उज्जैन। सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर रही युवती से दुष्कर्म के आरोपी आरक्षक अजय अस्तेय को बचाने के लिए उसके दो आरक्षक साथी तबरेज, घनश्याम, रिश्तेदार बलराम सूर्यवंशी व अस्पताल के कर्मचारी जगदीश ने साजिश रची थी. ये आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर आरोपी को बचाने की फिराक में थे. लेकिन समय पर इनका फंडा फूट गया. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सोमवार को चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. मुख्य आरोपी अजय पहले से जेल में है.
DNA जांच में छेड़छाड़ की कोशिश
आरोपी पुलिस आरक्षक को बचाने के लिए जांच के लिए दिए गए DNA सैंपल में हेरफेर करने की बात सामने आई थी. आरोपी को बचाने के लिए उसके एक रिश्तेदार व साथी आरक्षक ने DNA जांच के लिए अपना स्पर्म और ब्लड सैंपल दे दिया था. जिससे आरोपी आरक्षक अजय पर लगे बलात्कार के आरोप झूठे साबित हो जाएं. मामले की सूचना जैसे ही एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल को लगी, तो उन्होंने मामले में जांच के आदेश दिए और इस षड्यंत्र का खुलासा हुआ. इन आरोपियों के खिलाफ भी धारा 376 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
शादी का झांसा देकर किया शोषण
मामला उज्जैन के उन्हेल इलाके का है. न्यू अशोक नगर में किराए के मकान में रहने वाली युवती सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी. युवती की दोस्ती पड़ोस में रहने वाले कॉन्स्टेबल अजय अस्तेय से हुई. पुलिस आरक्षक पर आरोप है कि उसने युवती को शादी का झांसा देकर उसका शोषण किया. 4 दिसंबर को युवती को अजय की सगाई किसी अन्य लड़की से होने का पता चला, तो उसने अजय के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करा दिया.पुलिस ने अजय को थाना नागझिरी क्षेत्र से तत्काल गिरफ्तार कर लिया.
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कोर्ट में पेश किए गए आरोपी
एसपी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ चार दिसंबर को बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में आरोपी की मेडिकल जांच डीएनए टेस्ट की एक प्रक्रिया होती है. जिसमें साथी आरक्षक ने धोखे से उसमें आरोपी को बचाने के लिए अपना टेस्ट करवा दिया. पता चलने पर मामले को तत्काल संज्ञान में लिया गया और साथी आरक्षक से पूछताछ की गई. तो पूरी सच्चाई सामने आई. इस मामले में चार लोग शामिल हैं. सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें भेज दिया गया है.