भोपाल: साल 2025 के पहले दिन यानि आज से मध्य प्रदेश की जेलों में बंदियों को दी जाने वाली 130 साल पुरानी व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है. पहली बार ऐसा हो रहा है जब कैदियों को दिए जाने वाले मेन्यू में सलाद को शामिल किया गया है, तो वहीं अब जेल में बंदियों को मिलनी वाली चाय के लिए दूध और चाय पत्ती की मात्रा में भी इजाफा किया गया है. इसके साथ महिलाओं को जेल में शैम्पू और हेयर रिमूवर क्रीम की सुविधा भी मिलेगी.
जेल विभाग को नाम भी बदला
दरअसल, सरकार ने प्रिजन एक्ट 1894 में संशोधन करते हुए जेल विभाग को नाम बदलकर बंदीग्रह एवं सुधारात्मक विभाग और जेल मुख्यालय का नाम सुधारात्मक एवं बंदीगृह संचालनालय किया गया है. इसमें जेल का नाम बंदीगृह एवं सुधारात्मक संस्था करने, जेल अधिकारी का नाम सुकरात्मक सेवा अधिकारी करने का प्रावधान किया गया है. अधिनियम में जेलों में बंद खूंखार अपराधियों, मैंगस्टर पर कड़े नियंत्रण का प्रावधान किया गया है.
महिला बंदियों को मिलेगा शैम्पू और क्रीम
पहली बार जेलों में बंदियों को खाने के साथ सलाद दी जाएगी. जेलों में नए न्यायधीशों के लिए नए चैंबर बनाए जाएंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर जेल में किसी प्रकरण की सुनवाई कर सके. हाईजीन का ध्यान रखते हुए महिला बंदियों को हर महीने हेयर रिमूवर क्रीम और उन्हें हर सप्ताह शैंपू दिया जाएगा. वर्तमान में प्रदेश की जेलों में करीब 1900 महिला बंदी है.
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2 अक्टूबर से लागू होना था अधिनियम
बता दें कि प्रदेश में बीते 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती से मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह अधिनियम-2024 लागू किया जाना था. सरकार ने अक्टूबर से अधिनियम का क्रियान्वयन किए जाने को लेकर बीते 13 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन जेल विभाग के अधिकारी अंग्रेजी में अधिनियम के रुल तैयार करना भूल गए थे. इसमें साथ ही एक्ट में कुछ त्रुटियां सामने आई थी. इस कारण अधिनियम को एक जनवरी 2025 से लागू किया जा रहा है.