उज्जैन। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए शासन ने आगर रोड पर स्थित आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहित किया है. सोमवार को अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी. जिसके बाद मरीज के परिजनों ने भारी हंगामा किया. इस घटना पर कलेक्टर आशीष चौहान ने चिंता जाहिर की है. साथ ही मरीजों के परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक परिजनों का कहना है कि मरीज के हाथ-पांव बांधे गए थे. इस बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. अस्पताल में जब मरीज अपने आपे से बाहर होता है और उसका खुद पर नियंत्रण नहीं होता है, तो उसकी सुरक्षा के लिए ये कदम उठाना पड़ता है. ये रूटीन प्रक्रिया है. ताकि वो खुद को नुकसान न पहुंचा सकें. उन्होंने कहा कि मरीज के परिजनों ने डॉक्टर्स और स्टॉफ से मार-पीट की. साथ ही कोविड वार्ड में मरीजों के साथ भी बदतमीजी की, जो गलत है. इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
हालांकि मामले को लेकर मृतका की बेटी ममता का कहना है कि डॉक्टर्स उनकी मां को बांधकर इलाज कर रहे थे. इस बारे में जब उन्होंने आपत्ति दर्ज की, तो ड्यूटी डॉक्टर ने उनके साथ मारपीट की. इसके बाद जब इस घटना की जानकारी उन्होंने अपने भाई को दी. उनका भाई भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान डॉक्टर ने किसी को फोन किया और अस्पताल में डॉक्टर्स की भारी भीड़ जमा हो गई. जिन्होंने पूरे परिवार के साथ मारपीट की. घटना से संबधित वीडियो भी जारी किए गए हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने हमारे खिलाफ ही कार्रवाई की है. हम पर केस दर्ज कर दिया है. उन्होंने सीएम शिवराज से गुहार लगाई है कि घटना की जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
हालांकि ये पहली बार नहीं है कि इस अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगे हों. शुरुआती दौर से यहां संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. एक भाजपा पार्षद कोरोना पॉजिटिव होने के बाद यहां भर्ती हुए थे, उन्होंने भी अव्यवस्थाओं को लेकर एक वीडियो बनाया था और फिर इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया था.अगले ही दिन अस्पताल में ही उनकी मौत भी हो गई थी.