इंदौर: विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस ने जोर-शोर से जातिगत जनगणना और संविधान का मुद्दा उठाया था. हालांकि विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में कांग्रेस को इस जातिगत गणना का कोई लाभ नहीं मिला. सोमवार को एक बार फिर जातिगत जनगणना का मुद्दा मध्य प्रदेश के महू में सुनने मिला. इंदौर के महू में कांग्रेस जय भीम जय बापू संविधान रैली का उद्घाटन करने राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, सहित कई प्रदेशों से दिग्गज कांग्रेस नेता पहुंचे. कांग्रेस सांसद व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महू में सबसे पहले जातिगत जनगणना को सार्वजनिक किए जाने की घोषणा की है.
जल्द जारी होंगे तेलंगाना के जातिगत जनगणना के आंकड़े
महू में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने तेलंगाना सरकार का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर तेलंगाना सरकार ने क्रांतिकारी तरीके से काम शुरू किया है. जहां सबसे पहले जाति जनगणना हो रही है. कुछ ही समय में हम दिखाने जा रहे हैं कि तेलंगाना में दलितों, गरीबों, आदिवासियों और माइनॉरिटी की जनसंख्या कितनी है. इन वर्गों का राज्य के संसाधनों पर कितने प्रतिशत हक है. राहुल गांधी ने कहा यह एक क्रांतिकारी निर्णय है. जिसके सार्वजनिक होने के बाद 90% आबादी को पता चल जाएगा की राज्य में हमारी आबादी कितनी है. उसके अनुरूप हमारे कितने हित और अधिकार हैं.
'पीएम मोदी रद्द करना चाहते हैं आरक्षण'
वहीं राहुल गांधी के बाद तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान बदलकर आरक्षण रद्द करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई संविधान बचाने और बदलने वालों के बीच है. जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तभी से संविधान को बदलकर आरक्षण रद्द करने की कोशिश हो रही है. राहुल गांधी इस बात को पहले ही समझ गए थे, इसलिए संविधान के पक्ष में लड़ाई जरूरी है. उन्होंने कहा जिस तरह की कोशिश गजनी और महाभारत के दौर में हुई, वैसे ही अब हो रही है.
जब अंग्रेजों को हराकर गांधी जी और सरदार वल्लभभाई पटेल और अंबेडकर जैसे लोगों ने देश को बचाया था. इस तरह से राहुल गांधी के साथ सब मिलकर संविधान को बचाएंगे. यह लड़ाई गांधी और गोडसे के बीच की लड़ाई है. इसलिए सब लोगों को गांधी का परिवार बनकर यह लड़ाई लड़नी है.
बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार
वहीं कांग्रेस के जातिगत जनगणना वाले बयान पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने बयान दिया है. अजय यादव ने कहा कि "कांग्रेस हमेशा समाज को जाति, धर्म के नाम पर बांटने का काम करती आई है. बीजेपी जातिगत जनगणना के खिलाफ नहीं है, लेकिन समाज को तोड़कर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश का बीजेपी विरोध करती है. कांग्रेस का उद्देश्य ही समाज में दरार डालकर वोट की राजनीति करने का रहा है, जबकि बीजेपी समाज को एक रखने की दिशा में काम करती आई है."
बता दें साल 2023 में राहुल गांधी ने पूरे देश में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से लेकर राजस्थान तक की सभाओं में प्राचार के दौरा जातिगत जनगणना का मुद्दा था. हालांकि उनको इस मुद्दे से कोई खास कामयाबी चुनाव परिणाम में नहीं मिली. कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों जगह चुनाव हार गई थी. हालांकि संविधान बचाने के मुद्दे में जरूर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुछ कामयाबी मिली है.
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गौरतलब है कि कि 2 अक्टूबर 2023 को बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे का आंकड़ा जारी किया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने जातिगत सर्वे के मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ के करीब बताई थी. जिसमें अति पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत, अत्यन्त वर्ग 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत, सर्वण 15.52 प्रतिशत.