ETV Bharat / bharat

साइबर क्राइम के लिए वॉट्सऐप का हो रहा सबसे ज्यादा यूज, टेलीग्राम-इंस्टाग्राम भी बने स्कैमर्स की पसंद: गृह मंत्रालय - HOME MINISTRY

केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी की कुल 43,797 शिकायतें दर्ज की गईं.

whatsapp
साइबर क्राइम के लिए सबसे ज्यादा यूज हो रहा वॉट्सऐप (सांकेतिक तस्वीर)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 1, 2025, 3:40 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों के लिए पंसदीदा जगह बना हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप के बाद टेलीग्राम और इंस्टाग्राम ऑनलाइन घोटालेबाजों के लिए पसंदीदा शिकारगाहों में से एक बना हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 के पहले तीन महीनों में वॉट्सऐप के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी के संबंध में कुल 43,797 शिकायतें प्राप्त हुईं, इसके बाद टेलीग्राम के खिलाफ 22,680 और इंस्टाग्राम के खिलाफ 19,800 शिकायतें मिलीं.

वार्षिक गृह मंत्रालय की 2023-24 रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधी क्राइम को करने के लिए गूगल सर्विस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. गूगल ऐड प्लेटफॉर्म सीमा पार से टारगेट विज्ञापन के लिए एक सुविधाजनक सुविधा प्रदान करता है.

किन लोगों को बनाया जा रहा निशाना?
मंत्रालय की रिपोर्ट में लिखा है, "यह स्कैम, जिसे 'पिग बूचरिंग स्कैम' या 'इंवेस्टमेंट स्कैम' के रूप में जाना जाता है. एक वैश्विक घटना है और इसमें बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और यहां तक ​​कि साइबर स्लेवरी भी शामिल है. बेरोजगार युवाओं, हाउस वाइफ, स्टूडेंट्स और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाया जाता है."

I4C ने डिजिटल लेंडिंग ऐप और इसके सिग्नल को चिह्नित करने और साइबर जालसाजों द्वारा गूगल के फायरबेस डोमेन (फ्री होस्टिंग) का दुरुपयोग, एंड्रॉयड बैंकिंग मैलवेयर (Hashes) और कई अन्य जैसे एक्टिल कार्यों के लिए खुफिया जानकारी और सिग्नल शेयर करने के लिए गूगल और फेसबुक के साथ भागीदारी की है.

अवैध लेंडिंग ऐप लॉन्च का इस्तेमाल
स्पॉन्सर फेसबुक विज्ञापनों का इस्तेमाल संगठित साइबर अपराधियों द्वारा भारत में अवैध लेंडिंग ऐप लॉन्च करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. इस तरह के लिंक को एक्टिव रूप से पहचाना जाता है और आवश्यक कार्रवाई के लिए फेसबुक पेजों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ शेयर किया जाता है.

I4C देश भर के संस्थानों में साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध की जांच और डिजिटल फोरेंसिक में ट्रेनिंग देने के लिए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सभी स्तंभों यानी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, फोरेंसिक परीक्षकों, अभियोजकों और न्यायाधीशों की कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए प्रयास कर रहा है.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत किसको मिलता है फ्री सिलेंडर और कैसे करें आवेदन? जानें सबकुछ

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों के लिए पंसदीदा जगह बना हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप के बाद टेलीग्राम और इंस्टाग्राम ऑनलाइन घोटालेबाजों के लिए पसंदीदा शिकारगाहों में से एक बना हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 के पहले तीन महीनों में वॉट्सऐप के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी के संबंध में कुल 43,797 शिकायतें प्राप्त हुईं, इसके बाद टेलीग्राम के खिलाफ 22,680 और इंस्टाग्राम के खिलाफ 19,800 शिकायतें मिलीं.

वार्षिक गृह मंत्रालय की 2023-24 रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधी क्राइम को करने के लिए गूगल सर्विस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. गूगल ऐड प्लेटफॉर्म सीमा पार से टारगेट विज्ञापन के लिए एक सुविधाजनक सुविधा प्रदान करता है.

किन लोगों को बनाया जा रहा निशाना?
मंत्रालय की रिपोर्ट में लिखा है, "यह स्कैम, जिसे 'पिग बूचरिंग स्कैम' या 'इंवेस्टमेंट स्कैम' के रूप में जाना जाता है. एक वैश्विक घटना है और इसमें बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और यहां तक ​​कि साइबर स्लेवरी भी शामिल है. बेरोजगार युवाओं, हाउस वाइफ, स्टूडेंट्स और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाया जाता है."

I4C ने डिजिटल लेंडिंग ऐप और इसके सिग्नल को चिह्नित करने और साइबर जालसाजों द्वारा गूगल के फायरबेस डोमेन (फ्री होस्टिंग) का दुरुपयोग, एंड्रॉयड बैंकिंग मैलवेयर (Hashes) और कई अन्य जैसे एक्टिल कार्यों के लिए खुफिया जानकारी और सिग्नल शेयर करने के लिए गूगल और फेसबुक के साथ भागीदारी की है.

अवैध लेंडिंग ऐप लॉन्च का इस्तेमाल
स्पॉन्सर फेसबुक विज्ञापनों का इस्तेमाल संगठित साइबर अपराधियों द्वारा भारत में अवैध लेंडिंग ऐप लॉन्च करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. इस तरह के लिंक को एक्टिव रूप से पहचाना जाता है और आवश्यक कार्रवाई के लिए फेसबुक पेजों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ शेयर किया जाता है.

I4C देश भर के संस्थानों में साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध की जांच और डिजिटल फोरेंसिक में ट्रेनिंग देने के लिए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सभी स्तंभों यानी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, फोरेंसिक परीक्षकों, अभियोजकों और न्यायाधीशों की कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए प्रयास कर रहा है.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत किसको मिलता है फ्री सिलेंडर और कैसे करें आवेदन? जानें सबकुछ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.