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शनिश्चरी अमावस्या पर उज्जैन में उमड़े श्रद्धालु, त्रिवेणी में पानी कम होने से डुबकी नहीं लगा सके, प्रशासन ने फव्वारे लगाए - शनिचरी अमवस्या का विशेष महत्व

शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) पर उज्जैन के शनि मंदिर में हजारों श्राद्धालुओं ने दर्शन किए. त्रिवेणी संगम शिप्रा नदी घाट पर कई राज्यों से आए श्रद्धालु शिप्रा नदी पहुंचे, लेकिन वे डुबकी नहीं लगा सके, क्योंकि नदी में पानी कम होने के कारण प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी थी. प्रशासन ने स्नान के लिए घाटों पर फव्वारों की व्यवस्था की थी. (Devotees gathered in Ujjain) (Devotees could not take a dip in Triveni) (Administration installed fountains in Ujjain) (Shanishchari Amavasya in Ujjain)

Devotees gathered in Ujjain
शनिश्चरी अमावस्या पर पर उज्जैन में श्रद्धालु
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Published : Apr 30, 2022, 10:39 AM IST

उज्जैन। शनिश्चरी अमावस्या पर इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी शनि मंदिर पर त्रिवेणी संगम शिप्रा नदी घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी. कई राज्यों से आए श्रद्धालु शिप्रा नदी में आस्था की डुबकी नहीं लगा सके. प्रशासन ने स्नान के लिए घाटों पर फव्वारों की व्यवस्था की थी. पर्व के मद्देनजर नव ग्रह शनि मंदिर को फूलों से सजाया गया था. शनि महाराज को राजा के रूप में पगड़ी पहनाकर आकर्षक श्रृंगार किया गया.

सुबह 8 बजे तक 30 हजार श्रद्धालु पहुंचे : उज्जैन शनि मंदिर के पंडित ने बताया कि देर रात 12 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ आना शुरू हो गयी थी. सुबह 8 बजे तक लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए थे. अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म भी किया जाता है. इस दिन स्नान और दान का भी विशेष महत्त्व होता है. शनि मंदिर के पुजारी जितेंद्र बैरागी ने बताया कि शनिवार के दिन अमावस्या की तिथि पड़ने के कारण इस दिन शनि देव की पूजा करने से विशेष शांति होती है.

Devotees gathered in Ujjain
शनिश्चरी अमावस्या पर पर उज्जैन में श्रद्धालु

रुक जाना नहीं...हताश ना हों छात्र, सरकार की इस योजना के तहत असफल विद्यार्थियों को मिलेगा दोबारा मौका

शनिचरी अमवस्या का विशेष महत्व : दरअसल, शनिचरी अमवस्या पर उज्जैन में त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं. यहां शिप्रा में डुबकी लगाकर मंदिर के दर्शन करते हैं. इसके बाद पनोती के रूप में अपने कपड़े और जूते-चप्पल यहीं छोड़ जाते हैं. जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या चल रही है. जो लोग पितृ दोष, काल सर्प योग, अशुभ गृह योग सहित अन्य कठनाइयों से घिरे हैं, उन्हें इस दिन शनिदेव की पूजा से लाभ मिलता है. (Devotees gathered in Ujjain) (Devotees could not take a dip in Triveni) (Administration installed fountains in Ujjain) (Shanishchari Amavasya in Ujjain)

उज्जैन। शनिश्चरी अमावस्या पर इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी शनि मंदिर पर त्रिवेणी संगम शिप्रा नदी घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी. कई राज्यों से आए श्रद्धालु शिप्रा नदी में आस्था की डुबकी नहीं लगा सके. प्रशासन ने स्नान के लिए घाटों पर फव्वारों की व्यवस्था की थी. पर्व के मद्देनजर नव ग्रह शनि मंदिर को फूलों से सजाया गया था. शनि महाराज को राजा के रूप में पगड़ी पहनाकर आकर्षक श्रृंगार किया गया.

सुबह 8 बजे तक 30 हजार श्रद्धालु पहुंचे : उज्जैन शनि मंदिर के पंडित ने बताया कि देर रात 12 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ आना शुरू हो गयी थी. सुबह 8 बजे तक लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए थे. अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म भी किया जाता है. इस दिन स्नान और दान का भी विशेष महत्त्व होता है. शनि मंदिर के पुजारी जितेंद्र बैरागी ने बताया कि शनिवार के दिन अमावस्या की तिथि पड़ने के कारण इस दिन शनि देव की पूजा करने से विशेष शांति होती है.

Devotees gathered in Ujjain
शनिश्चरी अमावस्या पर पर उज्जैन में श्रद्धालु

रुक जाना नहीं...हताश ना हों छात्र, सरकार की इस योजना के तहत असफल विद्यार्थियों को मिलेगा दोबारा मौका

शनिचरी अमवस्या का विशेष महत्व : दरअसल, शनिचरी अमवस्या पर उज्जैन में त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं. यहां शिप्रा में डुबकी लगाकर मंदिर के दर्शन करते हैं. इसके बाद पनोती के रूप में अपने कपड़े और जूते-चप्पल यहीं छोड़ जाते हैं. जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या चल रही है. जो लोग पितृ दोष, काल सर्प योग, अशुभ गृह योग सहित अन्य कठनाइयों से घिरे हैं, उन्हें इस दिन शनिदेव की पूजा से लाभ मिलता है. (Devotees gathered in Ujjain) (Devotees could not take a dip in Triveni) (Administration installed fountains in Ujjain) (Shanishchari Amavasya in Ujjain)

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