उज्जैन। सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में होली पर्व की शुरूआत हो गई है. भगवान महाकाल ने 40 क्विंटल फूलों के साथ होली खेली. विश्व में एकमात्र सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में होली की शुरूआत होती है. महाकाल मंदिर के पुजारियों ने भगवान महाकाल को फूलों से ढक दिया. वहीं महाकाल के दरबार में सुबह होने वाली भस्म आरती में हरिओम का जल चढ़ाया गया इसके पश्चात दूध दही घी शहद से पंचामृत अभिषेक कर भगवान महाकाल के मस्तक पर त्रिशूल, त्रिनेत्र, चांदी के चंद्र और मोगरे के गुलाब के फूलों को अर्पित कर राजा के रूप में श्रंगार किया गया.
क्या है परम्पराः उज्जैन महाकाल मंदिर में ये परंपरा है कि सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार महाकालेश्वर मंदिर से त्योहार की शुरूआत होती है और इसके बाद पूरे देश में शुरुआत होती है. वहीं सुबह होने वाली महाकाल की भस्म आरती में फूलों से भगवान महाकाल के साथ पुजारियों ने जमकर होली खेली, इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और ये नजारा देख सभी श्रद्धालु अभिभूत हो गए. इसके बाद पूरे देश में होली पर्व की शुरुआत हो जाएगी. फिलहाल आज शाम को भगवान महाकाल के आंगन में होलिका दहन किया जाएगा.
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भगवान महाकाल का श्रृंगारः आज सुबह होने वाली भगवान महाकाल की भस्म आरती में भगवान को राजा के रूप में श्रृंगार किया गया, वहीं मस्तक पर त्रिशूल, त्रिनेत्र, चांदी का चन्द्र फूलों से सजाया गया. इसके अलावा आज शाम को पवन महाकाल की संध्या आरती में महाकाल मंदिर के पुजारियों ने भगवान महाकाल के साथ अबीर-गुलाल उड़ा कर होली के पर्व की शुरुआत की जाएगी और इसके पश्चात भगवान महाकाल के आंगन में होलिका दहन किया जाएगा.