ETV Bharat / state

मनासा में एक दिन बाद मनाया जाता है डोल ग्यारस, लाखों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु

उज्जैन जिले के मनासा में डोल ग्यारस का पर्व एक दिन बाद मनाया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. भगवान की पूजा-अर्चना के बाद यहां मेले का भी आयोजन किया जाता है.

मनासा में एक दीन बाद मनाया जाता है डोल ग्यारस
author img

By

Published : Sep 11, 2019, 3:34 PM IST

उज्जैन। मंदिरों की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन के मनासा में एक दिन बाद डोल ग्यारस का पर्व मनाया जाता है. मंगलवार को ये पर्व यहां मनाया गया, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान मंदिरों से बेवाण निकले, जो बद्री विशाल के मंदिर पर इकट्ठा हुए. फिर वहां से राम तलाई की यात्रा शुरू की गई. नगर में जगह-जगह बेवाणों का स्वागत किया गया.

मनासा में एक दिन बाद मनाया जाता है डोल ग्यारस

बेवाणों का जुलूस राम तलाई पहुंचा, जहां भगवान को स्नान करवाया गया. स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर आरती की गई. इसके बाद सभी बेवाण अपने-अपने मंदिर की ओर रवाना हो गए. भगवान की पूजा-अर्चना के बाद नगर परिषद द्वारा मेले का आयोजन किया गया, जहां पर हजारों लोगों ने पहुंचकर भगवान के दर्शन के साथ मेले का आनंद लिया.

जिला कलेक्टर अजय गंगवार और पुलिस अधीक्षक राकेश सागर ने लोगों से सभी त्योहार आपसी भाईचारे के साथ मनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ताजिया और डोल कहीं रास्ते में मिले, तो आपसी सामंजस्य बनाकर सद्भावना का परिचय दें.

उज्जैन। मंदिरों की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन के मनासा में एक दिन बाद डोल ग्यारस का पर्व मनाया जाता है. मंगलवार को ये पर्व यहां मनाया गया, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान मंदिरों से बेवाण निकले, जो बद्री विशाल के मंदिर पर इकट्ठा हुए. फिर वहां से राम तलाई की यात्रा शुरू की गई. नगर में जगह-जगह बेवाणों का स्वागत किया गया.

मनासा में एक दिन बाद मनाया जाता है डोल ग्यारस

बेवाणों का जुलूस राम तलाई पहुंचा, जहां भगवान को स्नान करवाया गया. स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर आरती की गई. इसके बाद सभी बेवाण अपने-अपने मंदिर की ओर रवाना हो गए. भगवान की पूजा-अर्चना के बाद नगर परिषद द्वारा मेले का आयोजन किया गया, जहां पर हजारों लोगों ने पहुंचकर भगवान के दर्शन के साथ मेले का आनंद लिया.

जिला कलेक्टर अजय गंगवार और पुलिस अधीक्षक राकेश सागर ने लोगों से सभी त्योहार आपसी भाईचारे के साथ मनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ताजिया और डोल कहीं रास्ते में मिले, तो आपसी सामंजस्य बनाकर सद्भावना का परिचय दें.

Intro:मंदिरों की नगरी मनासा में एक दीन बाद मनाया जाता है डोल ग्यारस का पर्व -लाखो की संख्या में पहुचते है श्रद्धालु
Body:मंदिरों की नगरी मनासा में एक दीन बाद मनाया जाता है डोल ग्यारस का पर्व -लाखो की संख्या में पहुचते है श्रद्धालु


मनासा मंगलवार को नगर में ढोल ग्यारस पर व आस्था के साथ मनाया गया मंदिरों से बेवाण निकले जो बद्री विशाल मंदिर पर इकट्ठा हुए जहां से राम तलाई के लिए रवाना हुए डोल ग्यारस पर्व दोपहर 2:00 बजे नायक बद्री विशाल मंदिर से सभी मंदिरों के भगवान का विवाह ढोल धमाकों का अखाड़ा के साथ निकले आस्था के कंधों पर बाण उठाएं भक्त चल रहे थे नगर में जगह-जगह बेवाणओ का स्वागत किया गया मंदसौर रोड स्थित राम तलाई पर पहुंचा जहां भगवान का स्नान करवाया गया वहीं पंडित रमेश ओझा ने कथा वाचक सुनाई स्नान के बाद पूजा अर्चना कर आरती की गई इसके बाद सभी अपने-अपने मंदिर की ओर रवाना हुए नगर परिषद द्वारा मेले का आयोजन किया गया जहां पर हजारों लोगों ने पहुंचकर भगवान के दर्शन के साथ ही मेले का आनंद भी लिया ढोल ग्यारस फोरम एक साथ होने से जिला कलेक्टर अजय गंगवार व पुलिस अधीक्षक राकेश सागर मनासा पहुंचे जिन्होंने गणमान्य नागरिकों के साथ थाने पर दोनों पक्षों की बैठक कर सभी त्योहारों आपसी भाई चारे के साथ मनाने की बात कही कलेक्टर एसपी ने कहा कि ताजी ढोल का कहीं रास्ते में सिंह हो वहां पर आपसी सामंजस बना कर सद्भावना का परिचय दें कलेक्टर एसपी ने कुकडेश्वर रामपुरा पहुंचकर भी जायजा लिया

बाइट-गणपत दास बैरागी -पंडितConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.