मंडला: विश्व प्रसिद्ध कान्हा टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की वार्षिक फेस 4 की गणना चल रही है. गणना 29 दिसंबर से प्रारंभ हुई है जो एक सप्ताह तक चलेगी. इस काम को करने के लिए लगभग 600 वन्य कर्मी हर दिन प्रत्येक बीट में पैदल चल रहे हैं. ये सभी लोग बाघ, तेंदुआ और बारासिंघा समेत दूसरे वन्यजीवों के चिन्हों को एक ऐप के जरिए जमा कर रहे हैं. इसके आधार पर पार्क क्षेत्र में रह रहे वन्यजीवों की जनसंख्या का आकलन किया जाएगा.
स्ट्राइप इकोलॉजिकल ऐप का प्रशिक्षण
गणना करने से पहले कान्हा प्रबंधन द्वारा वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सहयोग से 6 दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये गए. इसमें गणना में शामिल सभी वन्य कर्मियों को हर पहलुओं की जानकारी दी गई. साथ ही सभी को स्ट्राइप इकोलॉजिकल ऐप का प्रशिक्षण दिया गया. ऐप के जरिए वन्यजीवों के चिन्हों का संकलन किया जाएगा.
कान्हा नेशनल पार्क के सहायक संचालक पुनीत गोयल ने कहा, "डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट का पूरा अमला वन्य जीवों की वार्षिक फेस 4 गणना में लगा है. इसमें वन्यजीवों के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष चिन्हों के आधार पर अंदाजा लगाया जाता है कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों की कितनी संख्या है."
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आतिशबाजी पर 5 जनवरी तक प्रतिबंध
विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क में नव वर्ष के मौके पर सभी रिसॉर्ट, होटल और लॉज में मनाए जाने वाले कार्यक्रमों में डीजे और आतिशबाजी के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है. वन्य जीवों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए प्रतिबंध ने फैसला लिया है. यह आदेश कान्हा के कोर और बफर सहित इको सेंसिटिव जोन में 5 जनवरी तक लागू रहेगा.
आदेश के उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई
कान्हा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर (कोर) पुनीत गोयल ने कहा, "नव वर्ष की छुट्टियों में बड़ी संख्या में पर्यटक कान्हा आते हैं. ऐसे में कभी-कभी ध्वनि प्रदूषण के मामले भी सामने आते हैं. पार्टी में डीजे बजाने से वन्य जीवों को परेशानियां होती हैं. इसके लिए सर्वप्रथम लॉज एसोसिएशन के साथ बैठक की गई, जिसमें सभी ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने पर सहमति जताई है. नव वर्ष के समय में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है, ताकि इस क्षेत्र में कोई भी तेज ध्वनि का यंत्र इस्तेमाल न करें. प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन की शिकायत आने पर पुलिस और प्रशासन यंत्र को जब्त कर संस्था पर जुर्माना लगा सकता है."