उज्जैन। साल 2022 के पहले दिन विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर (baba mahakal temple ujjain) में आस्था का सैलाब उमड़ा है. हर कोई भगवान की भक्ति में मस्त है. जय जयकार के जयकारों से पूरी नगरी में भक्ति मय माहौल है, लेकिन कहीं भक्तों का सैलाब कोरोना संक्रमण और ओमीक्रोन के मरीजों को शहर में दावत न दे दे. भक्तों की आस्था और सैलाब एक बड़ा संकट पैदा कर सकती है,
सुबह चार बजे से ही लाइनों में लग गए श्रद्धालु
नववर्ष के पहले दिन महाकाल मंदिर में सुबह चार बजे से श्रद्धालु (devotee in mahakal temple on new year) ठंड की परवाह किये बिना लम्बी-लम्बी लाइनों में खड़े थे. सुबह 6 बजे महाकाल मंदिर में भक्तों का प्रवेश शुरू हुआ. मात्र दो घंटों में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए. सामान्य भक्तों की लाइन तो एक किमी दूर चारधाम से शुरू हुई. करीब एक घंटे तक लाइन में लगकर श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किये. इस दौरान कोविड गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गयीं.
बेपरवाह नजर आया प्रशासनिक अमला
आस्था के आगे नतमस्तक प्रशासनिक अमला भी बेपरवाह नजर आया. कोई जिम्मेवार आम जन को मंदिर के गेट पर टोकता नजर नहीं दिखा. लापरवाही श्राद्धालुओं की भी देखने को मिली. यहां उज्जैन ही नहीं देश के हर कोने से श्रद्धालु बाबा के दर्शन लाभ लेने पहुंचे हैं.
उज्जैन में हो न जाए कोरोना विस्फोट
उज्जैन में साल के अंतिम दिन शुक्रवार को 6 (corona case in ujjain) लोग संक्रमित मिलने के बाद भी मंदिर में बिना मास्क के श्रद्धालु घूमते रहे है. सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नहीं दिखाई दी. शहर में कुल 26 केस एक्टिव होने से चिंता बढ़ती जा रही है. महाकाल मंदिर के जिम्मेदारों ने श्रद्धालुओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. आने वाले दिनों में कोरोना विस्फोट का डर सताने लगा है.
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उज्जैन महाकाल के आसपास के होटलों-धर्मशालाओं की बात करें तो 500 वाले कमरे 1000 रुपये में, 1000 वाले कमरे 2000 रुपये में और 2000 रुपये वाले कमरे 3500 रुपये के बीच मिल रहे हैं. नए साल पर श्रद्धालु इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे की होटलों में कमरे ही कम पड़ गए. मंदिर के सामने वाले कई होटलों में आने वाली पांच तारीख तक बुकिंग फुल है.