वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जब से पदभार संभाला है तभी से बड़े और कड़े फैसले ले रहे हैं. इसी सिलसिले में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट पर भी बैन लगा दिया है. न्यूज एजेंसी सीएनएन ने इस खबर की पुष्टि की है.
ट्रंप के जारी किए आदेश में कहा गया है कि हेग की कोर्ट ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद यह फैसला लिया गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि कोर्ट ने ऐसा आदेश देकर अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है. बता दें, नेतन्याहू ने मंगलवार को ट्रंप से मुलाकात की थी.
जानें ट्रंप के आदेश में क्या है?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जारी किए गए आदेश में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट (आईसीससी) अफगानिस्तान में अमेरिकी और गाजा में इजरायली सैनिकों के खिलाफ आधारहीन कार्रवाई में लगा हुआ था. इसके साथ-साथ ट्रंप ने आईसीसी के अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों समेत कार्रवाई में शामिल किसी भी शख्स के खिलाफ संपत्ति जब्त करने और ट्रैवल करने पर बैन लगाने का आदेश दिया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आईसीसी वारंट, जिसकी उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी निंदा की थी, ने नेतन्याहू और गैलेंट पर 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के लिए युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया था.
बता दें, आईसीसी ने याह्या सिनवार सहित हमास के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी की भी मांग की थी, जिनकी बाद में हत्या कर दी गई थी. ICC के इस कदम की कांग्रेस में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ने आलोचना की. आलोचकों का तर्क है कि वारंट अमेरिका के एक प्रमुख सहयोगी के नेता और एक आतंकवादी संगठन के नेता के बीच गलत समानता पैदा करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि न तो अमेरिका और न ही इजरायल ICC के सदस्य हैं, लेकिन वारंट उन 124 हस्ताक्षरकर्ता देशों में से किसी की भी यात्रा को मुश्किल बनाते हैं, जिन्हें कानूनी तौर पर अदालत के फैसलों को लागू करने की आवश्यकता होती है.
सीएनएन कि रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने आईसीसी के वारंट को 'बेतुका और यहूदी विरोधीट बताकर खारिज कर दिया.
पढ़ें: 'फिलीस्तीनियों को गाजा से बाहर करने के लिए योजना बनाओ', इजराइली रक्षा मंत्री का सेना को आदेश