल पहले श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा के साथ उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने आए थे. श्री कृष्ण ने उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में रहकर 64 ही दिन में 64 विद्या और 16 कला का ज्ञान सिखा था. इसी कारण इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. जन्माष्टमी के पर्व पर श्रद्धालु दूर-दूर से सांदीपनि आश्रम पहुंचते हैं. देर रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण और सांदीपनि जी की आरती के बाद मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया, सुबह से ही आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया है.

इसी मौके पर आज भगवान श्री कृष्ण के मंदिर को सजाया गया है और दिन भर होने वाले कार्यक्रम को लेकर भी काफी उत्साह मंदिर में देखने को मिल रहा है. ये मंदिर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान श्री कृष्ण, बलराम सहित उनके खास दोस्त सुदामा और गुरु सांदीपनि की मूर्ति एक ही जगह पर विराजित है. इन मान्यताओं के चलते जन्माष्टमी पर संदीपनि आश्रम में श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं. फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालुओं को केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.

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